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IPL 2020 का बुखार वापस आ चुका है. COVID-19 महामारी के कारण इस बार यह टी-20 लीग UAE में खेली जा रही है. इस बार अलग माहौल में खेले जाने वाले सीजन में यह देखना काफी अहम होगा कि कौन सी टीम किस पर भारी पड़ेगी और ट्रॉफी अपने नाम करेगी. आइए इस स्टोरी के जरिए हम देखते हैं आईपीएल 13 टीमों की ताकत और कमजोरियां.
यलो जर्सी वाली यह टीम अब तक की सबसे मजबूत टीमों में से रही है. तीन बार की विजेता और पांच बार की रनर अप रही इस टीम से भले ही सुरेश रैना और हरभजन सिंह जैसे अनुभवी खिलाड़ी व्यक्तिगत कारण से चले गये हों, लेकिन अभी टीम में कई मैच विनर प्लेयर हैं.
टीम की ताकत: इस टीम की सबसे बड़ी ताकत कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं, इन्होंने ही इस टीम को अब तक की सबसे कामयाब टीमों में से एक बनाया है. अंतर्राष्ट्रीय किक्रेट से संन्यास लेने के बाद धोनी पहली बार किसी बड़े इवेंट दिखेंगे. अब देखना है कि माही इस बार किस क्रिकेट का साथ पिच पर उतरते हैं. धोनी के साथ-साथ शेन वॉटसन, ड्वेन ब्रावो, अंबाती रायडू, मुरली विजय, फाफ डु प्लेसिस, रविंद्र जडेजा जैसे कई अनुभवी खिलाड़ी मौजूद हैं.
कमजोरी: फटाफट क्रिकेट में तेजी से रन बनाने वाले रैना और किफायती गेंदबाजी करने वाले भज्जी अचानक टीम से खेल छोड़कर वापस आ गए. ऋतुराज गायकवाड़ भी सीजन का पहला मैच नहीं खेल पाएंगे. इससे टीम को बड़ा झटका लग सकता है. इसके अलावा टीम में पावर हिटर भी कम ही हैं.
आईपीएल की मोस्ट सक्सेसफुल टीम मुंबई इंडियन्स में भी धुरंधर खिलाड़ियों की कमी नहीं है. टीम का बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्रम मारक है. चार बार की विजेता रही इस टीम में कई ऐसे प्लेयर हैं, जो कभी भी मैच को अपने पक्ष में करने का हुनर रखते हैं. अब यह देखना इंट्रेस्टिंग होगा कि क्या टीम ट्रॉफी डिफेंड कर पाएगी.
टीम की ताकत :इस टीम की सबसे बड़ी ताकत बैटिंग और बॉलिंग है. जहां रोहित शर्मा, क्विंटन डी कॉक, सूर्या कुमार और क्रिस लिन जैसे बैट्समैन टॉप ऑर्डर को खतरनाक बनाते हैं, वहीं जसप्रीत बुमराह, मिशेल मैक्लेनाघन, ट्रेंट बोल्ट नाथन कुल्टर-नाइल और धवल कुलकर्णी गेंदबाजी की धार बढ़ाते हैं. इनके अलावा हार्दिक पंड्या, क्रुणाल पंड्या, किरोन पोलार्ड जैसे ऑल राउंडर टीम को परफेक्ट बनाते हैं.
कमजोरी : तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा की कमी टीम को खल सकती है. इसके साथ ही टीम में नंबर चार की पोजीशन लय डिस्टर्ब कर सकती है. इससे मध्यम क्रम प्रभावित हो सकता है, क्योंकि यहां कप्तान के सामने हार्दिक, क्रुणाल और पोलार्ड में से किसी एक को चुनना होगा. वहीं सौरभ तिवारी और इशान किशन में भी किसी को चुनने में दिक्कत हो सकती है. वहीं टीम में अच्छे स्पिनर की कमी भी खल सकती है.
दो बार इंडियन प्रीमियर लीग की ट्रॉफी अपने नाम कर चुकी केकेआर टीम अक्सर बदलाव करती रहती है. टीम को बैलेंस करने वाले खिलाड़ी नहीं हैं. इस टीम में खिलाड़ियों के बीच विवाद भी दिखते हैं. फिर चाहे गौतम गंभीर के कप्तानी से हटने की घटना हो या दिनेश कार्तिक के बोल्ड डिसीजन. इस बार टीम का सामांजस्य देखना रोचक होगा, लेकिन उससे ज्यादा रोचक यह होगा कि इस बार टीम तीसरी बार खिताब जीतने का प्रयास करती नजर आएगी या नहीं.
