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भारतीय मूल के समीर बनर्जी (Samir Banerjee) जूनियर बॉयज विंबलडन चैंपियन (Wimbledon 2021) बन गए हैं. फाइनल में हमवतन विक्टर लिलोव को एक घंटे 21 मिनट में 7-5, 6-3 से हराकर ग्रैंड स्लैम लड़कों का सिंगल टाइटल जीतने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी खिलाड़ी भी बन गए हैं. उनकी जीत पर कई भारतीयों ने खुशी जताई है.
न्यू जर्सी के 17 वर्षीय दाएं हाथ के खिलाड़ी ने सेमीफाइनल मुकाबले में दो घंटे से कम समय में साशा गुयेमार्ड वायेनबर्ग को 7-6 (3), 4-6, 6-2 से हराया. छह साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू करने वाले समीर हाल ही में फ्रेंच ओपन के पहले दौर में हार गए थे. अब समीर साल 2015 के बाद विंबलडन बॉयज चैंपियन बनने वाले पहले और यह खिताब हासिल करने वाले कुल 12वें अमेरिकी बन गए हैं.
मैच के बाद समीर ने कहा,
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, समीर के पिता असम और मां आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखती हैं. अपनी जीत पर समीर ने पब्लिकेशन से कहा, "बस भीड़ को देखते हुए, वहां बहुत सारे भारतीय थे, मेरा बहुत समर्थन कर रहे थे. मैंने वास्तव में इसकी सराहना की. कोई बहुत जोर-जोर से चिल्ला रहा था तो कोई बाद में फोटो खिंचवाने की बात कर रहा था. मैं सीधे भारत से नहीं हूं, मैं अमेरिकी हूं, लेकिन भारतीय रिश्तेदार और माता-पिता होने के कारण, मैं संस्कृति और सभी चीजों का सम्मान करता हूं." समीर ने कहा कि उन्हें अपनी जड़ें महसूस हुईं.
उन्होंने दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित टेनिस टूर्नामेंट्स में से एक का खिताब जीता है, लेकिन बावजूद इससे वो अभी भी कॉलेज जाना चाहते हैं. समीर ने कहा, "मुझे लगता है कि मेरे लिए कॉलेज एक अच्छी चरित्र-निर्माण की चीज होगी, क्योंकि मुझे यकीन नहीं है कि मैं अभी पूरी तरह से पेशेवर होने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं, इसलिए अभी के लिए, मैं अभी भी शायद कॉलेज जाने वाला हूं."
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने समीर को बधाई देते हुए लिखा कि अब वो लिएंडर पेस और रमेश कृष्णन की बड़ी लीग में आ गए हैं.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत के पास टेनिस की दुनिया में खुशी मनाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, हम सभी को भारतीय-अमेरिकी समीर बनर्जी की जीत की खुशी मनानी चाहिए.
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