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भारतीय कप्तान विराट कोहली पर शनिवार को साउथैंप्टन में अफगानिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप मैच के दौरान आक्रामक तरीके से अपील करने के लिये मैच फीस का 25 फीसदी जुर्माना लगाया गया.
आईसीसी ने बताया कि ‘कोहली को खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ की आईसीसी की आचार संहिता की धारा 2.1 के उल्लघंन का दोषी पाया गया, जो एक अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान जरूरत से ज्यादा अपील से जुड़ी है.
आईसीसी की प्रेस रिलीज के अनुसार, ये आचार संहिता के लेवल एक का उल्लघंन है, जिसमें सबसे कम सजा मैच ऑफिशियल की फटकार होती है, जबकि सबसे बड़ी सजा खिलाड़ी की मैच फीस से 50 फीसदी की कटौती और साथ ही एक या दो डिमैरिट प्वाइंट होते हैं.
कोहली ने अपनी गलती मानते हुए इस जुर्माने को स्वीकार लिया, इसलिए इस मामले में किसी तरह की सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी. मैच रैफरियों के एमिरेट्स आईसीसी एलीट पैनल के मैच रैफरी क्रिस ब्रॉड ने कोहली पर ये जुर्माना लगाया.
जब एक खिलाड़ी 24 महीने के अंदर चार या इससे ज्यादा डिमैरिट प्वाइंट पर पहुंच जाता है, तो इन्हें सस्पेंशन प्वाइंट में बदल दिया जाता है और खिलाड़ी को एक टेस्ट या दो वनडे या फिर 2 टी20 के लिए बैन किया जाता है.
LBW के मामले में अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में भारतीय टीम की किस्मत अच्छी नहीं रही. तीसरे ओवर में ही नजदीकी मौका आया था और उसमें भी टीम का इकलौता रिव्यू खराब हो गया. इसके बाद भी कुछ नजदीकी मौके आए, जिनमें रिव्यू नहीं होने का खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा.
हालांकि आखिर में किसी तरह टीम इंडिया ने अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के दम पर 224 का छोटा स्कोर भी डिफेंड कर लिया और अफगानिस्तान की कोशिश को नाकाम कर दिया. मोहम्मद शमी ने आखिरी ओवर में हैट्रिक ली, जो इस वर्ल्ड कप की पहली है.
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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