टीम की ताकत : आंद्रे रसल, टॉम बैंटन, इयॉन मॉर्गन, दिनेश कार्तिक, कुलदीप यादव और सुनील नरेन, इस टीम की सबसे बड़ी ताकत हैं. वहीं पैट कमिंस, प्रसिद्ध कृष्णा, शिवम मावी, कमलेश नागरकोटी, संदीप वॉरियर और लोकी फर्गुसन अपनी तेज तर्रार गेंदबाजी के लिये जाने जाते हैं.
कमजोरी : अनुभव से खिलाड़ी परफेक्ट बनता है, लेकिन इस टीम के कई खिलाड़ियों के पास पर्याप्त अनुभव नहीं है. यही इस टीम की सबसे बड़ी कमजोरी है. शुभमन गिल, नीतेश राणा, रिंकू सिंह, सिद्धेश लाड बैटिंग में तो प्रसिद्ध कृष्णा, संदीप वारियर्स, शिवम मावी, कमलेश नागरकोटि, वरुण चक्रवर्ती जैसे कम एक्सपीरियंस वाले खिलाड़ी टीम के लूप होल बन सकते हैं.
तीन बार ऑरेंज कैप का ताज पहनने वाले डेविड वार्नर के नेतृत्व में सनराइजर्स हैदराबाद इस बार आईपीएल का दूसरा खिताब अपने नाम करना चाहेगी. टीम की स्ट्रैटजी बनाने का जिम्मा वीवीएस लक्ष्मण, मुथैया मुरलीधरन और टॉम मूडी जैसे दिग्गजों पर है. वहीं अफगान खिलाड़ी एक बार फिर सबका ध्यान आकर्षित कर सकते हैं.
टीम की ताकत :डेविड वार्नर और जॉनी बेयरस्टो की ओपनिंग जोड़ी सभी टीमों पर भारी पड़ सकती है. पिछली बार 2019 IPL में वार्नर ने 12 मैचों में 692 रन तो बेयरेस्टो ने 10 मैचों में 445 रन जड़े थे.
कमजोरी : ओपनिंग की बात छोड़ दी जाए तो टीम में गहराई तक बल्लेबाजी नहीं दिखती. इस टीम की यह सबसे बड़ी समस्या हो साबित हो सकती है. अगर ओपनर फेल हो जाएं तो ऐसा कोई बल्लेबाज नहीं दिखता जो जिम्मेदारी और तेजी से रन बना सके. विजय शंकर पावर हिटर हैं, लेकिन उनका फार्म हमेशा साथ नहीं देता. वहीं बॉलिंग में भुवी की इंजरी एक चिंता बन सकती है.
बैंगलोर की टीम अभी तक अपने नाम के अनुरुप प्रर्दशन नहीं कर पायी है. आरसीबी की टीम में विराट कोहली, एबी डिविलियर्स जैसे कई स्ट्रॉन्ग प्लेयर हैं, लेकिन अभी तक टीम एक बार भी खिताब जीत नहीं पायी है. इस सीजन में यह देखना रोचक होगा कि क्या टीम चोकर्स टैग हटा पाएगी या चैलेंजर्स बन पहला टाइटल अपने नाम करेगी.
टीम की ताकत :एरॉन फिंच, पार्थिव पटेल, विराट कोहली और एबी डिविलियर्स जैसे खिलाड़ी टीम के मजबूत टॉप ऑर्डर को दर्शाते हैं. वहीं मोइन अली, क्रिस मॉरिस और शिवम दुबे टीम के बेहतरीन ऑलराउंडर हैं.
कमजोरी : एक से बढ़कर एक प्लेयर्स वाली यह टीम देखने में तो काफी स्ट्रॉन्ग है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी कमजोरी टीम का संयोजन है. टीम का ओपनिंग क्रम तय नहीं हो पा रहा है, मध्यम क्रम में एबीडी के बाद टीम में कोई बल्लेबाज जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहा है. वहीं डेथ ओवर में बॉलर्स की गेंदबाजी सधी हुई नहीं दिखाई देती है.
