Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Cricket Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत को मोहाली में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार से सीखने चाहिए ये 3 सबक

भारत को मोहाली में ऑस्ट्रेलिया से मिली हार से सीखने चाहिए ये 3 सबक

मोहाली वनडे से भारतीय क्रिकेट टीम को सीखने चाहिए सबक

माधव शर्मा
क्रिकेट
Published:
मोहाली वनडे से भारतीय क्रिकेट टीम को सीखने चाहिए सबक
i
मोहाली वनडे से भारतीय क्रिकेट टीम को सीखने चाहिए सबक
(फोटो: एपी)

advertisement

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही वनडे सीरीज के चौथे मुकाबले ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान, कोच और चयनकर्ताओं को एक मेसेज दिया कि उन्हें अपने सबसे बेहतरीन ग्यारह खिलाड़ियों के साथ ही उतरना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि अतिरिक्त खिलाड़ी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं.

रविवार, 10 मार्च को मोहाली के मुकाबले में भारत ने अपने खेमे में चार बदलाव किए, जिसमें शुक्रवार, 8 मार्च को रांची में तीसरा मुकाबला हारने वाली टीम से एमएस धोनी, अंबाती रायडू, मोहम्मद शमी और रविंद्र जडेजा की जगह पर ऋषभ पंत, केएल राहुल, भुवनेश्वर कुमार और युजवेंद्र चहल को शामिल किया गया.

मोहाली में एश्टन टर्नर की पारी के चलते मिली हार से भारत को ये तीन सबक सीखने चाहिए:

विराट को तीसरे नंबर पर ही खेलना चाहिए

भारतीय थिंक-टैंक परफेक्ट प्लेइंग इलेवन खोजने की कोशिश में काफी अहम आईसीसी विश्वकप 2019 से पहले ज्यादा से ज्यादा कॉम्बिनेशन्स की आजमाइश करना चाह रहा है.चौथे वनडे मुकाबले में किए गए कई बदलावों में एक बदलाव यह था कि बल्लेबाजी क्रम में विराट कोहली चार नंबर पर खेलने आए और केएल राहुल को तीन नंबर पर भेजा गया.

हालांकि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को परखना अच्छा है, लेकिन यह भी जरूरी होता है कि मुकाबलों को जीता जाए और यह सुनिश्चित हो कि प्रमुख खिलाड़ियों की फॉर्म बरकरार रहे. इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोहली भारत के सबसे अहम खिलाड़ी हैं और टीम मैनेजमेंट को पता होना चाहिए कि उनके तीन नंबर के क्रम के साथ छेड़खानी खतरनाक हो सकती है.

(फोटो: बीसीसीआई)
50 ओवर के खेल में तीन नंबर एक ऐसा क्रम है, जहां पर सिर्फ उनका दबदबा कायम है और यहां पर उनकी मौजूदगी भारत के खाते में 25-30 रन ज्यादा जोड़ती है. 31 ओवर में भारत का स्कोर 193/1 था. जब केएल राहुल खेलने आए और उन्होंने 31 गेंदे खेलते हुए 26 रन बनाए. खुशकिस्मती से दूसरे छोर पर शिखर धवन स्कोरबोर्ड को चलाते रहे, नहीं तो मध्यक्रम पर काफी ज्यादा दबाव बन सकता था और कुछ ही रनों के बीच भारत कई विकेट भी खो सकता था. कोहली दुनिया के सबसे बेहतरीन वनडे बल्लेबाज हैं और उन्हें उस क्रम पर बने रहना चाहिए जिसे उन्होंने खुद बनाया है.

ऋषभ पंत नहीं हैं तैयार

शुक्रवार, 8 मार्च को ऋषभ पंत को बीसीसीआई के ग्रेड ए कॉन्ट्रैक्ट में शामिल किया गया था. यह एक ऐसा कदम था, जिसका ज्यादातर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों ने स्वागत किया. यह देखते हुए कि वह संभवतः देश की सबसे रोमांचक युवा प्रतिभा हैं. बोर्ड के फैसले और सोशल मीडिया के रुख ने यह संकेत दिया कि पंत को मैनेजमेंट और प्रशंसकों का समर्थन हासिल है.

दो दिन बाद उसी सोशल मीडिया ने इस 21 वर्षीय खिलाड़ी को खूब ट्रोल किया. स्टेडियम में मौजूद प्रशंसकों ने उन्हें नहीं बख्शा और जब-जब पंत ने कुछ मौके गंवाए, जो खेल का रुख बदल सकते थे, तब-तब एमएस धोनी का नाम स्टेडियम में गूंजा.

नाजुक समय में की गईं गलतियां एक संकेत हैं कि पंत शायद विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में भारतीय टीम की पहली पसंद के रूप में तैयार नहीं हैं.

मोहाली में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथे एकदिवसीय मुकाबले में ऋषभ पंत ने स्टंपिंग के दो मौके गंवाए (फोटो: एपी)

रविवार को यह भी दिखा कि भारतीय फैन्स स्टंप के पीछे धोनी की महारथ को देखने के इतने आदी हो गए हैं कि अब वे गलतियों को सहन नहीं कर पाते.

शमी > भुवनेश्वर

पिछले 18 महीनों के दौरान अगर किसी भारतीय क्रिकेटर में सबसे ज्यादा तब्दीली आई है, तो वह हैं मोहम्मद शमी. उन्होंने अपनी फिटनेस पर काम किया है और अपनी गेंदबाजी में और ज्यादा गति और विविधताएं लेकर आए हैं.

अपने पिछले 10 एकदिवसीय मुकाबलों में शमी ने 4.76 की इकॉनमी दर से 17 विकेट लिए हैं. इन आंकड़ों को देखते हुए वह जसप्रीत बुमराह के साथ भारत की तेज गेंदबाजी के विकल्पों में पहली पसंद होने चाहिए.

मोहाली में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए चौथे मुकाबले में भुवनेश्वर कुमार ने अपने 9 ओवर में 67 रन दिए, जिसमें से 38 रन 45 वें और 47 वें ओवर से गए.(फोटो: एपी)

दूसरी तरफ, भुवनेश्वर कुमार पिछले 18 महीनों में कुछ चोटों से जूझने के बाद अपनी गति और नियंत्रण के साथ संघर्ष करते हुए दिखाई दिए हैं. मोहाली में जब टर्नर ने मैच को ऑस्ट्रेलिया की झोली में डालते हुए उन पर धावा बोला तब वह लगातार अपनी लय खोते हुए नजर आए.

अगर भारत इंग्लैंड में विश्वकप में अपने ग्यारह खिलाड़ियों में तीन तेज गेंदबाजों को शामिल करता है तो शमी और भुवनेश्वर दोनों को शामिल किया जा सकता है, लेकिन अगर भारत सामान्य तौर पर खिलाए जाने वाले दो तेज गेंदबाज, दो स्पिनर और हार्दिक पांड्या के साथ जाता है, तो उन्हें नई गेंद के साथ बुमराह-शमी की जोड़ी को ही जगह देनी चाहिए.

(यह एक ओपिनियन लेख है और ऊपर व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने विचार हैं. द क्विंट इनका ना ही समर्थन करता है और ना ही इनके लिए जिम्मेदार है.)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT