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15 जनवरी 2017 को, विराट कोहली (Virat kohli) ने पहली बार सफेद गेंद की क्रिकेट में भारतीय टीम के फुल टाइम कप्तान के रूप में टीम का नेतृत्व किया था और तब से विराट लगातार भारतीय टीम के कप्तान थे. अब क्योंकि विराट कोहली तीनों फॉर्मेट में कप्तानी छोड़ चुके हैं, वे 2016 के बाद पहली बार किसी और कप्तान के नेतृत्व में मैदान पर उतरेंगे.
19 जनवरी से भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ एकदिवसीय मैचों की सीरीज खेलेगी जिसमें विराट कप्तान के रूप में नहीं बल्कि सिर्फ खिलाड़ी के रूप में होंगे.
फैंस शायद अब ये सोच रहे होंगे कि क्या केएल राहुल मैदान पर विराट वाली एग्रेशन के साथ दिखेंगे, या हम विराट की कप्तानी को मिस करने वाले हैं.
भारतीय क्रिकेट जब धोनी से विराट के हाथों में आया तब सबके जहन में एक ही सवाल था कि क्या विराट, धोनी की विरासत को संभाल पाएंगे. विराट भले ही टीम को वर्ल्ड कप न जिता पाए लेकिन उन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक नए मुकाम पर पहुंचाया. जिस भारतीय टीम के लिए लोग कहते थे कि ये टीम सिर्फ घर में ही टेस्ट मैच जीत सकती है, विराट ने उन सभी के मुंह पर ताला लगा दिया और इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों को उनके ही घर में चारों खाने चित करने में कामयाब रहे. टेस्ट टीम को विराट ने सातवें नंबर से उठाकर दुनिया में पहले नंबर पर खड़ा कर दिया.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बुधवार से शुरू हो रही वनडे सीरीज में कोहली पहली बार केएल राहुल के नेतृत्व में खेलेंगे तो कैमरे शायद पूर्व-कप्तान पर जरूर फोकस करेंगे. पांच साल में पहली बार, कोहली सिर्फ खिलाड़ी की हैसियत से मैदान में होंगे.
गेंद किसके पास फेंकी जाती है, कौन आगे बल्लेबाजी करने जाता है, किस फील्डर को कहां लाना है, ये अब राहुल तय करेंगे. फैंस के लिए विराट को सिर्फ खिलाड़ी के रूप में मैदान पर देखना थोड़ा खटक सकता है.
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