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इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से शुरू हो रहे आईसीसी वर्ल्ड कप में इस बार 14 के बजाए 10 टीमें हिस्सा ले रही हैं. पिछले वर्ल्ड में भी खेल चुकी इन 10 टीमों में से 7 टीमों के कप्तान इस बार बदल गए हैं. सिर्फ बांग्लादेश के लिए मशरफे मुर्तजा, इंग्लैंड के लिए इयन मॉर्गन और वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ही हैं, जिन्होंने 2015 में भी कप्तानी की थी.
भारतीय टीम की कमान भी इस बार नए कप्तान के हाथ में हैं- विराट कोहली. बतौर कप्तान, कोहली के इर्द-गिर्द ही टीम इंडिया की बैटिंग भी घूमती है.
कोहली सातवें ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनको वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी करने का मौका मिल रहा है. कोहली से पहले भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े दिग्गजों को वर्ल्ड कप में टीम को लीड करने का सौभाग्य मिला.
भारत ने दो बार वर्ल्ड कप जीता और दोनों बार टीम के कप्तानों ने खास रोल निभाया. 1983 में कपिल का ऑलराउंड प्रदर्शन तो 2011 के फाइनल में धोनी की वो अहम पारी. लेकिन बाकी कप्तान वर्ल्ड कप में अपने प्रदर्शन ने कितना प्रभाव छोड़ पाए, उस पर डालते हैं एक नजर-
एक समय टेस्ट क्रिकेट में भारत के दिग्गज स्पिनर रहे एस. वेंकटराघवन वर्ल्ड कप में भारत के पहले कप्तान थे. 1975 में हुए पहले वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. भारत को सिर्फ एक जीत मिली, वो भी ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ.
1979 में हुए दूसरे वर्ल्ड कप में भी वेंकटराघवन को ही टीम की कमान सौंपी गई थी. इस वर्ल्ड में भारतीय टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई. यहां तक कि श्रीलंका जैसी नई टीम ने भी भारत को हरा दिया था.
दोनों ही वर्ल्ड कप में टीम के कप्तान वेंकटराघवन बिल्कुल बेअसर रहे और एक भी विकेट नहीं ले पाए.
भारत के सबसे महान तेज गेंदबाज और सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर कपिल देव ने भारत को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनाया था.
1983 में भारत के वर्ल्ड चैंपियन बनने में कपिल देव ने सही मायनों में टीम लीडर का रोल निभाया. जिंबाब्वे के खिलाफ कपिल के 175 रन आज भी वर्ल्ड कप की सबसे बेहतरीन इनिंग्स में से एक है. वर्ल्ड कप में कपिल टीम के टॉप स्कोरर थे.
1987 वर्ल्ड कप में एक बार फिर कपिल को टीम की कमान दी गई. भारत और पाकिस्तान में हुए इस वर्ल्ड कप में टीम सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हार गई.
1983 World Cup :
1987 World Cup :
अपने वक्त के सबसे स्टाइलिश बल्लेबाजों में से एक अजहर ने 3 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की कप्तानी की. अजहर ने अपने करियर में काफी रन बनाए. हालांकि, बतौर कप्तान वर्ल्ड कप में वो ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाए.
उनकी कप्तानी में भारत 1992 में लीग स्टेज से ही बाहर हो गया था, जबकि 1996 में सेमीफाइनल मैच में कोलकाता में हुए शर्मनाक वाकये के कारण टीम को मैच गंवाना पड़ा. 1999 में भी टीम सुपर सिक्स राउंड में बाहर हो गई.
अजहर 1992 वर्ल्ड कप में टीम के टॉप स्कोरर थे, लेकिन अगले दो वर्ल्ड कप में वो अपना प्रदर्शन नहीं दोहरा पाए.
भारत के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक सौरव गांगुली, टीम इंडिया के सबसे अच्छे बल्लेबाजों में से भी एक थे. खासतौर पर वनडे क्रिकेट में गांगुली ज्यादा आक्रामक और प्रभावी थे.
2003 वर्ल्ड कप में गांगुली टीम इंडिया के कप्तान थे. गांगुली ने न सिर्फ टीम को मजबूती से खड़ा किया, बल्कि खुद भी शानदार प्रदर्शन किया. फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार ने टीम इंडिया समेत पूरे देश का दिल तोड़ दिया था, लेकिन गांगुली और उनकी टीम ने सबको प्रभावित किया था.
गांगुली 2003 वर्ल्ड कप में सचिन के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे. गांगुली ने टूर्नामेंट में 3 शतक भी जड़े थे.
2003 World Cup
राहुल द्रविड़ भारत के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं. हालांकि, कप्तानी में द्रविड़ को वो सफलता हासिल नहीं हो पाई, जिसके वो हकदार थे.
राहुल द्रविड़ 2007 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के कप्तान थे. ये वो वर्ल्ड कप है, जिसे भारतीय क्रिकेट का कोई भी फैन याद नहीं रखना चाहेगा, लेकिन चाहकर भी इसे भुलाया नहीं जा सकता. भारतीय क्रिकेट के सबसे शर्मनाक प्रदर्शन में से एक ये वर्ल्ड कप भी था.
भारत को बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम से हारने के कारण ग्रुप स्टेज से ही बाहर होना पड़ा.
1999 वर्ल्ड कप में द्रविड़ टॉप स्कोरर थे, लेकिन बतौर कप्तान 2007 वर्ल्ड कप में पूरी टीम की तरह वो भी कुछ खास नहीं कर पाए.
2007 World Cup: मैच- 3, रन- 81, बेस्ट- 60, 40 एवरेज
धोनी को सिर्फ टीम इंडिया ही बल्कि दुनिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों में से एक माना जाता है. धोनी की कप्तानी में भारत 2007 वर्ल्ड टी20 चैंपियन बना, लेकिन उससे भी खास है 2011 की वर्ल्ड कप जीत.
2011 के फाइनल में गौतम गंभीर और फिर कप्तान धोनी की शानदार पारियों की बदौलत भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल बाद खिताब जीता था. हालांकि 2011 फाइनल में उनकी उस पारी को छोड़कर ज्यादातर मैचों में वो खास नहीं कर पाए.
इसी तरह 2015 वर्ल्ड कप एक बार फिर धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया सेमीफाइनल तक पहुंची, लेकिन वहां ऑस्ट्रेलिया से हारकर टीम बाहर हो गई.
बतौर कप्तान वर्ल्ड कप में धोनी अपने बल्ले से बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाए. हालांकि इसके लिए उनका बैटिंग ऑर्डर भी जिम्मेदार रहा है.
2011 World Cup: मैच- 9, रन- 241, बेस्ट- 91
2015 World Cup: मैच- 8, रन- 237, बेस्ट- 85
इस बार विराट कोहली टीम इंडिया के कप्तान हैं. विराट की कप्तानी को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन बतौर बल्लेबाज उनके गेम पर किसी को कोई शक नहीं है. विराट एक बल्लेबाज के तौर पर इस वक्त दुनिया में सबसे ऊपर हैं. खासतौर पर वनडे क्रिकेट में कोई भी उनके आस-पास भी नहीं है.
ऐसे में दुनिया के नंबर एक बैट्समैन से फैंस और टीम को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी और संभव भी है कि विराट निराश नहीं करेंगे, लेकिन उनका लक्ष्य अपने खुद के प्रदर्शन के अलावा वर्ल्ड कप जीतना भी रहेगा.
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