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सौरव गांगुली और धोनी में कौन बेहतर कप्तान? क्या है युवराज की राय

युवराज के लिए 2011 वर्ल्ड कप खास था क्योंकि जब भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता था

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क्रिकेट
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धोनी ने जब साल 2004 में अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में शुरुआत की, तब युवराज उनके सीनियर साथी हुआ करते थे
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धोनी ने जब साल 2004 में अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में शुरुआत की, तब युवराज उनके सीनियर साथी हुआ करते थे
(फोटो: Reuters)

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भारत के बेहतरीन ऑलराउंडरों में शुमार युवराज सिंह ने सोमवार को बेहद भावुक मन से क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया. इस भावुक पल के दौरान युवराज ने अपने 19 साल के क्रिकेट सफर से लेकर क्रिकेट जगत के अपने दोस्त, सीनियर्स और जूनियर्स खिलाड़ियों का भी जिक्र किया. उन्होंने पूर्व कप्तान एम एस धोनी और सौरव गांगुली के नेचर के बारे में भी बताया.

पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को शुक्रिया कहते हुए युवराज ने कहा, "मैंने साल 2000 में अपना क्रिकेट करियर सौरव गांगुली के नेतृत्व में शुरू किया. मैं उन्हें और चयनकर्ताओं का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा." युवराज ने ये भी कहा, गांगुली हमेशा अपने खिलाड़ियों के लिए लड़ते थे. उनको टीम में शामिल करने और टीम तैयार करने के लिए लड़ते थे.

वहीं युवराज ने अपने खास दोस्त और पूर्व कप्तान धोनी के बारे में भी बात की. युवराज बोले, धोनी बहुत शांत स्वभाव वाले हैं. हर विकेट लेने के पीछे उनका बेहतरीन और तेज दिमाग होता है.

धोनी को 'बिहारी' कहकर चिढ़ाते थे युवराज

धोनी ने जब साल 2004 में अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में शुरुआत की, तब युवराज उनके सीनियर साथी हुआ करते थे. तब युवराज अक्सर धोनी को 'बिहारी' कहकर चिढ़ाया करते थे. युवराज जैसे ही धोनी को 'बिहारी' कहकर चिढ़ाते टीम के बाकी सदस्य हंसने लगते थे.

भारत ने जब साल 2011 में धोनी के नेतृत्व में दूसरी बार वर्ल्ड कप जीता था, तब 37 साल के युवराज एक लड़ाके के रूप में सामने आए थे. युवराज ने उस वर्ल्ड कप में 362 रन (एक शतक और चार अर्धशतक) बनाने के अलावा 15 विकेट भी हासिल किए थे और चार बार मैन ऑफ द मैच के अलावा प्लेअर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे.

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युवराज के लिए खास था 2011 वर्ल्ड कप

युवराज के लिए 2011 वर्ल्ड कप खास था क्योंकि जब भारत ने पहली बार वर्ल्ड कप जीता था, तब उनका जन्म भी नहीं हुआ था और जब वह वर्ल्ड चैंपियन बने तो उन्होंने अपने नाम एक अनोखा रिकॉर्ड जोड़ लिया. युवराज पहले ऐसे ऑलराउंडर हैं, जिन्होंने किसी वर्ल्ड कप में 300 से ज्यादा रन बनाने के अलावा 15 विकेट भी हासिल किए हों.

वर्ल्ड कप के बाद युवराज कैंसर से पीड़ित बताए गए और फिर अमेरिका में उनका लंबे समय तक इलाज चला. कैंसर को हराने के बाद युवराज ने टीम इंडिया में वापसी की लेकिन इसके बाद उनकी जिंदगी पहले जैसी नहीं रही.

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