Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Cricket Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘युवराज कैंसर से तो जीत गए, लेकिन उनसे उम्मीदें कुछ ज्यादा ही थीं’

‘युवराज कैंसर से तो जीत गए, लेकिन उनसे उम्मीदें कुछ ज्यादा ही थीं’

ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था कि मेरे चीफ सेलेक्टर रहते उसे टीम से हटा दिया गया

संदीप पाटिल
क्रिकेट
Updated:
युवराज सिंह ने भारतीय टीम के दो वर्ल्ड कप जीतने में अहम भूमिका निभाई
i
युवराज सिंह ने भारतीय टीम के दो वर्ल्ड कप जीतने में अहम भूमिका निभाई
null

advertisement

क्रिकेट, यानी सटीक टाइमिंग. अगर आपका सबकुछ सही समय पर हो रहा है, तो आप महानायक हैं. और क्रिकेट के महानायकों की मेरी किताब में एक अध्याय हमेशा युवराज सिंह के नाम होगा.

इस आर्टिकल को सुनने के लिए यहां क्लिक करें-

नन्हे युवराज की पहली झलक

अस्सी के दशक के शुरू में हम देवधर ट्रॉफी खेलने चंडीगढ़ गए थे. युवराज के पिता योगराज मेरे अच्छे दोस्त हैं. उन्होंने भारतीय टीम को युवराज का पहला जन्मदिन मनाने के लिए अपने घर आमंत्रित किया था. उसी दिन मुझे नन्हे युवराज की पहली झलक देखने को मिली थी. वो ऊर्जा से भरपूर था, चेहरे पर हर वक्त मुस्कान रहती थी और बेहद हंसमुख था.

90 के दशक में वो मुंबई में मफतलाल ग्रुप के लिए टाइम शील्ड मैच खेल रहा था. वहीं मकरंद वायगानकर ने युवराज को नोटिस किया और उसे शुरुआती सबक मुंबई में देने के लिए उसके पिता को राजी कर लिया. मकरंद ने युवराज को दिलीप वेंगसरकर की एल्फ अकादमी में शामिल होने में मदद की. वहीं से हमने चंडीगढ़ की युवा प्रतिभा ‘युवराज’ की कहानियां सुननी शुरू कीं.

फिर मैंने उसे केन्या में देखा. वो भारतीय टीम में शामिल दो नए चेहरों में एक था (दूसरी चेहरा जहीर खान था). वाह! दोनों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बेहतरीन अंदाज में अद्भुत छाप छोड़ी. इसके बाद सिर्फ एक साल में युवराज ने खुद को एक बेहतरीन खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर दिया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सौगात

मैंने दुनिया के कई महान खिलाड़ियों को देखा और उनके साथ खेला है. जीआर विश्वनाथ से लेकर वीवीएस लक्ष्मण का कलात्मक खेल, सुनील गावस्कर की बेहतरीन तकनीक और विवियन रिचर्ड्स का अद्भुत जोश. लेकिन युवराज! मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे उसके साथ क्रिकेट और कई दूसरी बातों पर चर्चा करने का मौका मिला.

NCA में डायरेक्टरशिप के दौरान मुझे युवराज में छिपी प्रतिभा को पहचानने का मौका मिला. क्रिकेट की दुनिया उसे सम्मान से देखती थी और उसने भारतीय टीम को दो वर्ल्ड कप जीतने में अहम भूमिका निभाकर उस सम्मान का मान रखा.

क्रिकेट दुनिया को आघात

नेशनल क्रिकेट अकादमी (बेंगलुरु) के फीजियोथेरेपिस्ट आशीष कौशिक और नितिन पटेल ने गौर किया कि कुछ न कुछ गड़बड़ है. ये वही युवराज था, जिसने क्रिस ब्रॉड की छह बॉल पर छह छक्के लगाकर उसकी मिट्टी पलीद एक कर दी थी. उसकी बीमारी की खबर जब सुर्खियों में छाई, उस वक्त अकादमी में उसका प्रशिक्षण चल रहा था.

मुझे याद है कि मैं अकादमी में अपने केबिन के सामने युवराज के साथ टेबल टेनिस खेलता था. मैंने नोट किया कि हर वक्त मुस्कान बिखेरने वाला युवराज पस्त था. उस हालत में भी उसने मुझे गेम में हरा दिया.

उसी शाम फिजियोथेरेपिस्ट ने अमेरिका में डॉक्टरों से सम्पर्क किया. मैं तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन और सचिव संजय जगदले को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने युवराज के इलाज के लिए अमेरिका भेजने का फैसला किया. उसके परिवार को भी भरोसे में लिया गया.

रिश्तों में खटास

तंदुरुस्त होने के बाद जब युवराज भारत लौटा, तो मैं चीफ सेलेक्टर था. पूरी चयन समिति और पूरा देश उसे दोबारा खेलता देखने को बेताब था. वो मेरी जिंदगी का सबसे खुशनुमा पल था, जब युवराज को इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में खेलने के लिए टीम में शामिल किया गया. उस पर उम्मीदों का भारी दबाव था.

युवराज उसी तरह हंसमुख दिख रहा था, जैसा वो बीमारी के पहले था. लेकिन कुछ न कुछ कमी थी. उसने अपना दमखम दिखाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन उसकी बीमारी ने उस पर असर दिखा दिया था.

ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था कि मेरे चीफ सेलेक्टर रहते उसे टीम से हटा दिया गया. उसके बाद हमारे रिश्तों में खटास आ गई. मेरा मानना है कि ये भी गेम का ही हिस्सा था.

लेकिन इस महान खिलाड़ी के महान पल, उसके साथ बिताया बेहतरीन समय और फायदेमंद विचार-विमर्श मुझे हमेशा याद रहेंगे. वो हमेशा मेरा प्यारा, डार्लिंग क्रिकेटर बना रहेगा. जुग जुग जियो युवी! ईश्वर तुम्हें और तुम्हारे परिवार को हमेशा खुश रखे.

(पूर्व भारतीय क्रिकेटर संदीप पाटिल 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे. वो भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता और NCA के डायरेक्टर भी रहे हैं.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 11 Jun 2019,01:43 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT