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वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच रविवार को खेला जाना है. इस मैच के साथ ही करीब डेढ़ महीने पुराना वेस्टइंडीज का दौरा खत्म भी हो जाएगा. इस सीरीज में भारत ने तीनों फॉर्मेट यानी टेस्ट, वनडे और टी-20 में वेस्टइंडीज को हराया है. तीन टी-20 मैचों की सीरीज में भी भारतीय टीम को 2-0 की बढ़त हासिल है. रविवार के मैच के बाद भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे के लिए रवाना हो जाएगी.
ऑस्ट्रेलिया दौरे की शुरूआत तीन टी-20 मैचों से होगी. जो 21 नवंबर से शुरू होगी. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के लिए विराट कोहली भी टी-20 टीम में वापसी करेंगे. इसके अलावा जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और उमेश यादव भी टीम में आएंगे, जिन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे टी-20 मैच के लिए आराम दिया गया. इन सारे समीकरणों का जिक्र हमने इसलिए किया क्योंकि इन बदलावों के बाद तीन खिलाड़ियों के लिए हालात गंभीर हो सकते हैं.
ऐसा इसलिए क्योंकि साल 2018 में इन तीन खिलाड़ियों ने निराश किया है. पिछले काफी समय से इनका बल्ला खामोश है. ये तीन खिलाड़ी हैं शिखर धवन, केएल राहुल और ऋषभ पंत. मौजूदा वेस्टइंडीज सीरीज में इन तीनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन जान लेते हैं फिर कहानी को आगे बढ़ाएंगे.
अब आप भी समझ सकते हैं कि रविवार का मैच इन तीन खिलाड़ियों के लिए आखिरी मौका क्यों हो सकता है. इस बुरे प्रदर्शन पर लोगों की टेढ़ी निगाहें इसलिए भी हैं क्योंकि ये वेस्टइंडीज की अपेक्षाकृत कमजोर गेंदबाजी के खिलाफ किया गया प्रदर्शन है. इस दौरे से पहले भी इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन का ग्राफ नीचे ही था. उम्मीद थी कि वेस्टइंडीज के खिलाफ हालात बेहतर होंगे लेकिन इन्होंने निराश ही किया. जाहिर है अब इनके विकल्पों पर बात शुरू की जा रही है.
टी-20 के साथ-साथ वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे में भी इन खिलाड़ियों ने निराश किया था. केएल राहुल वनडे सीरीज में नहीं खेले थे. लेकिन शिखर धवन और ऋषभ पंत ने काफी निराश किया. ये आंकडे देखिए.
इन तीनों खिलाड़ियों से टीम मैनजमेंट को क्या उम्मीदें हैं ये भी जान लेते हैं. शिखर धवन स्ट्रोक प्लेयर हैं. उन्हें ‘अटैकिंग’ बल्लेबाजी पसंद है. उनके रिकॉर्ड्स शानदार हैं. लेकिन पिछले करीब 6 महीने से वो आउट ऑफ फॉर्म हैं. शिखर धवन को लेकर इसलिए और ज्यादा चिंता है क्योंकि वो लगातार एक जैसी गलती करके अपना विकेट गंवा रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में करीब एक दशक का अनुभव रखने के बाद भी शिखर धवन की ये कमी खुलकर सामने आई है कि वो कई बार एक जैसी गलती दोहरा कर अपना विकेट गंवाते हैं.
ऋषभ पंत की समस्या तो और भी बड़ी है. उन्हें वनडे और टी-20 मैचों में बतौर स्पेशलिस्ट बल्लेबाज खिलाया जा रहा है. लेकिन उनका प्रदर्शन हर किसी की आंखों के सामने है. वनडे में धोनी ने विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी संभाली थी. टी-20 में ये जिम्मेदारी दिनेश कार्तिक ने संभाली. इस बात को लेकर काफी विचार विमर्श भी हुआ कि अगर ऋषभ पंत से विकेटकीपिंग नहीं कराई जा रही है तो क्या वो बतौर स्पेशलिस्ट बल्लेबाज टीम में जगह पाने के हकदार हैं. इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच में उनके बल्ले से निकले रनों को छोड़ दिया जाए तो वो लगातार फ्लॉप साबित हुए हैं. उनकी बल्लेबाजी में नादानी साफ दिखाई देती है.
इन परिस्थितियों में रविवार का मैच इन तीनों खिलाड़ियों के लिए इसलिए भी आखिरी मौका हो सकता है क्योंकि अगर यहां रन नहीं बने तो ऑस्ट्रेलिया में कैसे बनेंगे? ऑस्ट्रेलिया में ना सिर्फ अपेक्षाकृत तेज विकेट मिलेंगे बल्कि वहां के गेंदबाज भी कैरिबियाई गेंदबाजों से ज्यादा खतरनाक होंगे.
ऑस्ट्रेलिया में टी-20 सीरीज के दौरान इन तीनों में से एकाध खिलाड़ी अगर प्लेइंग 11 में बच भी गया तो भी उसके लिए राहत की सांस लेना दूभर होगा क्योंकि 2019 विश्व कप की कसौटी पर कड़ा इम्तिहान शुरू हो चुका है.
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