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पहली बार टी20 वर्ल्ड कप फाइनल खेलने उतरी भारतीय महिला टीम इतने बड़े मौके और मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड जैसे बड़े स्टेज के दबाव को नहीं झेल पाई और इतिहास रचने की कोशिश में नाकाम रहीं. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को महिला टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में 85 रन से हराकर लगातार दूसरी बार खिताब जीत लिया.
ऑस्ट्रेलिया का ये लगातार दूसरा और कुल पांचवा टी20 वर्ल्ड कप खिताब है.
MCG के करीब 80 हजार दर्शकों के सामने फाइनल के लिए उतरी भारतीय टीम को मजबूत ऑस्ट्रेलिया के अनुभव के सामने बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
पहले बैटिंग करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने जीत के लिए 185 रन का लक्ष्य रखा था. मेजबान टीम के लिए ओपनर बेथ मूनी (नाबाद 78) और एलिसा हीली ने 75 रन बनाए, दोनों ने पहले विकेट के लिए 115 रन की पार्टनरशिप की थी.
जवाब में भारतीय टीम को बड़ी शुरुआत की जरूरत थी, लेकिन पहले 4 ओवरों में ही टीम की हार की नींव पड़ गई. पहले ही ओवर में भारत की सबसे सफल बल्लेबाज शेफाली वर्मा (2) आउट हो गईं. उनके बाद अगले ही ओवर में जेमिमा रॉड्रिग्ज भी बिना खाता खोले अपना विकेट गंवा बैठीं.
शेफाली इस वर्ल्ड कप में 5 पारियों में 163 रन बनाकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाली भारतीय बल्लेबाज रहीं. उनके अलावा सिर्फ दीप्ति शर्मा (116) ही भारत के लिए 100 से ज्यादा रन बना सकीं.
भारत को इस मैच के लिए अपनी सीनियर बल्लेबाज स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत कौर से बड़ी उम्मीदें थी. दोनों इस पूरे टूर्नामेंट में नाकाम रही थीं.
फिर क्रीज पर उतरीं हरमनप्रीत. टीम की कप्तान का आज जन्मदिन भी था. उस वक्त तक टीम की 3 बड़ी बल्लेबाज तो पवेलियन लौट चुकी थीं, लेकिन मुश्किल मौकों पर हरमन ने पहले भी अहम पारी खेली थीं. शायद आज वो दिन नहीं था और फाइनल का दबाव उन पर भी हावी हो गया और सिर्फ 4 रन बनाकर वो आउट हो गईं. भारत ने पावर प्ले तक सिर्फ 30 रन पर 4 विकेट गंवा दिए. हालांकि आउट होने से पहले
दीप्ति शर्मा और वेदा कृष्णमूर्ति ने हार का अंतर कम करने की कोशिश की, लेकिन वो भी नाकाफी रही. दोनों के बीच पांचवे विकेट के लिए 28 रन की साझेदारी हुई. वेदा 19 रन बनाकर आउट हो गईं.
भारत के लिए सबसे ज्यादा रन दीप्ति शर्मा ने बनाए. दूसरा विकेट गिरने के बाद क्रीज पर आईं दीप्ति ने अपनी तरफ से संघर्ष जारी रखा, लेकिन रनरेट बढ़ाने की कोशिश में वो भी आउट हो घीं. दीप्ति ने 33 रन बनाए.
भारतीय टीम ने सिर्फ 11 रन पर अपने आखिरी 4 विकेट गंवा दिए और ऑस्ट्रेलिया ने अपना पांचवा वर्ल्ड कप खिताब जीत लिया. हार से ज्यादा निराशा हार के अंदाज से रही. बॉलिंग में खराब प्रदर्शन के बाद टीम की बैटिंग और भी ज्यादा बुरी निकली. टीम न तो 100 रन ही बना पाई और न पूरे 20 ओवर ही खेल सकी.
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