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8 मैचों में 8 हार! आज रोहित शर्मा जब अपना 35वां जन्मदिन मना रहे हैं (Rohit Sharma Birthday), वो ये आंकड़ा देखकर बिल्कुल खुश नहीं होंगे. आईपीएल (IPL) के इतिहास में ऐसा सिर्फ दो बार हुआ है जब किसी टीम ने इतनी करारी हार के सिलसिले के साथ टूर्नामेंट की शुरुआत की हो. ये टीमें ऐसी थी जो ना तो उस सीजन बल्कि अब तक किसी भी सीजन में चैंपियनशिप जीत नहीं पायीं हैं. हम बात कर रहें है दिल्ली और बैंगलोर की.
दिल्ली के साथ ऐसा 2013 में हुआ था जबकि बैंगलोर के साथ 2019 में. लेकिन, सबसे ज्यादा 5 बार आईपीएल ट्रॉफी जीतने वाली महाबली मुंबई (Mumbai Indians) की टीम को भी ऐसे दिन देखने पड़ सकतें हैं, इसकी कल्पना भी शायद किसी ने नहीं की होगी.
खासकर ये देखते हुए जिस टीम के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) हों, जिस टीम के पास जसप्रीत बुमराह हो, जिस टीम के पास केरान पोलार्ड हो और जिस टीम के पास सूर्यकुमार यादव हो.
शायद कुछ लोग ये भी जोड़ दें कि ईशान किशन के तौर के पर इस टीम के पास मौजूदा सीजन का सबसे महंगा भारतीय खिलाड़ी ही नहीं बल्कि टी20 फॉर्मेट में रिशभ पंत को चुनौती देने वाला एक युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज भी है. लेकिन, कहतें हैं ना कि खेल से बड़ा कोई नहीं.
क्रिकेट की हमेशा से ही ये खासियत रही है कि ये बड़ें से बड़े खिलाड़ियों या कप्तानों को उस समय बौना बनाता है जब उन्हें अपना कद सबसे ज्यादा लंबा करने की जरुरत होती है. अब मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा का ही उदाहरण ले लीजिये. जिस रोहित की शानदार कप्तानी की वाहावाही करते हुए आखिरकार इस साल उन्हें टीम इंडिया की हर फॉर्मेट में कप्तानी जब मिल ही गई तो अब अचानक से ही ना सिर्फ बल्ले से उनके रन सूखने लगे हैं बल्कि कप्तान के तौर पर भी वो खोये-खोये से दिखने लगे हैं.
मुंबई के पराक्रम के दौर पर हर कोई इस बात को भूल गया कि क्रिकेट का फॉर्मेट कोई भी रहे, कप्तान वही कामयाब होता है जिसके पास शानदार गेंदबाजी आक्रमण होता है. रोहित के पास बुमराह का साथ देने के लिए ट्रेंट बोल्ट की बायें हाथ की स्विंग गेंदबाजी की विविधता का विकल्प हुआ करता था तो मिड्ल ओवर्स में हार्दिक पंड्या की कसी हुई गेंदबाजी की सुविधा. इतना ही नहीं पोलार्ड भी कुछ साल पहले तक प्रभावशाली गेंदबाज हुआ करते थे तो स्पिनर के तौर पर राहुल चाहर ने मुंबई के लिए शानदार खेल दिखाया था.
एक सीमित गेंदबाजी आक्रमण के साथ रोहित शर्मा जैसा शातिर कप्तान भी बहुत कुछ नहीं कर सकता जैसा कि रिकी पोटिंग जैसे दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के साथ हुआ था जो शेन वार्न और ग्लेन मैग्रा के रिटायरमेंट के बाद कप्तान के तौर पर साधारण दिखने लगे थे.
बहरहाल, निजी तौर पर रोहित के लिए समस्या और बड़ी हो सकती है. आलोचक शायद अब ये दलील दे सकते हैं कि क्या रोहित शर्मा को भारत की कप्तानी गलत समय में मिली. क्या मुंबई की हार का असर भारत के नये कप्तान पर भी पड़ेगा क्योंकि कुछ ही महीनों बाद ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप भी खेलना है?
करीब एक दशक से रोहित मुंबई की कप्तानी कर रहें है और अब उस थकान का असर उनकी क्रिकेट पर भी दिख रहा है. रोहित के लिए दोहरी समस्या ये है कि उन्हें टीम इंडिया की बागडोर भी उस वक्त मिली है जब उन पर दबाव डिलीवर करने के लिए सबसे ज्यादा है. अगर आईपीएल के बचे हुए मुकाबलों में भी रोहित मुंबई की हार के सिलसिले को रोकने में नाकाम रहते हैं और उनका बल्ला भी मायूस करता रहा तो टीम इंडिया पर उनके संघर्ष का दौर भारी पड़ सकता है.
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