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ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर शेन वॉर्न (Shane Warne) का हार्ट अटैक से 52 साल की उम्र में निधन हो गया. ऑल टाइम ग्रेट्स में गिने जाने वाले करिश्माई लेग स्पिनर का क्रिकेट करियर शानदार रहा. उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में 1 हजार से ज्यादा विकेट लिए. शेन वॉर्न के लिए ये उपलब्धि इसलिए भी बड़ी है क्योंकि उन्होंने ये उपलब्धि ज्यादातर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर खेलकर हासिल की. जहां की पिचें तेज गेंदबाजों को मदद करती थी.
शेन वॉर्न अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में 1000 से ज्यादा विकेट लेने वाले दुनिया के दूसरे खिलाड़ी हैं. शेन वॉर्न ने 145 टेस्ट मैच खेलकर 708 विकेट हासिल किये हैं. इसके अलावा शेन वॉर्न ने 194 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 293 विकेट लिए हैं. उनके अलावा श्रीलंका के ऑफ स्पिनर मुरलीधरन अंतरराष्ट्रीय करियर में 1000 से ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं.
ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी सीरीज मानी जाने वाली एशेज में उनके नाम पर सबसे ज्यादा 195 विकेट हैं जो उन्होंने 36 टेस्ट मैच खेलकर हासिल किए हैं.
टेस्ट में शेन वॉर्न ऑस्ट्रेलिया की तरफ से सातवें सबसे ज्यादा कैच पकड़ने वाले खिलाड़ी हैं उन्होंने, 25 कैच पकड़े हैं
आईपीएल के पहला सीजन राजस्थान रॉयल्स ने शेन वॉर्न की कप्तानी में ही जीता था
शेन वॉर्न ने 37 बार एक पारी में 5 या उससे ज्यादा विकेट लिए.
एक टेस्ट मैच में शेन व़ॉर्न ने 10 बार 10 या उससे अधिक विकेट लिए हैं.
2003 विश्व कप से ठीक पहले उन पर बैन लगाया गया था जिसको लेकर बाद में वॉर्न ने कहा था कि उन्होंने अपनी मां के कहने पर एक दवाई ली थी.
बैन के दौरान उन्होंने कमेंटेटर के रूप में भूमिका निभाई.
शेन वॉर्न पर 1995 में एक बुकी को पिच की जानकारी देने के कारण भारी जुर्माना देना पड़ा था.
शेन वॉर्न ने फुटबॉल में रिजेक्ट होने के बाद क्रिकेट की तरफ रुख किया.
शेन वॉर्न पिच पर एक रुमाल रखकर घंटो तक उसके आसपास गेंदबाजी करके प्रैक्टिस करते थे.
शेन वॉर्न ने 23 साल की उम्र में 1992 में भारत के खिलाफ डेब्यू किया था, और उनका पहला शिकार रवि शास्त्री बने थे.
रिटायर होने के बाद शेन वॉर्न एक एनजीओ चलाते थे जो बीमार बच्चों और बूढ़ों के लिए काम करती है
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