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ICC वर्ल्ड कप 2019 के लिए भारतीय टीम चुने जाने से पहले मुझसे कई लोगों ने पूछा था कि हमारे लिए इंग्लैंड में सबसे अहम खिलाड़ी कौन होगा. मेरा जवाब था- महेंद्र सिंह धोनी. अब जबकि आधा वर्ल्ड कप हमारे पीछे छूट चुका है, मैं देख रहा हूं कि लोग अभी भी वही सवाल पूछ रहे हैं. ये लोग टूर्नामेंट में धोनी की फॉर्म को लेकर संदेह जता रहे हैं, लेकिन मेरा जवाब अभी भी नहीं बदला है. मेरा मानना है इंतजार करो और देखो क्या होता है.
लोग मुझसे पूछ सकते हैं कि क्या धोनी मुझे खास पसंद हैं. ऐसे में मेरा जवाब होगा- हां. दरअसल यह मजह खास पसंद नहीं है, मुझे उनकी योग्यता पर काफी भरोसा है. भारत सेमीफाइनल में पहुंचने की कगार पर खड़ा है और धोनी ने अब तक अपनी क्षमता के हिसाब से प्रदर्शन नहीं किया है. उन्होंने 4 पारियों में सिर्फ 90 रन ही बनाए हैं.
जब स्टार खिलाड़ी अच्छा नहीं खेल पाता तो भारत के क्रिकेट फैंस ओवररिएक्ट करने की तरफ बढ़ जाते हैं. मगर हम में से जो भी भारत के लिए खेला है, वो धोनी के योगदान को अच्छी तरह से समझता है, भले ही वह अपने बल्ले से रन ना बना रहे हों.
यहां तक कि सचिन तेंदुलकर ने भी अफगानिस्तान के खिलाफ धोनी और केदार जाधव के प्रदर्शन पर नाखुशी जताई है. मगर यह मत भूलो, उस मैच में पिच बल्लेबाजी के लिए माकूल नहीं थी और भारत काफी जल्दी अपने 4 अहम विकेट गंवा चुका था.
अगर धोनी और जाधव ने परिपक्वता नहीं दिखाई होती तो भारत की टीम 200 से कम रनों पर भी सिमट सकती थी. ऐसे में अफगानिस्तान आसानी से लक्ष्य हासिल कर लेता.
वह फील्डिंग में बदलाव करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं. जब भी टीम इंडिया दबाव में होती है, तब कप्तान, उपकप्तान और गेंदबाज धोनी के पास जाकर उनसे सलाह लेते हैं. बहुत बार धोनी की सलाह चौंकाने वाले तरीके से टीम के काम आती है.
धोनी ने इंडियन प्रीमियर लीग में काफी रन बनाए. वर्ल्ड कप से पहले अभ्यास मैच में भी उन्होंने बल्लेबाज के तौर पर अच्छा प्रदर्शन किया. मैं इस बात को लेकर काफी सकारात्मक हूं कि वह इस टूर्नामेंट को अपने अच्छे प्रदर्शन के साथ ही खत्म करेंगे.
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