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भारतीय क्रिकेट टीम 22 नवंबर से बांग्लादेश के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट मैच खेलेगी. ये पहला मौका होगा जब भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में हुए इस अहम बदलाव को अपनाएगी. गुलाबी गेंद से होने वाले डे-नाइट टेस्ट मैच की शुरुआत 2015 में हुई थी, लेकिन भारत और बांग्लादेश को छोड़कर लगभग सभी मुख्य टेस्ट टीमें डे-नाइट मुकाबला खेल चुकी हैं.
टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत के करीब 130 साल बाद 2015 में पहली बार डे-नाइट टेस्ट मैच खेला गया. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एडीलेड में 27 नवंबर को हुआ ये मुकाबला सिर्फ 3 दिन में खत्म हो गया था. ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट से ये मुकाबला अपने नाम किया था.
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 22 नवंबर का दिन ऐतिहासिक होगा. भारत-बांग्लादेश सीरीज का ये दूसरा मुकाबला कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेला जाएगा.
इस ऐतिहासिक मुकाबले से पहले जानते हैं हर फॉर्मेट में भारत के सबसे पहले मैच के बारे में-
भारत सिर्फ छठा ऐसा देश था, जिसे टेस्ट क्रिकेट खेलने का दर्जा मिला था. भारतीय टी का पहला टेस्ट मैच, क्रिकेट के जन्मदाता इंग्लैंड के खिलाफ ही हुआ. ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में 25 जून से शुरू हुए इस टेस्ट में भारतीय टीम का नेतृत्व किया- कर्नल सीके नायडू ने.
भारतीय टीम को पहले गेंदबाजी करने का मौका मिला. सामने थी इंग्लैंड की अनुभवी टीम, जो कई सालों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रही थी. लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड को चौंका दिया. सिर्फ 19 रन पर ही इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर के तीन बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया गया था.
भारतीय टीम ने उम्मीद से बेहतर शुरुआत की. इसके बावजूद भारतीय टीम 200 रन भी नहीं बना पाई. टीम के लिए कप्तान नायडू ने सबसे ज्यादा 40 रन बनाए. उनके अलावा ओपनर नौमल जूमल ने भी 33 रन बनाए और टीम सिर्फ 189 रन बना पाई.
दूसरी पारी में इंग्लैंड ने एक बार फिर कप्तान जार्डिन के बेहतरीन 85 रन की मदद से 275 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. दूसरी पारी में भारत के लिए मोहम्मद जहांगीर ने 4 विकेट लिए. जहांगीर ने अपने 4 टेस्ट के करियर में बस यही 4 विकेट लिए थे.
भारतीय टीम 158 रन से हार गई. इसके बाद भारतीय टीम को अपनी पहली जीत के लिए 20 साल का इंतजार करना पड़ा और ये जीत मिली पाकिस्तान के खिलाफ.
70 का दौर आते-आते भारतीय क्रिकेट टीम पहले से बेहतर हो गई थी. इस दौरान भारत ने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज की थी. यही वो दौर था जब वनडे क्रिकेट की भी शुरुआत हुई थी. टीम की कप्तानी थी अजीत वाडेकर के हाथ जिन्होंने भारत को इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में जीत दिलाई थी.
लेकिन अनुभवी इंग्लैंड की टीम ने सिर्फ 51 रन में 6 विकेट खोकर ये लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया. भारत के लिए वनडे क्रिकेट में पहला विकेट एकनाथ सोलकर ने लिया. सोलकर ने अमिस को आउट किया.
वहीं भारत के लिए वनडे क्रिकेट का पहला अर्धशतक अजीत वाडेकर ने लगाया था. वनडे में भारत को पहली जीत 1975 में हुए पहले वर्ल्ड कप में मिली थी. वो भारतीय टीम का सिर्फ चौथा वनडे मैच था और भारत ने ईस्ट अफ्रीका को 10 विकेट से हरा दिया था.
टेस्ट और वनडे की तरह ही भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 फॉर्मेट खेलने में भी वक्त लिया. साउथ अफ्रीका के दौर पर गई भारतीय टीम 1 दिसंबर 2006 को पहली बार टी20 क्रिकेट से रूबरू हुई. हालांकि टेस्ट और वनडे की तुलना में भारतीय टीम ने जीत से शुरुआत की. भारत के पहले टी20 कप्तान बनने का सौभाग्य मिला वीरेंद्र सहवाग को.
भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और सचिन तेंदुलकर (10) जल्दी आउट हो गए. ये सचिन के करियर का इकलौता अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच था. फिर वीरेंद्र सहवाग (34) और दिनेश मोंगिया (38) ने भारत को मजबूती दी. आखिर में दिनेश कार्तिक (31) ने कांटे के मुकाबले में टीम को जीत तक पहुंचाया. भारत ने सिर्फ एक गेंद रहते ये मैच अपने नाम किया.
भारत ने साउथ अफ्रीका को 6 विकेट से हरा दिया. टी20 में भारत के लिए पहला विकेट जहीर खान ने लिया, जिन्होंने लूटस बॉसमैन को सचिन तेंदुलकर के हाथों कैच कराया.
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