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1994 के बाद पहली बार लखनऊ में 6 नवंबर को इंटरनेशनल मैच होने जा रहा है. भारत और वेस्टइंडीज के बीच टी-20 का दूसरा मैच लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल स्टेडियम में खेला जायेगा. जो बस कुछ महीने पहले ही बनकर तैयार हुआ है. इस स्टेडियम ये पहला इंटरनेशनल क्रिकेट मैच होगा.
ऐसे कह सकते हैं कि इसी मैच से ही स्टेडियम का घोषित उद्घाटन भी होगा. हालांकि कुछ माह पहले यहां अंडर 19 मैच खेले गये थे. स्टेडियम में मैच के लिए जी तोड़ तैयारियां तेजी से चल रही हैं.
दरअसल नब्बे के दशक में यूपी में राजनीतिक उतार-चढ़ाव खूब हुए, इस बीच लखनऊ में राजनीति का खेल इतना ज्यादा चला कि असल खेल काफी दूर निकल गया. उपेक्षा और लापरवाही के कारण लखनऊ का केडी सिंह बाबू स्टेडियम अन्तरराष्ट्रीय मानकों से बाहर निकल गया. लिहाजा 1952 में शुरू हुए इंटरनेशनल क्रिकेट का सफर 1994 में रूक सा गया. जिसे लखनऊ का अटल स्टेडियम फिर से शुरू करने करने जा रहा है.
50 हजार दर्शकों की क्षमता वाला ये स्टेडियम 30 एकड़ में बनाया गया है. स्टेडियम के एमडी उदय सिन्हा का कहना है कि वो बेहद उत्साहित हैं. इसी दिन का हम लोग इंतजार कर रहे थे. उदय सिन्हा ने बताया कि लखनऊ में मैच होना सबके लिए खुशी की बात है. इससे लखनऊ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान भी मिलेगी.
लॉर्ड्स के मुकाबले करीब दो गुना ज्यादा दर्शकों के बैठने की क्षमता वाले इस स्टेडियम की साज-सज्जा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. 6 फ्लड लाइटें और दो बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गयी हैं.
बैठने के लिए आठ अलग-अलग बॉक्स बनाए गए हैं, जिनमें आईसीसी,पवेलियन, कमेंटेटर, मीडिया सेंटर,कॉर्पोरेट, स्पेशल गेस्ट, कैमरा,अंपायर और जनरल ऑडिएंस बॉक्स.
अटल स्टेडियम के एमडी उदय सिन्हा ने बताया कि इस स्टेडियम में दो तरह की मिट्टी की पिच बनाई गई है. जिसके लिए खास तौर पर मिट्टी महाराष्ट्र और ओडिशा से मंगाई गई है. इसमें चार पिच लाल मिट्टी की है, जबकि एक पिच काली मिट्टी की है.
खिलाड़ियों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं देने की कोशिश की गई है जिसके लिए स्टीम बाथ,आइस बॉक्स जैसी फैसिलिटी के साथ ही 40 इंटरनेशनल लेवल के टॉयलेट, 50 छोटे कैफेटेरिया 3 बड़े रेस्टोरेंट जहां 200 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था की गई है.
अटल स्टेडियम के प्रोजेक्ट की मंजूरी पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने 2014 में दी थी और इसे बनाने का काम साल 2015 में शुरू हुआ था. इसको बनाने के लिए तीन साल का समय निर्धारित किया गया था लेकिन इसे निर्धारित समय से चार महीने पहले ही बनकर तैयार हो गया.
इससे पहले लखनऊ के बने केडी सिंह बाबू स्टेडियम में साल 1952 में पहला इंटरनेशनल तो 1987 में आखिरी इंटरनेशनल वनडे क्रिकेट मैच और 1994 में टेस्ट मैच खेला गया था. इसके बाद जो भी मैच यूपी में खेले गए उन सभी मैचों की मेजबानी कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम ने की.
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