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BCCI को मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को बोर्ड के संविधान में संशोधन करने की इजाजत दे दी. इसका मतलब है कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह अगले तीन साल तक अपने पद पर बने रह सकते हैं.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बावजूद BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली की कुर्सी खतरे में है. उनके पद को सबसे बड़ा खतरा बीसीसीआई सचिव जय शाह से है. इंडियन एक्सप्रेस की ओर से दावा किया गया है कि ज्यादातर राज्य संघ जय शाह को बीसीसीआई का अगला अध्यक्ष बनाने के पक्ष में हैं.
दरअसल, बीसीसीआई जल्द ही अपनी वार्षिक आम सभा (Annual General Meeting) की बैठक बुलाने जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट से बोर्ड के संविधान में संशोधन की अनुमति मिलने के बाद राज्य संघों को नए सिरे से चुनाव के लिए नोटिस जारी किया जाएगा. अगले महीने होने वाले संभावित चुनाव में जय शाह बीसीसीआई अध्यक्ष चुने जा सकता हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 15 राज्य संघ से उनकी बात हुई है और सभी जय शाह के समर्थन में हैं. कई सदस्यों का मानना है कि जय शाह की वजह से ही कोरोना महामारी के दौरान IPL का सफल आयोजन हो सका.
गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह भले ही क्रिकेट बैकग्राउंड से न हों, लेकिन इस क्षेत्र में उनका कद लगातार बढ़ रहा है. पिछले साल उन्हें एशिया क्रिकेट काउंसिल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इसके बाद इस साल उनका कार्यकाल वर्ष 2024 तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया.
सौरव गांगुली ने 23 अक्तूबर 2019 और जय शाह ने 24 अक्तूबर 2019 को अपना पद संभाला था. इस साल अक्तूबर में दोनों का कार्यकाल पूरा होने वाला हैं. BCCI के पुराने नियमों के अनुसार कूलिंग ऑफ पीरियड खत्म होने के बाद अक्तूबर में इन्हें अपना पद छोड़ना पड़ता पर अब ऐसा नहीं होगा.
BCCI 2018 में लोढ़ा कमेटी की सिफारिश पर कूलिंग ऑफ पीरियड लाई थी. इसके मुताबिक कोई भी व्यक्ति स्टेट बॉडी और बीसीसीसीआई बोर्ड किसी भी पद पर 6 साल से ज्यादा नहीं रह सकता हैं. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद कोई भी व्यक्ति 3 साल स्टेट बॉडी और 6 साल बोर्ड में रह सकता है.
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