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आईपीएल (IPL) इतिहास की सबसे सफल टीम और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की पलटन यानी कि मुंबई इंडियन के लिए ये सीजन अभी तक किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है. पिछले सीजन मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) पांचवें स्थान पर रही और प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई, लेकिन इस साल की स्थिति भी कुछ सुधरी हुई नहीं दिखती.
टीम अपने शुरू के तीनों मैच हार चुकी है और फिलहाल अंक तालिका में नौवें नंबर पर है. पुराने रिकॉर्ड को देखें तो केकेआर के लिए मुंबई के सामने जीतना एक ख्वाब सा था, लेकिन केकेआर ने भी बुधवार को मुंबई को हराकर बता दिया कि एमआई कितने बुरे दौर से गुजर रही है.
दरअसल इस टूर्नामेंट की शुरुआत ही मुंबई के लिए अच्छी नहीं रही. मुंबई अपना पहला मैच दिल्ली से 4 विकेट से हारी, इसके साथ एक अनचाहा रिकॉर्ड टीम के साथ जुड़ गया. यह दसवीं बार था जब मुंबई आईपीएल का पहला मैच हार गई हो. इसी मैच में रोहित पर स्लो ओवर रेट के चलते 12 लाख रुपए का जुर्माना भी लग गया. यानी मुंबई की शुरुआत ही झटकों के साथ हुई. लेकिन इस बार मुंबई की ऐसी हालत आखिर क्यों हुई ? पांच बार की चैंपियन आखिर क्यों एक जीत के लिए मोहताज है?
मुंबई की टीम में इस साल मेगा ऑक्शन की वजह से काफी बदलाव हो चुके हैं. ऐसे खिलाड़ी जो लंबे समय से टीम के साथ हैं और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, अब टीम का हिस्सा नहीं है. इस साल मुंबई के लिए गेंदबाजी बड़ी समस्या नजर आ रही है. इसका कारण यह है कि पिछले साल मुंबई के टॉप 4 गेंदबाजों में से तीन इस साल टीम में नहीं है. राहुल शहर मुंबई के लिए पिछले साल 11 मैचों में 13 विकेट लेकर दूसरे सबसे सफल गेंदबाज थे. ट्रेंट बोल्ट भी 14 मैचों में 13 विकेट लेकर टीम के तीसरे सबसे सफल बॉलर थे और इसके बाद नेथन कोल्टर नाइल.
बल्लेबाजी में तीसरा नंबर किसी भी टीम के लिए बैटिंग की रीढ़ कहा जाता है. इस साल मुंबई को अभी तक तीसरे नंबर पर खिलाने के लिए कोई ठोस बल्लेबाज नहीं मिला. अनमोलप्रीत सिंह को मुंबई ने पहले दो मुकाबले में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी सौंपी, लेकिन वे पहले में 8 और दूसरे मैच में 4 रन ही बना पाए फिर तीसरे मैच के लिए ड्रॉप हो गए. .
T20 में बल्लेबाज का एक ही धर्म है कि वह बिना संकोच के गेंद पर टूट पड़े और अपनी टीम को एक बड़े लक्ष्य तक पहुंचाए. लेकिन मुंबई के साथ समस्या यह है कि विकेट हाथ में रहने के बावजूद बीच के ओवरों में टीम की रन बनाने की गति धीमी पड़ जाती है. केकेआर के खिलाफ हार के बाद टीम के कोच महिला जयवर्धने ने भी सामने आकर इस खामी को स्वीकारा है और साफ शब्दों में कहा कि हमारी बैटिंग में निर्भीकता की कमी है, जिसे बदलने की जरूरत है.
मुंबई ने अपने पहले मैच में 175 रन बनाए लेकिन दिल्ली कैपिटल्स ने इसे 10 गेंद रहते पार कर लिया. टीम के सबसे प्रमुख गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इस मैच में एक भी विकेट नहीं ले सके और दूसरे सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए. डेनियल सैम्स ने तो इस मैच में अकेले 57 रन लुटा दिए. दूसरे मैच में तो गेंदबाजों की ऐसी पिटाई हुई कि राजस्थान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 193 रन बोर्ड पर लगा दिए. इसमें बासिल थंपी ने एक ही ओवर में 26 रन लुटा दिए थे.
पिछले साल मुंबई की टीम में हार्दिक पांड्या, क्रुणाल पांड्या, कायरन पोलार्ड और मार्कस स्टोइनिस जैसे चार बेहतरीन अनुभवी खिलाड़ी थे. लेकिन इस बार एक कारण पोलार्ड को छोड़कर यह तीनों ही खिलाड़ी टीम का हिस्सा नहीं है. इसीलिए टीम में छठे सातवें नंबर पर आकर बड़े हिट मारने वाले आत्मविश्वासी खिलाड़ी की कमी साफ झलक रही है. तीसरे मैच में कायरन पोलार्ड को छोड़कर अभी तक कोई भी निचले क्रम का बल्लेबाज मुंबई को शानदार फिनिश नहीं दे पाया है.
हालांकि मुंबई इंडियंस इस साल अपने शुरू के तीन मैच हार चुकी है, लेकिन टीम में वापसी की संभावना है. इस टीम का इतिहास भी कुछ ऐसा ही रहा है मुंबई कभी भी अपने सभी शुरुआती मैच जीतने में सफल नहीं रही.
यहां रोहित शर्मा की चर्चा बहुत जरूरी है. रोहित आईपीएल की सबसे सफल टीम के कप्तान हैं और इसी सफलता का नतीजा है कि वो क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में फिलहाल भारत के कप्तान भी हैं. आईपीएल की सफलता को देखकर ही रोहित को अंतरराष्ट्रीय टीम की कप्तानी में सबसे ऊपर रखा गया था.
हालांकि एक सीजन खराब होने से ऐसा नहीं है कि रोहित की क्षमता कम हो गई, लेकिन उनके ऊपर अब एक अतिरिक्त दबाव है इससे कतई इंकार नहीं किया जा सकता. अब केवल मुंबई के कप्तान ही नहीं, बल्कि भारत के कप्तान के तौर पर भी देखे जा रहे हैं. ऐसे में उनकी टीम का जीतना और भी जरूरी हो जाता है.
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