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टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) में हार का मुंह देखना पड़ा है. इस हार से भारत के प्रदर्शन पर सवाल भी उठने लगे हैं. इस मुकाबले में एक समय ऐसा था जब भारत दबाव बनाने की स्थिति में था, लेकिन न्यूजीलैंड के गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने WTC ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया. इस हार की क्या प्रमुख वजह रहीं आइए जानते हैं...
मैच खत्म होने के बाद टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने सफाई देने के साथ-साथ टीम चयन की कमी को भी उजागर किया. उन्होंने बचाव करते हुए कहा कि पहला दिन धुल गया और जब खेल फिर से शुरू हुआ तो कोई भी गति प्राप्त करना मुश्किल था. हमने केवल तीन विकेट गंवाए, लेकिन अगर खेल बिना रुकावट के चलता रहा तो हम और रन बना सकते थे. फिर मुद्दे पर आते हुए कमी बताते हुए कहा कि हम शायद 30 या 40 रन कम थे. चार तेज गेंदबाज नहीं लेने पर उन्होंने कहा कि यहां आपको एक तेज गेंदबाजी और ऑलराउंडर की जरूरत थी. कोहली के बयान में ही भारत के हार की प्रमुख वजह छिपी हुई थी. जो टीम चयन को लेकर थी.
भारत ने जब प्लेइंग XI की घोषणा तो उसमें तेज गेंदबाज की कमी देखी गई. जबकि सबको पता था कि मौसम के हिसाब से साउथहैम्प्टन की पिच में तेज गेंदबाज कहर ढा सकते हैं. इस मैदान में दोपहर के समय भी तापमान 20 डिग्री से नीचे था. यही वजह रही कि न्यूजीलैंड ने एक भी स्पिनर अपनी टीम में शामिल नहीं किया. वहीं भारत की ओर से आर अश्विन और रवीन्द्र जडेजा प्लेइंग XI में थे. हालांकि अश्विन के चयन के पीछे की वजह पांचवें दिन का खेल बताया जा रहा था, जिसे उन्होंने दो विकेट निकालकर सही साबित किया. लेकिन एक तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की कमी भारत को खल गई.
वहीं बैटिंग में भारतीय बल्लेबाजों ने जिम्मेदारी नहीं दिखाई. आखिरी दिन टीम इंडिया ताश के पत्ते की तरह बिखर गई. भारत ने 106 रनों पर 08 विकेट खो दिए. विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने आसान से कैच थमा कर बैटिंग ऑर्डर को बिखेर दिया. शुभमन गिल भी बतौर ओपनर कुछ खास नहीं कर पाए. पूरे मैच में भारतीय टीम की ओर से एक भी 50 नहीं निकली.
इसके अलावा भारत के टॉप पेसर जस्प्रीत बुमराह भी इस टेस्ट में कोई प्रभाव नहीं दिखा पाए. उनके खाते में 0 विकेट रहे.
फील्डिंग में भी रॉस टेलर का कैच पुजारा ने छोड़ा तो विलियम्सन का कैच बुमराह ने.
कमेंट्री के दौरान पूर्व भारतीय दिग्गज क्रिकेटर सुनील गवास्कर ने कहा कि चूंकि सूरज निकल चुका था और कोई खास मूवमेंट नहीं दिख रहा था. ऐसे में टीम इंडिया को बेहतर बल्लेबाजी करनी थी. लेकिन टीम 170 रन पर आलआउट हो गई.
न्यूजीलैंड की ओर से काइल जेमिसन ने अहम भूमिका निभाई उन्होंने अहम रन और विकेट निकालने का काम किया. इसी वजह से उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
पहली पारी में जेमिसन ने 5 विकेट चटकाए और 21 रन बनाए. वहीं दूसरी पारी में उन्होंने पुजारा और कोहली जैसे अहम प्लेयर को पावेलियन भेजा.
18 जून को जब मैच शुरू नहीं हुआ और टॉस भी नहीं फेंका गया. तब भारत के पास प्लेइंग इलेवन में बदलाव करने का मौका था, लेकिन कप्तान विराट कोहली और टीम मैनेजमेंट अपने फैसले पर जमे रहे. जबकि न्यूजीलैंड ने पांच तेज गेंदबाजों को मैदान में उतारा था.
ये सभी वजहें बताती हैं कि कहीं न कहीं भारत की प्लेइंग XI का चयन ठीक नहीं था. यह एक बड़ी चूक रही.
इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान आंकड़ें यह दिखाते हैं कि कोहली, पुजारा और रहाणे के फॉर्म में गिरावट आई है. आंकड़ें बताते हैं कि इन तीनों ने 2019 यानी WTC की शुरुआत के बाद से कुल 6 टेस्ट सेंचुरी बनाई है, जबकि 2017 और 2018 में उन्होंने 18 शतक बनाए थे.
ऑस्ट्रेलिया दौरे में पंत ने जिस तरह से प्रदर्शन किया था वह सराहनीय था. लेकिन साउथहैम्पटन में वो ब्रिस्बेन वाला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाए. यहां उनके सामने कोई स्पिनर भी नहीं था. यहां वे स्विंग के फेरे में फंस गए और फ्री हैंड खेल नहीं दिखा पाए.
पंत न्यूजीलैंड के खिलाफ दोनों ही पारियों में गलत शॉट खेलकर आउट हुए. दूसरी पारी में बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में वो अपना विकेट गंवा बैठे. पंत ने आगे बढ़कर शॉट लगाना चाहा लेकिन गेंद सही तरह से बल्ले पर आई नहीं और हवा में उठ गई. इस तरह से पंत ने अहम मौके पर अपना विकेट गंवा दिया. हालांकि पंत ने 41 रनों की अहम पारी खेली थी, लेकिन लापरवाही भरी बैटिंग उनसे देखने को मिली.
WTC फाइनल से पहले न्यूजीलैंड की टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली थी. कोहली से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस फैक्टर को नकार दिया था. इस दौरे में आने से पहले जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि अगर आपको लगता है कि फाइनल में न्यूजीलैंड के पास बढ़त है तो आप इस फ्लाइट में बोर्ड न करें.
लेकिन एक फैक्ट यह भी है भारत के खिलाफ फाइनल खेलने से पहले न्यूजीलैंड की टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली थी. उस सीरीज को न्यूजीलैंड की टीम ने 1-0 से अपने नाम किया. इस दौरे से न्यूजीलैंड को इंग्लैंड की परिस्थितियों में अभ्यस्त होने का काफी मौका भी मिला. वहीं इंग्लैंड के खिलाफ मिली जीत की लय भी उनके पक्ष में रही.
इसके अलावा WTC फाइनल से पहले टीम इंडिया को कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से प्रैक्टिस मैच खेलने को नहीं मिला. टीम ने फाइनल से पहले साउथैम्प्टन में इंट्रा स्क्वाॅडड प्रैक्टिस मैच खेला था. अगर टीम इंडिया इंग्लैंड की ए टीम या उसकी दीगर टीमों के साथ अभ्यास मैच खेल लेती तो उसका फायदा फाइनल में मिल सकता था.
WTC फाइनल मुकाबले में भारत के लिए स्विंग और सीम मुश्किल का कारण रही. काइल जेमिसन की कहर बरपाती गेंद से पहली पारी (5/31) में पांच बल्लेबाज ढेर हो गए वहीं दूसरी पारी (2/30) में पुजारा और कोहली चलते बने. 2020 में WTC टूर्नामेंट के दौरान अपनी सीरीज में ही जेमिसन ने दो मैचों में 9 विकेट चटकाकर भारत को मुश्किल में डाल दिया था. वहीं उस सीरीज में टिम साउदी ने कुल 14 विकेट अपने नाम किए थे. यही वजह थी कि टीम इंडिया 2-0 सीरीज हार गई थी. WTC फाइनल में भी साउदी ने बेहतरीन प्रदर्शन (4/48) दिखाया और टीम इंडिया 170 पर सिमट गई.
2014 टी-20 वर्ल्ड कप में युवराज की धीमी बैटिंग भारतीय टीम के लिए विलेन साबित हुई थी.
2015 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में स्टीव स्मिथ ने 93 गेंदों में 105 रनों की पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत से दूर रखा था.
2016 में लेंडल सिमंस ने 51 गेंदों में 82 रन की पारी खेली थी और टीम इंडिया से जीत छीन ली.
2017 चैम्पियन्स ट्रॉफी के फाइनल में फखर जमान ने 106 गेंदों में 114 रनों की अहम पारी खेली थी.
2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ट्रेंट बोल्ट और मैट हेनरी ने संयुक्त तौर पर भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर को ध्वस्त कर दिया था.
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