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न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड (NZ vs ENG) के खिलाफ 9 विकेट से जीत दर्ज करके वर्ल्ड कप 2023 में अपने सफर की शानदार शुरुआत की है. इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 283 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे हासिल करने में न्यूजीलैंड ने 37 ओवर भी नहीं लगाए. न्यूजीलैंड का सिर्फ 1 विकेट गिरा.
न्यूजीलैंड की इस जीत के बाद दो खिलाड़ी खासी चर्चा में हैं- डेवोन कॉनवे और रचिन रविंद्र. दोनों के लिए ये पहला विश्व कप मैच था. न्यूजीलैंड के लिए डेवोन कॉन्वे ने नाबाद 152 और रचिन रविंद्र ने नाबाद 123 रन बनाए.
इन दोनों ही खिलाड़ियों की कहानी काफी रोचक है. एक के नाम में ही भारत का कनेक्शन है तो दूसरा एक अच्छे करियर की तलाश में न्यूजीलैंड गया था. आईए जानते हैं इन दोनों खिलाड़ियों की कहानी.
डेवोन कॉन्वे मूल रूप से न्यूजीलैंड के नहीं बल्कि साउथ अफ्रीका के हैं. 2017 में 26 साल की उम्र में उन्होंने क्रिकेट में एक अच्छे करियर के लिए अपना देश छोड़ दिया था. कॉन्वे 12 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं. साउथ अफ्रीका के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जिमी कुक ने उन्हें तब कोचिंग देनी शुरू की जब उनकी उम्र सिर्फ 12 साल थी.
हालांकि, लंबे संघर्ष और कड़ी मेहनत के बावजूद डेवोन कॉन्वे साउथ अफ्रीका की टीम में अपनी स्थायी जगह नहीं बना पा रहे थे. उन्होंने ईएसपीएन क्रिकइन्फो को दिए एक इंटरव्यू में बताया,
अब न्यूजीलैंड के लिए खेलते हुए उन्होंने अपने पहले ही वर्ल्ड कप मैच में बड़ा शतक जड़ा है. पूरे विश्व कप में उनसे अब न्यूजीलैंड की टीम को काफी उम्मीदें होंगी.
भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राहुल द्रविड़ और दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम को मिलाकर रचिन रविंद्र का नाम रखा गया है. न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन के रहने वाले रविंद्र का जन्म भारतीय माता-पिता रवि कृष्णमूर्ति और दीपा कृष्णमूर्ति से घर हुआ था.
उनके माता-पिता राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के बड़े फैन हैं. उन्होंने राहुल द्रविड़ा का 'र' और सचिन का 'चिन' मिलाकर अपने बेटे का नाम रचिन रखा.
अब शतक के बाद वे इस वर्ल्ड कप में आगे कैसा प्रदर्शन करते हैं इसपर सबकी निगाहें रहेंगी.
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