advertisement
टीम इंडिया ने ब्रिस्बेन में खेले जा रहे चौथे टेस्ट में जीतकर इतिहास रच दिया है. 33 साल बाद किसी टीम ने गाबा मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को हराया है. इस जीत का सेहरा अगर किसी एक खिलाड़ी को बांधना होगा तो वो हैं ऋषभ पंत. पंत ने निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया के लिए कठिन परिस्थितियों ने 89 रन जोड़े. पंत ने सिर्फ 138 गेंदों पर 89 रन बनाए हैं, जो कि टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से काफी अच्छा औसत है.
दूसरी पारी में गिल की अच्छी बैटिंग के बाद कप्तान रहाने कुछ खास नहीं कर पाए. इसके बाद पंत जिस वक्त खेलने आए उस समय पुजारा क्रीज पर थे. पुजारा के साथ मिलकर पंत ने लंबी साझेदारी खेली. एक तरफ पुजारा का धैर्य और दूसरी तरफ पंत की तेजी, दोनों ने मिलकर भारत के लिए रनों की गति बढ़ाई.
पुजारा 56 रन बनाकर आउट हो गए, उसके बाद लगा मानो अब भारत जैसे तैसे टेस्ट मैच ड्रॉ कराएगा. लेकिन क्रीज के एक और पंत जमे रहे. पंत की वजह से रनों की रफ्तार भी अच्छी रही. हालांकि पंत को एक-दो जीवनदान भी मिले. मंयक अग्रवाल और सुंदर के साथ उन्होंने छोटी-छोटी साझेदारियां खेली और आखिर में जीत का चौका जड़ा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)