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दिल्ली में स्मॉग की चादर फैली हुई है और बांग्लादेश क्रिकेट टीम भारत के दौरे पर आ चुकी है. 3 नवंबर को भारत और बांग्लादेश के बीच दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में पहला टी20 मैच खेला जाना है. ऐसे में कई पूर्व खिलाड़ियों के साथ ही पर्यावरण के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने बीसीसीआई से इस मैच का वेन्यू बदलने की मांग की है.
गौतम गंभीर ने कहा है कि दिल्ली में रहने वाले लोगों को क्रिकेट मैच की मेजबानी से ज्यादा प्रदूषण के बारे में सोचना चाहिए.
सुनील छेत्री ने कहा, ‘‘जब भी हम दिल्ली आते हैं तो हमारी आंखों में इरिटेशन होने लगती है. कई विदेशी खिलाड़ी मास्क पहनते हैं. कई सारे लोग तो दीवाली के लिए दिल्ली में रुकते भी नहीं. हम सबको साथ आना चाहिए और इसके बारे में कुछ करना चाहिए.’’
संदीप पाटिल ने कहा, “दिल्ली में प्रदूषण का मुद्दा सबसे पहले श्रीलंका की टीम ने 2017 में उठाया था. दिसंबर 2017 में भारी प्रदूषण के चलते श्रीलंकाई टीम ने आने तक से मना कर दिया था. हमने क्रिकेटरों को हेल्मेट और अंपायरों को आर्मगार्ड पहने देखा है, लेकिन पहली बार हमने श्रीलंकाई खिलाड़ियों को मास्क पहने देखा था.”
उन्होंने कहा, “जब दो से तीन महीने पहले क्रिकेट बोर्ड ने मैचों की तारीख और वेन्यू तय किए होंगे तो मौसम के बारे में सोचा ही होगा. हम हर रोज फॉग और स्मॉग के बारे में अखबार पढ़ते हैं. अगर दिल्ली की हवा इतनी ही खराब है तो मैच को रद्द ही कर देना चाहिए. ऐसा इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप में हो चुका है.”
29 अक्टूबर को पर्यावरणविदों ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को खत लिखकर भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले टी20 मैच का वेन्यू बदलने की मांग की है. इस खत में लिखा गया है कि दिल्ली में जारी फॉग के बीच मैच कराना खिलाड़ियों और हजारों दर्शकों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है.
दिल्ली स्थित नॉन प्रॉफिट संस्था ‘केयर फॉर एयर’ और ‘माय राइट टू ब्रीद’ नामक दो संस्थाओं ने बीसीसीआई को चिट्ठी लिखी है. दोनों ही संस्थाएं स्वस्थ हवा के लिए वकालत करतें हैं और सामाजित काम करते हैं.
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