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मैनचेस्टर में भारतीय फैंस और खुद टीम इंडिया ने जैसे प्रदर्शन की उम्मीद की होगी, उसमें टीम नाकाम साबित हुई. पहले बल्लेबाजी करने उतरे भारतीय बल्लेबाजों ने पूरी तरह निराश किया वेस्टइंडीज की कसी हुई गेंदबाजी के भारतीय बैटिंग लाइनअप उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई. सिर्फ कप्तान विराट कोहली के 72 रन और धोनी के 56 रन की बदौलत भारत ने 50 ओवरों में 7 विकेट खोकर 268 रन बनाए.
काफी देर तक धीमी बल्लेबाजी कर रहे धोनी ने आखिरी ओवर में 2 छक्के और एक चौका जड़ टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. हार्दिक पांड्या ने भी तेजी से 46 रन बनाए.
ओल्ड ट्रैफर्ड में विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया तो ऐसा लगा कि अच्छी पिच पर भारतीय बल्लेबाज मौके का फायदा उठाएंगे और बड़ा स्कोर खड़ा करेंगे, लेकिन टीम की शुरुआत खराब रही और रोहित शर्मा सिर्फ 18 रन बनाकर आउट हो गए.
हालांकि रोहित के विकेट पर थोड़ा सवाल भी उठे, क्योंकि रीप्ले में ये साफ नहीं था कि गेंद बल्ले से लगी या पैड से. फिर भी थर्ड अंपायर ने आउट दिया.
केएल राहुल और कोहली ने अच्छी पार्टनरशिप की और टीम को 100 रन के करीब ले गए. जेसन होल्डर की गेंद पर राहुल 48 रन बनाकर बोल्ड हो गए.
इस बीच विराट कोहली ने वर्ल्ड कप में लगातार अपनी चौथी हाफ सेंचुरी पूरी की और साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज 20 हजार रन भी पूरे किए. हालांकि कोहली एक बार फिर अपनी पारी को शतक में नहीं तब्दील कर पाए और 72 रन बनाकर आउट हो गए.
हार्दिक पांड्या ने क्रीज में आते ही रनरेट को बढ़ाया और तेजी से रन बनाने शुरू किए. हालांकि धोनी एक छोर से टिके रहे और एक बार फिर स्ट्राइक रोटेट करने में परेशान दिखे. दोनों ने मिलकर स्कोर को 250 रन तक पहुंचाया.
वेस्टइंडीज के लिए तेज गेंदबाज केमार रोच ने 3, जबकि जेसन होल्डर और शेल्डन कॉटरेल ने 2-2 विकेट लिए.
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