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क्रुणाल पांड्या कोरोना पॉजिटिव, बायो बबल में क्यों लग रही हर बार सेंध?

बायो बबल में रहने के बावजूद सीरीज के दौरान खिलाड़ी हो रहे कोरोना संक्रमित

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क्रिकेट
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<div class="paragraphs"><p>बायो बबल में रहने के बावजूद क्रुणाला पांड्या कोरोना संक्रमित</p></div>
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बायो बबल में रहने के बावजूद क्रुणाला पांड्या कोरोना संक्रमित

(फोटो: Twitter/KrunalPandya)

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सख्त बायो बबल के तमाम दावों के बीच श्रीलंका में भारतीय ऑलराउंडर क्रुणाल पांड्या कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. कोरोना ने एक बार फिर बायो बबल में सेंध लगाकर भारतीय टीम में शामिल खिलाड़ी को अपनी चपेट में ले लिया. जिसके बाद श्रीलंका के साथ होने वाले दूसरे टी-20 मैच को स्थगित करना पड़ा. इससे पहले आईपीएल और इंग्लैंड दौरे में भी ठीक ऐसा ही कुछ हुआ था, जब बायो बबल के बीच कई खिलाड़ी और स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए थे.

खिलाड़ी लगातार हो रहे कोरोना संक्रमित

ठीक इसी तरह ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच होने वाला वनडे मैच भी कोरोना के चलते रद्द करना पड़ा था. यहां वेस्टइंडीज टीम का एक सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जिसके बाद मैच शुरू होते ही रद्द कर दिया गया. साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान इंग्लैंड के 7 खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. जिसके बाद टीम में कई बदलाव करने पड़े. अब लगभग हर दूसरी सीरीज में खिलाड़ियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद एक बार फिर बायो बबल पर सवाल उठने शुरू हो चुके हैं.

अगर ताजा मामले यानी श्रीलंका दौरे में संक्रमित हुए खिलाड़ी क्रुणाल पांड्या की बात करें तो बीसीसीआई ने बताया है कि उनके ज्यादा संपर्क में आने वाले 8 लोगों की पहचान की गई है. हालांकि अब तक ये नहीं बताया गया है कि ये खिलाड़ी कौन-कौन हैं. लेकिन प्रोटोकॉल के तहत सभी स्टाफ और खिलाड़ियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया है. अगर इस रिपोर्ट में बाकी खिलाड़ी संक्रमित नहीं पाए गए तो बुधवार 28 जुलाई को दूसरा टी-20 मुकाबला खेला जाएगा.

क्या होता है बायो बबल?

पहले आपको बताते हैं कि बायो बबल में आखिर होता क्या है. कोरोना संक्रमण को खिलाड़ियों तक पहुंचने से रोकने के लिए एक पूरा सिस्टम तैयार किया गया है, जिसे बायो बबल कहा जाता है. जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ये एक बबल है, जिसके अंदर खिलाड़ी रहते हैं. यानी खिलाड़ियों को ग्राउंड या होटल जाने के बाद पूरी तरह इस बायो बबल में रहना होता है. कोई बाहर से अंदर नहीं आ सकता है और ठीक इसी तरह कोई खिलाड़ी कहीं बाहर नहीं जा सकता.

कोरोना से बचने के लिए एक ही मैदान पर सभी मैच खेले जा रहे हैं और मैदान में दर्शकों का आना भी बैन है. यानी कोरोना का सेंध लगाना काफी मुश्किल है. क्योंकि होटल में घुसने से पहले ही सभी खिलाड़ियों की कोरोना जांच की जाती है. साथ ही बायो बबल में रहने वाले हर शख्स की हर दूसरे या तीसरे दिन कोरोना जांच होती है.
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बायो बबल में क्यों लग रही सेंध?

अब फिर से उसी सवाल पर आते हैं, जो हर क्रिकेट फैन के मन में उठ रहा है कि आखिर बायो बबल में कोरोना की घुसपैठ कैसे हो रही है? बायो बबल में सेंध लगने का कारण लापरवाही भी हो सकता है. हो सकता है कि जिन सख्त नियमों की बात होती है, उनका पालन सही तरीके से न होता हो. पिछले कुछ महीनों में खिलाड़ियों पर भी बायो बबल का उल्लंघन करने के आरोप लगते आए हैं. न्यूजीलैंड के कुछ खिलाड़ियों पर जून में बायो बबल तोड़कर गोल्फ कोर्स जाने का आरोप लगा था.

इसके अलावा दूसरा कारण ये हो सकता है कि बाहर से खिलाड़ियों के लिए आने वाले सामान को सही तरीके से सैनिटाइज नहीं किया जाता है. इसीलिए कोरोना का वायरस ट्रैवल कर खिलाड़ियों और बाकी स्टाफ तक पहुंचता है. हालांकि कभी भी साफ तरीके से ये नहीं साबित हुआ कि बायो बबल में छेद कैसे हुआ.

बता दें कि लगातार इस तरह खिलाड़ियों का संक्रमित होना और बायो बबल में सेंध लगना काफी गंभीर है. क्योंकि टीम इंडिया के अलावा बाकी तमाम देशों की टीमों को अक्टूबर में टी-20 वर्ल्ड कप खेलना है. ऐसे में अगर किसी टीम के प्रमुख खिलाड़ियों को कोरोना होता है तो ये उनके लिए बड़ी परेशानी बन सकता है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारत में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप को यूएई शिफ्ट किया गया है.

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