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क्लीन स्वीप ही नहीं, टेस्ट चैंपियनशिप में पकड़ मजबूत करने का मौका

साउथ अफ्रीका का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अभी तक खाता भी नहीं खुला है

क्विंट हिंदी
क्रिकेट
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भारत के पास तीसरा मैच जीतकर सीरीज में क्लीन स्वीप के साथ ही टेस्ट चैंपियनशिप में स्थिति मजबूत करने का मौका है
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भारत के पास तीसरा मैच जीतकर सीरीज में क्लीन स्वीप के साथ ही टेस्ट चैंपियनशिप में स्थिति मजबूत करने का मौका है
(फोटोः BCCI)

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भारत ने साउथ अफ्रीका के साथ तीन मैचों की सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली है. सीरीज का तीसरा मैच शनिवार 19 अक्टूबर से रांची के झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) स्टेडियम में खेला जाएगा. मेहमान टीम के पास यह मैच आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप में कुछ प्वाइंट्स हासिल कर टेबल में खुद को मजबूत करने के मौके के सिवाए कुछ नहीं है.

टेस्ट चैंपियनशिप को सबसे खास यही बनाता है कि हर टेस्ट से कुछ प्वाइंट्स मिलेंगे. इसलिए हर टेस्ट की अहमियत रहेगी और यही तीसरे टेस्ट मैच में दिखेगा. इसलिए भारतीय टीम भी इस मैच को जीतकर 40 प्वाइंट्स लेना चाहेगी जिससे टीम की स्थिति और मजबूत हो जाएगी. भारत के फिलहाल 200 प्वाइंट्स हैं.

यही स्थिति साउथ अफ्रीका की भी है. अफ्रीकी टीम सीरीज तो नहीं जीत सकती है लेकिन यह मैच जीत कर वह अपने हिस्से 40 अंक ले सकती है, जो आगे उसे काम आएंगे. इस लिहाज से इस मैच को औपचारिकता मात्र नहीं कहा जा सकता.

दूसरा टेस्ट मैच जीतने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी कहा था कि वो तीसरे टेस्ट मैच को हल्के में नहीं लेंगे और 3-0 से जीत की कोशिश करेंगे.

भारत अभी तक दोनों मैचों- विशाखापत्तनम और पुणे में बेहतरीन प्रदर्शन कर एकतरफा जीत दर्ज की है. टीम इंडिया ने बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा किया है. मेजबान अपने फॉर्म को जारी रखने की पूरी कोशिश करेगी.

सीरीज में छाए भारतीय बल्लेबाज

भारत की बल्लेबाजी इस सीरीज में विशाल स्कोर खड़ा करती रही है. पहले मैच में मयंक अग्रवाल के दोहरे शतक और रोहित शर्मा के दोनों पारियों में शतक के बूते भारत ने विशाल स्कोर किया था. वहीं दूसरे मैच में मयंक ने फिर अपना जलवा दिखाया और इस बार उन्हें कप्तान विराट कोहली का साथ मिला था.

कोहली ने पुणे में खेले गए मैच में अपने टेस्ट करियर का सातवां दोहरा शतक जड़ा था. इनके दम पर भारत ने 601 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था और साउथ अफ्रीका को पारी से हरा दिया था.

भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन इतना शानदार रहा है कि विपक्षी टीम के कप्तान फाफ डु प्लेसि ने हाल ही में अपनी टीम के बल्लेबाजों को भारत से सीखने और पहली पारी में बड़ा स्कोर करने की बात कही थी.

मेहमान टीम के बल्लेबाज अपने कप्तान की बात को कितना गंभीरता से लेते हैं वो मैच में ही पता चलेगा. हां, यहां कि विकेट बल्लेबाजों के अनुरूप मानी जाती है और अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर स्कोरबोर्ड पर बड़ा स्कोर देखा जा सकता है.

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मारक्रम की जगह किसे मिलेगा मौका?

साउथ अफ्रीका को हालांकि मैच से पहले एक बुरी खबर मिली है. उसके सलामी बल्लेबाज एडन मारक्रम चोट के कारण टीम से बाहर हो गए हैं. उनकी जगह पर डु प्लेसि किसे टीम में मौका देते हैं यह एक परेशानी का कारण होगा. हालांकि मारक्रम बल्ले से कुछ खास कमाल वैसे भी नहीं कर पाए थे.

मेहमान टीम के लिए अभी तक डीन एल्गर कुछ अच्छा कर पाने में सफल हुए हैं. उन्होंने पहले मैच में शतक लगाया था. उनके अलावा कप्तान और क्विंटन डि कॉक ने भी ठीक प्रदर्शन किया है. टैम्बा बावुमा, थेयुनस डि ब्रूयन के बल्ले का खामोश होना टीम के लिए चिंता की बात है.

दूसरे टेस्ट मैच में स्पिनर केशव महाराज गेंद से तो कुछ कमाल नहीं कर पाए थे, लेकिन पहली पारी में संघर्षपूर्ण 72 रनों की जरूर बनाए थे. दूसरी पारी में भी उन्होंने अच्छी साझेदारी की थी, लेकिन चोट के कारण वो भी इस मैच में नहीं खेल पाएंगे.

गेंदबाजी में भी बड़ा अंतर

साउथ अफ्रीका के लिए भारत की गेंदबाजी सबसे बड़ी परेशान है. मोहम्मद शमी, उमेश यादव और ईशांत शर्मा ने नई गेंद से उन्हें परेशान किया और जब विकेट से रिवर्स स्विंग मिलने लगती है तो यह सभी, खासकर शमी और घातक हो जाते हैं.

रांची का विकेट चौथे और पांचवें दिन टूट सकता है. इस स्थिति में रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा एक बार फिर मेहमान टीम के लिए सबसे बड़ी समस्या होंगे.

भारत ने दूसरे मैच में हनुमा विहारी को बाहक कर उमेश को मौका दिया था. तीसरे मैच में कोहली क्या संयोजन रखते हैं. यह देखना होगा.

कगिसो रबाडा को छोड़ दिया जाए तो साउथ अफ्रीका का कोई और गेंदबाज मेजबान टीम के लिए परेशानी नहीं बन सका है. सेन्युरन मुथुसामी और महाराज की स्पिन का भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

टीमें (संभावित) :-

भारत : विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे (उप-कप्तान), रोहित शर्मा, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, हनुमा विहारी, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, कुलदीप यादव, ऋषभ पंत.

साउथ अफ्रीका : फाफ डु प्लेसिस (कप्तान), टैम्बा बावुमा (उप-कप्तान), थेयुनस डी ब्रूयन, क्विंटन डि कॉक (विकेटकीपर), डीन एल्गर, जुबैर हम्जा, सेन्युरन मुथुसामी, लुंगी एनगिडी, एनरिक नॉर्टजे, वर्नोन फिलेंडर, डेन पीट, कागिसो रबादा, रुडी सेकेंड.

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