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वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
इस बार वर्ल्ड कप में 7 खिलाड़ी ऐसे हैं, जो पहली बार वर्ल्ड कप टीम के कप्तान बने हैं. इनमें भी 2 ऐसे हैं, जिन्हें पिछले दो महीने के भीतर ही कप्तानी मिली है. और तो और एक जनाब तो अपने देश के सांसद भी हैं. ICC वर्ल्ड कप में इन कप्तानों पर अपनी टीमों की बड़ी जिम्मेदारियां हैं. एक नजर डालते हैं इन कप्तानों के खुद की फॉर्म और टीम्स के हालिया रिजल्ट पर-
इन 10 कप्तानों में सबसे तजुर्बेकार हैं ऑयन मॉर्गन, जिन्हें 2015 वर्ल्ड कप से ठीक पहले टीम की कप्तानी मिली थी. तब उनकी टीम ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई थी. फिर ECB ने अपना फोकस बदला और लिमिटेड ओवर क्रिकेट पर ध्यान दिया. नतीजा, चार साल बाद ये टीम इंग्लैंड की सबसे बेहतरीन वन-डे क्रिकेट टीम बनकर उभरी है और वर्ल्ड कप में दुनिया की नंबर एक वन-डे टीम के रूप में शामिल हो रही है.
पिछले वर्ल्ड कप को चार साल बीत चुके हैं. इन चार सालों में इंग्लैंड एक भी घरेलू सीरीज़ नहीं हारा है.
15 सदस्यों की टीम में 7 के खिलाड़ियों ने शतक लगाए हैं, जो कि दूसरी किसी भी टीम से ज्यादा है. तो क्या अब भी बताने की ज़रूरत है– कि इस बार वो क्यों फेवरिट टीम है?
मशरफे मुर्तजा भी लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप में अपनी टीम की अगुवाई कर रहे हैं. 2015 में इनकी अगुवाई में बांग्लादेश की टीम ने क्वार्टर फाइनल तक पहुंचकर अब तक का अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया था.
बांग्लादेश की सेना में शाकिब-अल-हसन हैं, जो इस वक्त दुनिया के नंबर वन ऑलराउंडर हैं. वैसे भी शाकिब अकसर बड़े मौकों पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते हैं. इस महीने की शुरुआत में इस टीम ने वेस्टइंडीज और आयरलैंड के साथ Triangular Series अपने नाम की थी. इस सीरीज में सौम्य सरकार लगातार तीन अर्धशतक लगाकर टॉप स्कोरर रहे.
वर्ल्ड कप में दूसरी बार कप्तानी करने वालों में अगला नाम है वेस्टइंडीज के जेसन होल्डर का. 2015 वर्ल्ड कप के मुकाबले इस बार कैरेबियन टीम से काफी उम्मीदें है. क्रिकेट बोर्ड के साथ विवाद के बाद आन्द्रे रसेल और क्रिस गेल अब फिर से टीम का हिस्सा हैं.
इस साल इंग्लैंड के खिलाफ दो सेंचुरी और दो हाफ सेंचुरी लगाकर गेल ने अपने इरादे भी साफ कर दिये हैं. साथ ही गेल को टीम का उपकप्तान भी बनाया गया है. ये गेल का पांचवां और शायद आखिरी वर्ल्ड कप है और गेल इसमें अपना सर्वेश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगे.
अब बात करते हैं वर्ल्ड कप में पहली बार कप्तानी कर रहे प्लेयर्स की. इस लिस्ट में पहला नाम है भारत के विराट कोहली का. पिछले वर्ल्ड कप के बाद से वन-डे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन, यानी 4,306 रन कोहली ने जड़े हैं. विराट कोहली वनडे में Top Rank बैट्समैन हैं और गेंदबाजी में उनके सबसे बड़े हथियार जसप्रीत बुमराह नंबर वन गेंदबाज हैं. स्टंप के पीछे एमएस धोनी जैसा अनुभव है, तो बल्लेबाजी में साथ हैं रोहित शर्मा और शिखर धवन जैसे ओपनर. इनके अलावा भुवी की स्विंग और कुल-चा की स्पिन जोड़ी भी साथ में है.
हालांकि टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी IPL के लंबे सीजन के बाद इस वर्ल्ड कप में शामिल होने जा रहे हैं और टीम ने आखिरी बार मार्च में ऑस्ट्रेलिया के साथ घरेलू सीरीज 3-2 से गंवाने के बाद कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है, तो ये एक परेशानी का कारण हो सकता है.
पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद हैं, जिनकी अगुवाई में दो साल पहले टीम ने इंग्लैंड में चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया था. इसे चमत्कार ही कहा जाएगा, क्योंकि ये टीम किसी की फेवरिट नहीं थी रैंकिंग में आठवें नम्बर पर थी. हालांकि, उसके बाद से टीम को 7 में से 5 वनडे सीरीज में मिली है.
