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न्यूजीलैंड सीरीज ट्रेलर है, भारतीय क्रिकेट में बदलावों के 'नायक' बनेंगे रोहित!

भारत-न्यूजीलैंड टी20 सीरीज में रोहित शर्मा ने न सिर्फ बल्ले से कमाल दिखाया बल्कि कप्तानी के मोर्चे पर भी सफल रहे.

धनंजय कुमार
क्रिकेट
Published:
<div class="paragraphs"><p>न्यूजीलैंड सीरीज ट्रेलर है, भारतीय क्रिकेट में बदलावों के 'नायक' बनेंगे रोहित!</p></div>
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न्यूजीलैंड सीरीज ट्रेलर है, भारतीय क्रिकेट में बदलावों के 'नायक' बनेंगे रोहित!

(फोटो: आईसीसी)

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इस बात में कोई शक नहीं कि भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) कोच, कप्तान से लेकर खिलाड़ियों तक एक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और इसी परिवर्तन के लिए भारतीय क्रिकेट को एक नायक की तलाश है.

भारत की ये तलाश उसी दिन शुरू हो गई थी जब 16 सितंबर को विराट कोहली ने एलान किया कि वो टी 20 वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम की T20 फॉर्मेट में कप्तानी छोड़ देंगे. सबके जहन में ये सवाल कौंदने लगा कि अब विराट के बाद कौन ?

इसके जवाब में कई बार रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के नाम की चर्चा होती तो कभी के एल राहुल और रिषभ पंत भी लाइन में खड़े दिखाई देते. अभी टी 20 वर्ल्ड कप में लुटिया डूबी ही थी कि BCCI ने रोहित शर्मा के नाम का एलान कर दिया. कप्तानी की धुंध अब छट चुकी थी लेकिन रोहित शर्मा परीक्षा से नहीं बच सकते थे.

सबसे पहली परीक्षा लेने न्यूजीलैंड की टीम आई जो टी 20 वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी और इसी टूर्नामेंट में भारत को हराकर उसे अनौपचारिक रूप से बाहर कर दिया था.

वर्ल्ड कप खत्म होने के ठीक 3 बाद 17 नवंबर से ये दौरा शुरू हो गया और रोहित शर्मा बतौर फुल टाईम टी 20 कप्तान भारत की तरफ से पेश हुए. इस दौरे में रोहित ने बल्ले और कप्तानी से जो शानदार प्रदर्शन किया इससे तय हो गया कि रोहित ही वो नायक हैं जिसकी भारत को तलाश है. ये हम ऐसे ही नहीं कह रहे बल्कि इसके कई कारण हैं.

कप्तानी के मोर्चे पर दिखे सॉलिड

रोहित शर्मा के पास कप्तानी का अनुभव तो खूब है लेकिन अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार स्थाई कप्तान रहते रोहित में कई खूबियां दिखी जो कप्तान के अंदर होनी ही चाहिए. रोहित ने सीरीज शुरू होने के पहले ही सभी खिलाड़ियों को बता दिया कि आपका टीम के लिए जो भी योगदान होगा उसे जरूर सराहा जाएगा . उन्होंने कहा

"हम टीम में एक स्वस्थ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, खिलाड़ियों को सुरक्षा देने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे बाहर जाकर निडर होकर खेल सकें."

चाहे मैदान के बाहर के मसले हों या फिर खेल के दौरान लिए गए फैसले, रोहित दोनों में सॉलिड दिखे. अपने गेंदबाजों के लिए उन्होंने जिस तरह से फील्ड सेटिंग की और स्लिप लगाकर रखा उससे उनकी आक्रमकता साफ झलकती है.

युवा और कम अनुभव वाली टीम के साथ रचा इतिहास 

रोहित शर्मा की कप्तानी का एक और अहम पहलू ये रहा कि उन्होंने कम अनुभव वाले युवा खिलाड़ियों की टीम के साथ न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीम को चारों खाने चित किया. T20 वर्ल्ड कप में फाइनल तक पहुंचने वाली न्यूजीलैंड का सफाया 3-0 से हुआ.

सीरीज में विराट कोहली, रविंद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और हार्दिक पांड्या जैसे स्टार खिलाड़ी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन फिर भी जिस तरह से रोहित ने वेंकटेश अय्यर, दीपक चाहर और हर्शल पटेल जैसे खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया वो शानदार रहा. हर्षल पटेल अपने पहले ही मैच में 'मैन ऑफ द मैच' बने तो वेंकटेश अय्यर ने बल्लेबाजी में अपना जोहर दिखाया.

साफ है कि रोहित शर्मा ने इन खिलाड़ियों के अंदर विश्वास पैदा किया जिससे ये खिलाड़ी ऐसा कर पाने में कामयाब रहे.
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व्यक्तिगत प्रदर्शन में भी चमके

रोहित शर्मा के लिए व्यक्तिगत रूप से भी ये सीरीज शानदार रही. जिस कप्तानी के दबाव में विराट कोहली ने टी20 की कप्तानी छोड़ दी, रोहित शर्मा ने बतौर कप्तान पहली ही सीरीज में न सिर्फ कप्तानी से कमाल किया बल्कि बल्ले में भी वही पुरानी धार दिखाई दी.

रोहित शर्मा ने इस सीरीज के तीन मैचों में कुल 159 रन बनाए, वो भी 154 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट के साथ. उसके बोलने से 11 चौके और 10 छक्के भी निकले. टूर्नामेंट में रोहित सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी रहे. इसी प्रदर्शन के दम पर उन्हें 'मैन ऑफ द सीरीज' भी चुना गया. टी 20 में सबसे ज्यादा अर्धशतक लगाने का विराट कोहली को रिकॉड तोड़कर रोहित ने दिखा दिया कि अभी कई रिकॉर्ड टूटने बाकी हैं.

खिलाड़िओं की क्षमताओं को बखूबी पहचाना

इस सीरीज में रोहित की सबसे बड़ी खूबी रही कि उन्होंने खिलाड़ियों की क्षमताओं को बखूबी पहचाना. रोहित जानते थे कि कौन सा खिलाड़ी मैच में कैसे अपना बेस्ट दे सकता है. टीम के चयन में भी इस बात की झलक दिखती है.

इंग्लैंड दौरे से लेकर T20 वर्ल्ड कप तक अश्विन को विराट कोहली ने खूब नजरअंदाज किया. रोहित शर्मा ने उसी अश्विन को 'मैच विनर' बताया. अश्विन के टीम में आने से न सिर्फ बल्लेबाजी में गहराई आई बल्कि अपनी फिरकी से वो विरोधी टीम पर भी खूब हावी दिखे.

रोहित ने खिलाड़ियों का चयन इस तरीके से किया के नौवें नंबर तक बल्लेबाजी में गहराई नजर आ रही थी और गेंदबाजी में भी किसी बॉलर की कमी नहीं खली.

रोहित शर्मा के लिए बतौर स्थाई कप्तान उनकी पहली सीरीज शानदार रही, लेकिन जैसा कि कोच राहुल द्रविड़ ने आखिरी मैच के बाद कहा कि "पांव जमीन पर रखने की जरूरत है", रोहित को ये बात मानते हुए भारतीय क्रिकेट में हो रहे बदलाव का नायक बनना होगा.

पूरी संभावना है कि आने वाले समय में रोहित शर्मा वनडे और टेस्ट की कप्तानी भी संभालने वाले हैं, ऐसे में न्यूजीलैंड का दौरा महज एक ट्रेलर है.

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