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वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) फाइनल मुकाबले में भले ही जीत हार का फैसला हो गया. भले ही भारत (Team India) हार गया और न्यूजीलैंड (New Zealand) जीत गया लेकिन फाइनल वाली बात नहीं रही. पहला और चौथा दिन बारिश की भेंट चढ़ गया था. वहीं तीसरे दिन खराब मौसम की वजह से देरी से खेल शुरु हुआ था. इस ऐतिहासिक टेस्ट में बारिश एक विलेन बनकर उभरी थी. ऐसा नहीं कि ICC के इसी अहम मैच में बारिश हुई है. इससे पहले आईसीसी के और भी बड़े टूर्नामेंट्स में बारिश के काले बादल छाने के साथ-साथ बसरे भी. एक नजर ऐसे ही अहम मुकाबलों पर...
आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 का आयोजन इंग्लैंड और वेल्स में किया गया था. इस टूर्नामेंट के शुरुआती मैचों से ही बारिश का सिलसिला शुरु हुआ था जो सेमीफाइनल तक चला था. वर्ल्ड कप के कई मैच बारिश से प्रभावित रहे. पाकिस्तान बारिश की वजह से सेमीफाइनल में पहुंचने से चूक गई थी. वहीं वेस्टइंडीज को भी वर्षा बाधित मैच से हार का सामना करना पड़ा था. श्रीलंका को दो वर्षा बाधित मैच का सामना करना पड़ा था पहला पाकिस्तान के खिलाफ और दूसरा बांग्लादेश के खिलाफ. वहीं साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया मैच भी वर्षा से प्रभावित था.
भारत और न्यूजीलैंड के बीच 2019 वर्ल्ड का सेमीफाइनल मैनचेस्टर में खेला गया था. इस मुकाबला बारिश की वजह से दो दिनों तक खेला गया था. इस मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा था.
ICC चैम्पियन्स ट्रॉफी 2017 के दौरान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का एक मैच बारिश के कारण रद्द होने की वजह से दोनों टीमों को एक-एक पॉइंट मिले थे. वहीं इंग्लैंड ने एक ऑस्ट्रेलिया को वर्षा बाधित मैच में ऑस्ट्रेलिया को डकवर्थ लुईस सिस्टम से 40 रन से हराकर टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया था. इस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के बाहर होने की वजह से बांग्लादेश ने सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी. बता दें कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच इस टूर्नामेंट में खेला गया वर्षा प्रभावित मैच बर्मिंघम में खेला गया था.
आईसीसी चैम्पियन्स ट्रॉफी 2013 का फाइनल मुकाबला भारत बनाम इंग्लैंड का था. मैच के पहले बारिश हुई थी जिसकी वजह इस मैच में प्रत्येक टीम को 20 ओवर मिले. भारत ने पहले बल्लेबाजी की थी. इस रोमांचक मैच में भारत ने 5 रन से जीत दर्ज की थी.
28 अप्रैल 2007 को ऑस्ट्रेलियाई टीम ने वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका को डकवर्थ लुइस नियम के मुताबिक 53 रनों से मात दी थी. साल 1999, 2003 और फिर 2007 में वर्ल्ड कप जीतकर ऑस्ट्रेलिया नेलगातार तीन वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया था. लेकिन यह मुकाबला एक वजह से और यादगार रहा. दरअसल मैच के अंतिम समय में बारिश शुरू हो गई थी जिससे मैच को रोकना पड़ा.
इसके बाद अंपायरों ने खराब रोशनी के चलते मैच को सस्पेंड कर दिया. वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम वर्ल्ड कप जीत का जश्न मनाने लगी, लेकिन इसके बाद उन्हें जानकारी दी गई कि अभी 3 ओवर फेंकने बाकी हैं.
मैदान पर अंधेरा हो चुका था और अगले दिन बचे हुए तीन ओवर फेंकने का विकल्प था, लेकिन मैच रेफरी ने उसी दिन बचे हुए 3 ओवर फेंकने का फैसला सुनाया. नतीजन श्रीलंकाई टीम को अंधेरे में 3 ओवर फेंकने पड़े. जब आखिरी के 3 ओवर फेंके गए तो मैदान पर इतना अंधेरा था कि दर्शक खिलाड़ियों को देख नहीं पा रहे थे.
वर्ल्ड कप फाइनल में हुई इस घटना के बाद आईसीसी पर सवाल खड़े हुए थे.
2003 आईसीसी विश्व कप के फाइनल और सेमीफाइनल में बारिश का खलल देखने को मिला था. फाइनल मुकाबले में भारतीय पारी के 17वें ओवर में बारिश ने कुछ समय के लिए जरूर खलल डाला, लेकिन परिणाम पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा था. ऑस्ट्रेलिया ने 125 रन से जीत दर्ज करते हुए मैच और विश्व कप ट्रॉफी अपने नाम की थी.
वहीं इस टूर्नामेंट के पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवरों में सात विकेट पर 212 रन बनाए थे. जवाब में श्रीलंका की टीम जब लक्ष्य का पीछा करते हुए 38.1 ओवरों में सात विकेट पर 123 रन पर पहुंची तब बारिश ने मैच में खलल डाल दिया और डकवर्थ-लुइस नियम के तहत ऑस्ट्रेलिया को 48 रनों से विजयी घोषित किया गया.
ICC चैम्पियन्स ट्रॉफी 2002 का फाइनल मुकाबला हर दिन नए सिरे से दो दिन खेला गया. इस मुकाबले में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट पर 244 रन का स्कोर बनाया. जवाब में भारतीय पारी के दो ओवर हो पाए और बारिश आ गई, जिसकी वजह उस दिन दोबारा मैच शुरू नहीं हो पाया. अगला दिन रिजर्व डे था और मैच एक बार फिर नए सिरे से शुरू हुआ. श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और टीम ने 50 ओवर में 7 विकेट पर 222 का स्कोर बनाया. ने में सफल रही थी. जवाब में भारत की पारी में 8.4 ओवर का ही खेल हो पाया था और बारिश ने मैच में खलल डाल दी. इसके बाद खेल संभव नहीं हो पाया और भारत-श्रीलंका को संयुक्त रूप से विजेता घोषित कर दिया गया.
इस 50 ओवर टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में कुल मिलाकर 110.4 ओवर फेंके गए थें.
ICC वर्ल्ड कप 1992 के सेमीफाइनल में अफ्रीका मुकाबला इंग्लैंड से हुआ था. मैच में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी की थी. बारिश की वजह से मैच 45 ओवर का हो गया था, टीम ने 45 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 252 रन तक पहुंचाया था. जवाब में साउथ अफ्रीका का स्कोर 42.5 ओवर में 6 विकेट पर 231 रन था, तभी एक बार फिर जोरदार बारिश आ गई.
कुछ देर बाद बारिश रुकी तो दक्षिण अफ्रीका के सामने रिवाइज्ड टारगेट रखा गया, जिसे देखकर विपक्षी टीम तक हैरान रह गई. मैच रुकने से पहले अफ्रीका को 13 गेंद पर 22 रन चाहिए थे, तो मैच वापस शुरू होने पर उन्हें 1 गेंद पर 21 रन का लक्ष्य दे दिया गया.
नए टारगेट की गणित से सभी हैरान थे, आखिरी गेंद पर एक रन बना और अफ्रीका 19 रन से हारकर दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से वर्ल्ड कप से बाहर हो गया. इसके बाद ही आईसीसी ने डकवर्थ लुइस सिस्टम तैयार किया था.
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