इसी साल पहले ऑस्ट्रेलिया ने 5-0 से और फिर इंग्लैंड ने 4-0 से इस टीम को धोया. पिछले 14 वन–डे मैचों में टीम सिर्फ एक ही मैच जीत पाई है. अब टीम को मजबूती देने के लिए मोहम्मद आमिर को शामिल किया गया है, लेकिन क्या ये काफी है?
हालांकि, 1992 में इमरान खान की अगुवाई में वर्ल्ड कप जीतने से पहले भी टीम का प्रदर्शन निराशाजनक था, लेकिन वर्ल्ड कप की जीत ने सारी निराशाएं धो दी थीं.
टाइटल की बात करें, तो सामने ऑस्ट्रेलिया की टीम मजबूती के साथ खड़ी है. मौजूदा चैम्पियन टीम की अगुवाई ऐरॉन फिंच कर रहे हैं. स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की भी टीम में वापसी हुई है. वॉर्नर ने इस साल IPL में सबसे ज्यादा रन बनाए, तो स्मिथ वार्म-अप मैचों में कुछ बड़े स्कोर जड़े. कप्तान फिंच ने हाल में कुछ अहम जीत दर्ज की हैं.
कप्तानी की शुरुआत में 10 वनडे मैचों में से सिर्फ 2 जीतने वाले फिंच ने हाल ही में लगातार 8 जीत हासिल की हैं. 2015 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे मिचेल स्टार्क भी चोट से उबरकर टीम में शामिल हो चुके हैं. वर्ल्ड कप से पहले रैंकिंग के लिहाज से ऑस्ट्रेलिया की टीम पांचवें पायदान पर है.
साउथ अफ्रीकी टीम की कमान फाफ डु प्लेसी के हाथों में है. इस वर्ल्ड कप में शामिल सभी टीमों के कप्तानों में उनका रिकॉर्ड सबसे बेहतरीन है. उनकी अगुवाई में खेले गए 30 में से 25 वन-डे मैच साउथ अफ्रीका के नाम रहे हैं.
अपने चेन्नई सुपर किंग्स के अनुभव से सबक लेते हुए डु प्लेसी ने टीम में कुछ अनुभवी खिलाड़ी शामिल किये हैं. टीम के 5 सदस्य तीसरी बार वर्ल्ड कप मैच खेल रहे हैं. इस टीम में युवाओं का जोश भी शामिल है. अनुभव और युवा जोश से भरी इस टीम की कोशिश होगी कि वो चोकर्स का दाग अपने ऊपर से हटाकर पहला वर्ल्ड कप जीते.
2015 में रनर अप रही न्यूजीलैंड की टीम ने 2018 में लम्बे समय तक कोई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला. तैयारियों के लिहाज से भी टीम कोई अच्छी स्थिति में नहीं है, लेकिन केन विलियम्स की कप्तानी में इस टीम से इंग्लैंड में बड़ी जीत की उम्मीद जरूर है. घरेलू मैदान पर केन को 67 फीसदी मैचों में जीत मिली है, लेकिन देश से बाहर उन्होंने महज 38 फीसदी मैच जीते हैं. ऐसे में सवाल है कि क्या न्यूजीलैंड पिछले वर्ल्ड कप की सफलता दोहरा पाएगी.
अब बात करते हैं दो नए कप्तानों की. श्रीलंका के दिमुथ करुणारत्ने ने आखिरी वन-डे मैच 2015 के वर्ल्ड कप में खेला था. साउथ अफ्रीका में 5-0 से शर्मनाक हार के बाद उन्हें वर्ल्ड कप के लिए टीम का कप्तान बनाया गया.
2015 वर्ल्ड कप के बाद कई दिग्गजों के संन्यास से श्रीलंका की टीम कमजोर हुई और उसके बाद खेले गए 84 मैचों में से 55 में टीम को हार का मुंह देखना पड़ा है. क्या टेस्ट मैचों के स्पेशलिस्ट करुणारत्ने, इंग्लैंड में अपनी टीम की किस्मत बदल सकते हैं?
उधर अफगानिस्तान में पिछले महीने वर्ल्ड कप टीम का ऐलान हुआ, तो गुलबदीन नायब को कप्तानी दी गई. उसके बाद उनकी अगुवाई में उनकी टीम ने तीन वन-डे मैच खेले हैं, जिसमें 2 में जीत हासिल हुई है. आयरलैंड के खिलाफ एक मैच में गुलबदीन ने 43 रन देकर 6 विकेट भी हासिल किए थे.
अफगानिस्तान की पूरी टीम राशिद खान और मोहम्मद नबी के प्रदर्शन के आस-पास रहेगी. हालांकि, मोहम्मद शहजाद से भी बड़े स्कोर की उम्मीद रहेगी. लेकिन सवाल वही है - क्या अफगानिस्तान की टीम वर्ल्ड कप में कोई करिश्मा दिखाएगी?
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