advertisement
इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट में टीम इंडिया ने प्लेइंग-XI में बदलाव करते हुए हनुमा विहारी नाम के एक गुमनाम चेहरे को जगह दी. घरेलू क्रिकेट में पिछले सीजन रनों का अंबार लगाकर टीम इंडिया में जगह पाने वाले हनुमा विहारी से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद तो थी लेकिन पहली ही पारी में वो इंग्लैंड के अव्वल दर्जे के गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ दबाव में फिफ्टी बनाएंगे, ये किसी ने नहीं सोचा था. ओवल के मैदान पर हनुमा विहारी ने 104 गेंदों में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की पहली हाफ सेंचुरी जमाई. हनुमा 56 रन बनाकर आउट हुए और उन्होंने 7वें विकेट के लिए रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर 77 रनों की बहुमूल्य साझेदारी की.
विहारी ने ये हाफ सेंचुरी ऐसे वक्त पर लगाई जब भारत का टॉप ऑर्डर आउट होकर पवेलियन लौट गया था और ब्रॉड-एंडरसन की जोड़ी को पिच से लगातार मदद मिल रही थी. गेंद दाएं और बाएं दोनों तरफ तेजी से स्विंग कर रही थी लेकिन इस जुझारू खिलाड़ी ने पिच पर जिगर दिखाया. भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले विहारी 292वें खिलाड़ी हैं.
आंध्रप्रदेश के हनुमा के पास फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 9वीं सबसे ज्यादा औसत(59.79) है. पहले नंबर पर सर डॉन ब्रैडमेन हैं जिनका औसत 95.14 का है. हनुमा विहारी ने 63 फर्स्ट क्लास मैचों में 59.79 की औसत और 15 सेंचुरी के साथ 5,142 रन बनाए हैं. पिछले रणजी सीजन में भी उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया. 94 की बेमिसाल औसत के साथ उन्होंने सीजन में चौथे सबसे ज्यादा 752 रन बनाए.
ईरानी कप में भी हनुमा ने अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने चैंपियन विदर्भ के खिलाफ 327 गेंदों पर 183 रन बनाए. विहारी अच्छी ऑफ स्पिन भी डाल लेते हैं, उन्होंने 63 मैचों में 39.42 की औसत के साथ 19 विकेट लिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)