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दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के खिलाफ घरेलू टी20 सीरीज (T20 Series) में ऋषभ पंत भारत की कप्तानी (Rishabh Pant Captain) करेंगे. वैसे तो पंत आईपीएल (IPL) में दिल्ली की कप्तानी कर चुके हैं लेकिन टीम इंडिया (Team India) की कमान पहली बार उनके हाथ में आई है. दरअसल इस सीरीज में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) को आराम दिया गया था जिसके बाद केएल राहुल (KL Rahul) कप्तान बने थे और पंत को उपकप्तानी मिली थी. लेकिन केएल राहुल चोट लगने के कारण पूरी सीरीज से बाहर हो गए. जिसकी वजह से अब ऋषभ पंत के पास भारत की कप्तानी और खुद को साबित करने का मौका है.
ऋषभ पंत उत्तराखंड से आते हैं और उनका टीम इंडिया तक पहुंचने का सफर काफी संघर्षों से भरा रहा है. लेकिन हर वक्त वो बिंदास रहे और रहते हैं जो उनके खेल में भी झलकता है.
जब ऋषभ पंत को दिल्ली की टीम का आईपीएल में कप्तान बनाया गया था तब उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी बताई थी. पंत ने तब कहा था कि, उत्तराखंड जैसे छेटे राज्य में तब क्रिकेट की उतनी अच्छी फैसलिटीज नहीं थी तो मैं दिल्ली आ गया. लेकिन तब मैं रुड़की से दिल्ली प्रैक्टिस के लिए आया करता था. मैं रोज बस से 6 घंटे का सफर तय करके दिल्ली तक आता था. ताकि यहां अभ्यास कर सकूं तो कई बार में दिल्ली के गुरुद्वारे में ही रुक जाता था.
पंत ने बताया था कि वो खेलने के लिए राजस्थान भी गए थे लेकिन फिर वापस दिल्ली आ गये थे. पंत ने कहा था कि उनके पिता भी क्रिकेट खेला करते थे और वो चाहते थे कि उनका बेटा भी क्रिकेटर बने. इसलिए बचपन में पिता सीने पर रूई बांधकर घर की छत पर शॉर्ट बॉल की प्रैक्टिस कराते थे.
वैसे तो केएल राहुल को चोट लगने की वजह से पंत को कप्तान बनाया गया है, लेकिन उनसे ये मंजिल बहुत दूर नहीं थी क्योंकि चयनर्ताओं ने उन्हें उपकप्तान बनाया था. जिसका मतलब है कि भविष्य में वो भारतीय टीम के कप्तान बनने की रेस में शामिल थे. क्योंकि फिलहाल रोहित शर्मा भारतीय टीम के फुल टाइम कप्तान हैं क्योंकि विराट कोहली अब किसी भी फॉर्मेट में कप्तानी नहीं कर रहे हैं. ऐसे में रोहित शर्मा की उम्र को देखते हुए बीसीसीआई को किसी युवा को इस पद के लिए तैयार करना था.
जिसमें केएल राहुल, ऋषभ पंत और हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ियों का नाम शामिल था. पंत ने अपने बेबाक खेल के अंदाज से सबको दीवाना बनाया है और ऑस्ट्रेलिया में खेली गई उनकी टेस्ट पारियों ने साबित किया कि वो मैच विनर हैं. बस थोड़े पॉलिश की जरूरत है. जो रोहित शर्मा के नीचे रहकर वो सीख सकते हैं.
बहरहाल ऋषभ पंत अब भारतीय टीम के कप्तान बन चुके हैं और अफ्रीका के खिलाफ पूरी टी20 सीरीज में वो कप्तान रहेंगे. जो उनके लिए मौका और चुनौती दोनों है.
ऋषभ पंत ने दिल्ली कैपिटल्स के लिए अच्छा कप्तानी की है. लेकिन दिल्ली की कप्तानी करने और टीम इंडिया की कप्तानी करने में अंतर है. उन्हें यहां कई बार कड़े फैसले लेने होंगे, जिनपर उनकी आलोचना होगी. अब वो पूरे देश के कप्तान हैं तो तारीफ भी ज्यादा मिलेगी और आलोचना भी ज्यादा होगा.
इसके अलावा जिस बेबाक खेल के लिए पंत जाने जाते हैं वो कई बार ऐसा लगता है कि ज्यादा कर गए. इसके लिए उनकी आलोचना भी होती है तो एक कप्तान के तौर पर आपको ज्यादा जिम्मेदारी लेनी होगी और शॉर्ट सेलेक्शन पर ध्यान देना होगा.
सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में अफ्रीका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करना चुनौती भरा होगा. क्योंकि अफ्रीकी टीमने टी20 में भारतीय जमीन पर भारत के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है.
टी20 में अभी पंत को अपने प्रदर्शन को भी साबित करना है क्योंकि जिस कद के वो खिलाड़ी हैं वैसा प्रदर्शन अभी टी20 में सामने नहीं आया है. इसलिए कप्तानी के साथ-साथ उन्हें अपने प्रदर्शन पर भी ध्यान देना होगा.
ऋषभ पंत ने 43 अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 125 के स्ट्राइक रेट से 683 रन बनाए हैं. इसमें उन्होंने 3 अर्धशतक लगाएं हैं और उच्चतम स्कोर 65 रहा है. ऋषभ पंत ने अब तक अपने टी20 करियर में 51 चौके और 29 छक्के लगाए हैं.
ऋषभ पंत ने भारत के लिए लिए 24 वनडे मैच खेलकर 715 रन बनाए हैं और उनका सर्वाधिक स्कोर 85 रहा है. पंत ने वनडे में 5 अर्धशतक लगाए हैं और अभी पहले शतक का इंतजार है.
ऋषभ पंत ने अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन टेस्ट में ही किया है. उन्होंने 30 टेस्ट मैचों में 41 की एवरेज से 1920 रन बनाए हैं. अब तक पंत ने टेस्ट करियर में 4 शतक और 9 अर्धशकर लगाए हैं. टेस्ट मैचों में पंत का सर्नाधिक स्कोर 159 रन है.
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