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इसे संयोग कहें या कुछ और, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पाकिस्तान की जीत के बाद अचानक पाकिस्तान की टीम चर्चा के केंद्र में आ गई. जिस पाकिस्तान की टीम को लगातार आलोचना का शिकार होना पड़ा था अब उसकी तारीफ हो रही है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पाकिस्तान टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी अलग ही नजर आई. बल्लेबाजों ने तीन सौ के पार स्कोर बनाया और गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका को जल्दी समेटा. इससे पहले पाकिस्तान ने दुनिया की नंबर एक वनडे टीम और इस विश्व कप की सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही इंग्लैंड की टीम को भी हरा दिया था
ये तस्वीरें क्यों याद आ रही हैं वो समझने के लिए ये आंकड़े देख लीजिए
चलिए आपको 1992 विश्व कप की कहानी याद दिलाते हैं. 1992 विश्वकप के हीरो थे इमरान खान. मुझे याद है कि 1992 विश्व कप में पाकिस्तान की टीम लगभग लगभग टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी थी. ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में हुए उस विश्व कप में भारतीय टीम शुरूआती दौर में ही बाहर हो गई थी. जाहिर है अब दिलचस्पी पाकिस्तान की टीम को लेकर ही थी.
इसके पीछे की कहानी भी जावेद मियांदाद ने सुनाई थी. उन्होंने बताया था कि जब टीम बाहर होने की कगार पर थी तो इमरान खान अपने कमरे में लेटे-लेटे उसके परिणाम सोच रहे थे. इमरान को लग रहा था कि जिस कैंसर अस्पताल की ईंटे जुड़ना अभी शुरू ही हुई हैं, अगर पाकिस्तान हार गया तो लोग वही ईंटे उन्हें मारेंगे.
ऐसा सोचते-सोचते जाने कब इमरान खान को नींद आ गई, सोकर उठे तो देखा कि सर के नीचे तकिया पूरा आंसुओं से भीगा हुआ है. कहते हैं कि उसी रात उन्हें सपने में दिखाई दिया कि पाकिस्तान किस तरह फाइनल तक का सफर तय करेगी और फिर खिताब जीतेगी. इस बारे में मैंने पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार कमर अहमद से भी पूछा था. उन्होंने भी बताया था कि ऐसा हुआ था.
यही वजह थी कि इमरान खान ने इस अस्पताल को बनाने के लिए सब कुछ किया. यहां तक कि एक बार क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद वो वापस मैदान में उतरे. एक वक्त था जब इमरान की जिंदगी का सिर्फ एक ही मकसद रह गया था लाहौर में, कैंसर अस्पताल.
2006 पाकिस्तान दौरे में मैं भी भारतीय टीम के साथ था. मुझे याद है कि जब कैसर अस्पताल जाने की बात शुरू हुई थी तो ये तय नहीं था कि कौन-कौन से भारतीय खिलाड़ी अस्पताल जाएंगे, लेकिन जो एक नाम पहले ही दिन से तय था वो था- सचिन तेंदुलकर. सचिन टीम के मीडिया मैनेजर को कह चुके थे कि वो मरीजों से मिलने अस्पताल जरूर जाएंगे. भारतीय मीडिया भी इस कवरेज के लिए अस्पताल पहुंचा था.
खैर, भारतीय टीम वहां मरीजों से मिली. जब टीम के सदस्य लौट गए तो इमरान खान ने मीडिया से बात की थी. उस दौरान मैंने उनसे पूछा था कि क्या ये सच है कि उन्होंने रात में पाकिस्तान के विश्व कप जीतने का ख्वाब देखा था. इस सवाल के जवाब में इमरान खान की आंखें गीली हो गई थीं. 27 साल बाद 2019 विश्व कप में पाकिस्तान का सफर बिल्कुल उसी रास्ते पर जरूर है लेकिन अब शायद वो टीम नहीं जिसकी नुमाइंदगी इमरान खान कर रहे हों...
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