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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अगले सीजन से प्रति टीम के लिए दो न्यूट्रल जगहों पर आईपीएल खेले जाने की संभावना तलाश रहा है. कुछ एसोसिएशंस को बैकग्राउंड में यह कहते हुए पाया गया है कि उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय खेल नहीं हो पा रहा है, जो उन्हें अपने स्टेडियम को सही स्थिति में रखने में मदद कर सकते हैं.
शनिवार को कोलकाता में बोर्ड की एनुअल जनरल मीटिंग में कुछ स्टेट एसोसिएशन्स द्वारा यह सुझाव दिया गया कि बोर्ड आईपीएल टीमों से अनुरोध करे कि कम से कम हर दो गेम अलग-अलग स्थानों पर खेले जाएं.
यह मुद्दा तब सामने आया जब BCCI ने स्टेट एसोसिएशन्स को इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए कहा, जिसके लिए बोर्ड उनकी आर्थिक मदद करेगा. कुछ एसोसिएशन्स ने तब बताया कि उनके पास जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर है, लेकिन उन्हें गेम नहीं मिल रहा है.
मौजूदा वक्त में प्रत्येक एसोसिएशन को बोर्ड की रोटेशन पॉलिसी के तहत, तीन सालों में कम से कम एक अंतर्राष्ट्रीय खेल होस्ट करने के लिए मिलता है. लेकिन देश में बड़ी संख्या में इन्टरनेशनल स्टेडियम हैं. हाल के डेटा के मुताबिक कुल 24 स्टेडियम हैं, जिनमें से कई जगहों पर मैच बहुत कम और बीच-बीच में ही होते हैं.
इसका खामियाजा आमतौर पर छोटे एसोसिएशन को भुगतना पड़ता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक छोटा एसोसिएशन हर तीन या कभी-कभी चार साल में अंतरराष्ट्रीय खेलों को होस्ट करता है.
उन्होंने आगे कहा कि...
पंजाब किंग्स टीम धर्मशाला और इंदौर में खेलती थी. दिल्ली कैपिटल्स ने रायपुर में खेला है और चेन्नई सुपर किंग्स ने एमएस धोनी के होमटाउन रांची में खेल शिफ्ट कर दिया है.
अगले आईपीएल सीजन से खेलने के लिए दो नई आईपीएल टीमों के साथ, कुछ एसोसिएशंस को लगता है कि बीसीसीआई को आईपीएल टीमों के लिए न्यूट्रल स्थानों पर खेलना अनिवार्य कर देना चाहिए. अगले सीजन से 10 आईपीएल टीमें होंगी. अगर ये दस टीमें दो-दो मैच खेलने का फैसला करती हैं तो न्यूट्रल स्थानों पर 20 मैच खेले जा सकते हैं.
यह राज्यों को रेवेन्यू जनरेट करने में मदद करेगा और साथ ही स्टेट एसोसिएशंस को भी मदद मिलेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडियन बोर्ड इस पर गौर करते हुए आईपीएल फ्रेंचाइजी से बात करने की कोशिश करेगा.
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