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सिराज यूं ही नहीं बनते- अभाव झेला, पिता के निधन पर भी खेलते रहे

भारतीय पेसर मोहम्मद सिराज ने पांच विकेट झटक कर आधी ऑस्ट्रेलियाई टीम को पावेलियन पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.

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मोहम्मद सिराज
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मोहम्मद सिराज
(फोटो: BCCI)

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बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे दिन भारतीय पेसर मोहम्मद सिराज ने पांच विकेट झटक कर आधी ऑस्ट्रेलियाई टीम को पावेलियन पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. उनके इस लाजवाब प्रदर्शन की दिग्गज क्रिकेटर भी तारीफ कर रहे हैं. लेकिन मोहम्मद सिराज को इस मैच के पहले गाली भी पड़ी और ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के कुछ दिन बाद पिता का निधन हो गया था, लेकिन इस खिलाड़ी ने खुद को कमजोर नहीं होने दिया. पूरे दम से करारा जवाब दिया. आइए जानते हैं कैसा रहा सिराज का अब तक का सफर...

गरीब परिवार में जन्मे, पिता थे ऑटो ड्राइवर

मोहम्मद सिराज के पिता का नाम मोहम्मद गौस था, वे ऑटो ड्राइवर थे. परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, लेकिन पिता ने सिराज सपनों को पूरा करने के लिए पैसों की कमी नहीं आने दी थी. सिराज को अपनी कमाई में से पैसे देते थे. उन्होंने महंगी किट का इंतजाम करते थे.

सिराज ने एक इंटरव्यू में बताया कि एक बार उन्हें एक क्लब के लिए मैच खेलने का मौका मिला था. उस मैच में सिराज ने 20 रन देकर 9 विकेट झटके थे, इस प्रदर्शन के लिए उन्हें बतौर ईनाम 500 रुपए दिए गए थे. इस क्रिकेट से मोहम्मद सिराज की पहली कमाई 500 रुपए थी. सिराज को क्रिकेटर बनाने के लिए उनके पिता ने काफी संघर्ष किया था.

शुरुआत में नेट बोलर के तौर पर आईपीएल से जुड़ने वाले सिराज आज टीम इंडिया के अहम सदस्य बन चुके हैं.

आईपीएल के दौरान पिता हुए बीमार, क्रिकेट के लिए अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए

जब सिराज आईपीएल 2020 के लिए यूएई गए थे उस दौरान ही उनके पिता की तबीयत ठीक नहीं थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था. आईपीएल खत्म होने के बाद सिराज दुबई से ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए निकल गए थे. जहां पहुंचने के कुछ दिनों बाद ही पता चला कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे. बायो बबल और कोरोना प्रोटोकाल के कारण सिराज ने दिल और मन मजबूत करते हुए स्वदेश लौटने का फैसला त्याग दिया. इस तरह सिराज अपने पिता के अंतिम दर्शन और संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे.

भारतीय क्रिकेट बोर्ड BCCI ने सिराज को स्वदेश लौटने का विकल्प दिया था, लेकिन सिराज ने टीम इंडिया से जुड़े रहने का फैसला किया. 
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पिता के सपने को पूरा करने में जुटे रहे सिराज, विराट की सलाह आई काम

सिराज के भाई इस्माइल ने कुछ दिनों पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता का सपना था कि सिराज देश के लिए टेस्ट मैचों में खेले, वह हमेशा सिराज को सफेद जर्सी में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए देखना चाहते थे और आज जब वो नहीं हैं तब सिराज ने डेब्यू कर लिया है. सिराज के परिवार का कहना है कि भारत के लिए टेस्ट पदार्पण करके सिराज ने उन्हें गौरवान्वित कर दिया है.

मोहम्मद शमी जब चोटिल होकर सीरीज से बाहर हो गए तब सिराज को प्लेइंग इलेवन से जोड़ने का फैसला लिया गया. 

सिराज ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कड़ी सीरीज की तैयारी में कप्तान विराट कोहली की मजबूत बनने की सलाह ने उनकी काफी मदद की है.

डेब्यू मैच में विकेट साथ मिली गाली, मैच से पहले इमोशनल भी हुए सिराज

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड SCG पर तीसरे टेस्ट मैच से पहले राष्ट्रगान के समय मोहम्मद सिराज इमोशनल हो गए थे, वे अपनी आंसू पर काबू नहीं रख पाए थे. सिराज का ये वीडियो वायरल भी हुआ था.

खेल खत्म होने के बाद सिराज ने बताया था कि उस समय पिता की याद आ गई. मैं बहुत भावुक था. वह मुझे टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए देखना चाहते थे. काश वह मुझे भारत के लिए खेलते हुए देख पाते.  

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक डेब्यू मैच खेलने वाले सिराज के खेल की जब मैच जीतने के बाद ड्रेसिंग रूम में चर्चा की गई तो उनके आंसू बह निकले थे. ऐसे में टीम इंडिया के कप्तान अजिंक्य रहाणे और बाकी साथियों ने उन्हें गले लगाया और शांत किया था.

सिडनी टेस्ट के दौरान सिराज को कुछ ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों ने काफी अपशब्द कहे. नस्लीय अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया था. पीटीआई के अनुसार सिराज के लिए ब्राउन डॉग और बिग मंकी जैसे शब्द इस्तेमाल किए गए. सिराज को जो शब्द कहे गए वे नस्लीय गालियां थीं. कुछ दर्शक लगातार गालियां दिए जा रहे थे.सिराज के साथ ही बुमराह को भी अपशब्द कहे गए थे.

सिडनी टेस्ट में गाली सहने वाले सिराज ने कोई टिप्पणी नहीं की बल्कि अपने प्रदर्शन से जवाब दिया. ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में उन्होंने पांच विकेट लिए. 

सीरीज जीतना है लक्ष्य, मां के फोन से मिली ताकत

ब्रिस्बेन टेस्ट की दूसरी पारी में पांच विकेट लेने के बाद वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिराज ने कहा कि हमारा लक्ष्य यह श्रृंखला जीतना है खासकर इतने सारे खिलाड़ियों के चोटिल होने के बावजूद हमारी टीम ने पहली पारी में कड़ी चुनौती पेश की है.

सिराज ने लगातार सहयोग, समर्थन और मनोबल बढ़ाने के लिए कप्तान आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से युवाओं को मौके मिले फिर चाहे वह नटराजन हो या वॉशिंगटन. इन सभी ने मौके का फायदा उठाया. सभी ने अपनी तरफ से अच्छा प्रदर्शन किया. मैं विशेष तौर पर युवाओं पर भरोसा दिखाने और मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए अजिंक्य रहाणे का आभार व्यक्त करता हूं. वह मुझसे हर समय बात करते रहे और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है.

सिराज ने कहा कि ‘मेरे अब्बू चाहते थे कि मेरा बेटा देश की तरफ से खेले और पूरा विश्व उसे खेलते हुए देखे. काश वह आज का दिन देखने के लिए जीवित होते. यह उनकी दुआओं का ही परिणाम है कि मैंने पांच विकेट लिए. मैं निशब्द हूं और अपनी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता हूं. 

सिराज ने कहा कि यह मुश्किल स्थिति थी. अब्बू के निधन के बाद मां से बात करने पर मुझे ताकत मिली और मैंने अपना ध्यान अब्बू का सपना पूरा करने पर लगा दिया.

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