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भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच शुरू हो रहे टी20 सीरीज से पहले भारत को एक बड़ा झटका लगा है. भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिस कारण उन्हें आगामी सीरीज से बाहर होना पड़ा. शमी की जगह उमेश यादव को टीम में शामिल किया गया है.
अब सवाल यह उठ रहा है कि शमी के जाने से भारतीय गेंदबाजी को कितना खामियाजा उठाना पड़ेगा? क्या उमेश यादव ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के सामने इस अंतर को खत्म कर पाएंगे? वह भी तब जब उमेश यादव ने पिछले साढ़े तीन साल से कोई भी टी20 मैच नहीं खेला है.
बता दें कि 2021 टी20 विश्व कप के बाद पहली बार शमी को टीम में शामिल किया गया था. उसके बाद से उन्होंने एक भी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है. उन्हें टी20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए स्टैंडबाय प्लेयर के तौर पर रखा गया है.
इससे पहले एशिया कप के दौरान शमी को नजरंदाज कर आवेश खान को चुने जाने पर कई सवाल उठाए गए थे. ऐसा इस इसलिए क्योंकि अनुभव के साथ-साथ शमी का हालिया प्रदर्शन भी अच्छा रहा है.
टीम के इन फैसलों से इतना तो तय है कि टीम में शमी की भूमिका को लेकर चयनकर्ता और कोच बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं हैं.
शमी की जगह उमेश यादव को टीम में शामिल किया हैं. वे लगभग साढ़े तीन साल बाद टी20 टीम में वापसी कर रहे हैं. उन्होंने अपना आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच फरवरी 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था.
उमेश यादव को टीम में शामिल करने का फैसला थोड़ा अजीब है. क्योंकि उन्होंने पिछले सात महीने से एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है और अब टी20 विश्व कप से ठीक पहले उन्हें टीम में शामिल किया गया है.
हालांकि आईपीएल और हाल ही में काउंटी क्रिकेट में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. लेकिन अगर चयनकर्ता उनके नाम पर विचार कर रहे थे तो उन्हें एशिया कप या उससे पहले टीम में क्यों नहीं शामिल किया गया.
इससे पहले उमेश यादव की काउंटी टीम मिडलसेक्स क्रिकेट ने शुक्रवार को ट्वीट किया था कि उमेश चोट के कारण बाकी दो मैचों के लिए टीम से नहीं जुड़ पाएंगे. ऐसे में एक और सवाल उठता है कि अगर उमेश अनफिट हैं तो उन्हें भारतीय टीम में कैसे शामिल किया गया? हालांकि बीसीसीआई के एक सूत्र ने दावा किया है कि वह पूरी तरह फिट हो गए हैं.
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