2008 और 2014 के प्रदर्शन को छोड़ दें तों किंग्स इलेवन पंजाब की टीम लीग स्टेज से आगे नहीं बढ़ पायी है. टीम को मजबूत बनाने के लिये अब तक कई परिवर्तन भी किये गये, लेकिन परिणाम कुछ खास नहीं रहा. इस बार टीम ने काफी सूझ-बूझ से खिलाड़ियों का सलेक्शन किया है. अब देखना होगा कि केएल राहुल के नेतृत्व में टीम क्या कमाल करती है.
टीम की ताकत : टीम में शुरुआती क्रम की बात करें तो राहुल - क्रिस गेल और मयंक अग्रवाल- ग्लेन मैक्सवेल की जोड़ी काफी मजबूत है. ये खिलाड़ी एग्रेसिव हिट के लिये भी जाने जाते हैं. ये अगर लंबे ओवरों तक जम जाएं तो बोर्ड पर 300 का आंकड़ा भी संभव है.
कमजोरी : टीम की सबसे बड़ी कमजोरी ऊपरी क्रम पर निर्भरता है. यदि टॉप आर्डर फेल होता है तो पूरी टीम लड़खड़ा जाती है. टीम में जिम्मेदार मध्यमक्रम की कमी है. वहीं टीम में बॉलर्स तो कई हैं, लेकिन यूएई की पिच पर पेसर चिंता का विषय हैं.
वर्ष 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सीजन का खिताब अपने नाम करने वाली राजस्थान रॉयल्स उसके बाद से कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई है. इस फ्रेंचाइजी ने पिछले साल आईपीएल ऑक्शन में 11 खिलाड़ियों को खरीदा है. ऐसे में इस बार यह देखना काफी रोमांचक होगा कि क्या एक बार फिर विदेशी प्लेयर टीम को टाइटल दिला पाएंगे.
टीम की ताकत :जोस बटलर, डेविड मिलर, स्टीव स्मिथ, जोफ्रा आर्चर और बेन स्टोक्स जैसे फॉरेन प्लेयर टीम की स्ट्रेंथ हैं. वहीं संजू सैमसन, रॉबिन उथप्पा, वरुन आरोन, यशस्वी जायसवाल, आकाश सिंह और
कार्तिक त्यागी जैसे इंडियन प्लेयर भी कमाल दिखा सकते हैं.
कमजोरी : टीम की सबसे बड़ी कमजोरी भारतीय बॉलरों की गहराई है. जयदेव उनादकट अपने नाम के अनुरुप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. वहीं अंकित राजपूत और वरुन अरोन डेथ ओवर में रन रोकने में कारगर नहीं हैं. इसके अलावा बल्लेबाजी का अगर ऊपरी क्रम विफल हो जाता है तो बिना एक्सपीरियंस वाला मध्यमक्रम टीम को संकट में डाल सकता है.
‘खिताब अब दूर नहीं’ की रणनीति पर काम रही दिल्ली की टीम डेयर डेविल्स से कैपिटल्स में तब्दील हो चुकी है. पिछले सीजन में टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था. इस बार टीम को पूरी उम्मीद है कि वह खिताब का सूखा खत्म करने में सफल रहेगी. यह तो टूर्नामेंट में उसका प्रदर्शन बताएगा कि टीम कितने पानी है.
टीम की ताकत :शिखर धवन, श्रेयस अय्यर, पृथवी शॉ, अजिंक्य रहाणे और ऋषभ पंत टीम के टॉप स्ट्रॉन्ग भारतीय बल्लेबाज हैं. इनके अलावा जेसन रॉय, एलेक्स कैरी और शिमरन हेटमायर जैसे खिलाड़ी टीम के टॉप तथा मिडिल ऑर्डर को मजबूत बनाते हैं. वहीं अक्षर पटेल, अमित मिश्रा, रवि चंद्रन अश्विन, ईशांत शर्मा, संदीप लामीछने, मार्कस स्टोइनिस और क्रिस वोक्स भी टीम को सॉलिड बनाते हैं.
कमजोरी : टीम की सबसे बड़ी कमजोरी ऑलराउंड प्लेयर्स की कमी है. ऐसे में टीम में बल्लेबाज और गेंदबाज के चयन में सामांजस्य बैठाना चुनौतीपूर्ण होगा. टीम के शीर्ष पांच बल्लेबाजों में कोई बेहतर गेंदबाजी नहीं कर सकता है. वहीं धारदार तेज गेंदबाज की कमी भी है.
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