advertisement
विराट कोहली ने लगातार अपने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करते हुए महान खिलाड़ियों की फेहरिस्त में अपनी जगह बनाई है. बतौर बल्लेबाज, कोहली पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन कप्तानी को लेकर उन्हें लगातार सवालों का सामना करना पड़ा है. इस लिहाज से, कोहली के लिए ये वर्ल्ड कप भारतीय कप्तान के रूप में अपनी छाप छोड़ने का मौका होगा.
भारतीय टीम इस बार भी वर्ल्ड कप की सबसे मजबूत दावेदारों में से है. इस टीम में वो जरूरी लक्षण हैं, जो बड़े टूर्नामेंट के लिये जरूरी चीज होते हैं. इसके बावजूद भारतीय टीम की अपनी कुछ समस्याएं हैं.
टीम के सामने कई सवाल हैं, जिनका जवाब अभी तक भी नहीं मिल पाया है और अब टीम को वर्ल्ड कप के दौरान ही उनका समाधान ढूंढना होगा.
ऐसे में वर्ल्ड कप में कोहली की काबिलियत बतौर बल्लेबाज से ज्यादा बतौर कप्तान देखी जाएगी. अगर भारतीय टीम वर्ल्ड कप जीत जाती है, तो उनके आलोचकों के पास कोई मुद्दा नहीं बचेगा.
टीम का टॉप ऑर्डर एकदम दुरुस्त है. बतौर बल्लेबाज विराट कोहली 46 दिनों के इस टूर्नामेंट में काफी अहम होंगे. इस दौरान उनके पास 11,000 रन का आंकड़ा पार करने का मौका होगा. इसके साथ ही वह अपनी शतकों की लिस्ट को और आगे बढ़ाना चाहेंगे.
इंग्लैंड में पिचें बेहद सपाट होने वाली हैं. ऐसे में रोहित शर्मा और शिखर धवन अच्छी शुरुआत दिला सकते हैं. दोनों का रिकॉर्ड भी इंग्लैंड में अच्छा है. रोहित बड़े शतक जमाने में माहिर हैं और टीम को उम्मीद रहेगी कि वो चौथा दोहरा शतक लगा पाएं.
हालांकि, टीम की परेशानियां इसके बाद से शुरू होती हैं. टॉप तीन खिलाड़ियों के कई मौकों पर अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी टीम इसे सुलझाने में असफल रही है. ये है चौथे नंबर पर कौन? अंबाति रायडु के इस स्थान की दौड़ में असफल होने के बाद इस पर बहुत चर्चा हुई है.
ऋषभ पंत को भी इस पोजिशन के लिए टीम में शामिल करने की चर्चाएं और मांग होती रहीं, लेकिन उन्हें जगह नहीं मिल सकी और उनकी जगह दिनेश कार्तिक के अनुभव को तरजीह दी गयी.
भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का संभवतः आखिरी वर्ल्ड कप उनके फैंस के लिये भावनात्मक होगा.
अब तक छठे नंबर पर खेल रहे केदार जाधव की चोट ने टीम मैनेजमेंट को परेशानी में जरूर डाला है. हालांकि, नई रिपोर्ट्स से टीम के लिए अच्छी खबर ये है कि जाधव को फिट घोषित कर दिया गया है और वो टीम के साथ जाएंगे. हालांकि आईपीएल में जाधव का लचर प्रदर्शन चिंता का विषय होगा.
सातवें नंबर पर मल्टी टैलेंटेड हार्दिक पांड्या के टूर्नामेंट के दौरान अच्छे इस्तेमाल की उम्मीद है. पांड्या इस समय अपने करियर की सबसे अच्छी फॉर्म में दिखे हैं. सिर्फ बल्ले से नहीं, बल्कि एक ऑलराउंडर के रूप में. डेथ ओवरों में छक्के जड़ने की उनकी क्षमता मैच का हाल बदल सकती है.
पिछले दो साल में रिस्ट स्पिनर्स कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी ने टीम को अच्छे परिणाम दिए हैं. टीम मैनेजमेंट ने दोनों का बखूबी इस्तेमाल भी किया है. अक्सर टीम में दोनों को साथ जगह मिली है, लेकिन सिर्फ एक स्पिनर की स्थिति में फैसला मुश्किल होगा.
इसकी वजह है कुलदीप की आईपीएल में फार्म. आईपीएल-12 में अगर सबसे खराब किसी का वक्त गुजरा, तो वो कुलदीप ही थे.
टीम इंडिया और कप्तान कोहली के लिए सबसे बड़ी राहत की बात तेज गेंदबाजी है. टीम के पास जसप्रीत बुमराह हैं, जो आने वाले सालों में भारत के महानतम मैच विजेताओं में शुमार होंगे. उनके अलावा मोहम्मद शमी ने टीम में जबरदस्त वापसी की है. पिछले कुछ महीनों में वो टीम के सबसे अच्छी फॉर्म वाले तेज गेंदबाज हैं.
नौ लीग मैचों में से छह में जीत हासिल करना सेमीफाइनल के लिये क्वालीफाई करने के मद्देनजर सही साबित हो सकता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)