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भारत की जीत में शंकर और कंगारुओं की हार में स्टॉयनिस का रोल देखिए

भारत की जीत में जो करिश्माई योगदान विजय शंकर का रहा कुछ वैसा ही योगदान मार्कस स्टॉयनिस का ऑस्ट्रेलिया की हार में रहा

शिवेंद्र कुमार सिंह
स्पोर्ट्स
Published:
5 वनडे मैचों की सीरीज में भारत 2-0 से आगे है
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5 वनडे मैचों की सीरीज में भारत 2-0 से आगे है
(फोटो: PTI/Twitter)

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नागपुर वनडे में मार्कस स्टॉयनिस ने जो किया, वो अगर किसी हिंदुस्तानी खिलाड़ी ने किया होता, तो आज के अखबार उसकी आलोचना से भरे होते. भारत की जीत में जो करिश्माई योगदान विजय शंकर का रहा, कुछ वैसा ही योगदान मार्कस स्टॉयनिस का ऑस्ट्रेलिया की हार में रहा.

नागपुर वनडे में ऑस्ट्रेलिया की टीम को जीत के लिए 251 रन चाहिए थे. लड़खड़ाई कंगारुओं की टीम को जीत के लिए आखिरी 3 ओवर में 21 रन चाहिए थे. यानी 18 गेंद पर 21 रन, जबकि भारत को जीत के लिए 2 विकेट चाहिए थे.

स्टॉयनिश के साथ विकेट के दूसरे छोर पर नेथन लाएन थे. कप्तान विराट कोहली ने 48वां ओवर फेंकने की जिम्मेदारी अपने सबसे शानदार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को दी. मार्कस स्टॉयनिस क्रीज पर थे. उन्होंने पहली पांच गेंदों पर जानबूझकर एक भी रन नहीं बनाया.

कॉमेंट्री कर रहे ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज बल्लेबाज हैरान थे. उन्हें ये तो समझ में आ रहा था कि मार्कस स्टॉयनिस रन क्यों नहीं बना रहे हैं, लेकिन वो उनकी इस रणनीति से सहमत नहीं थे. आखिरकार बुमराह के ओवर की आखिरी गेंद पर स्टॉयनिश ने एक रन लेकर अगले ओवर के लिए स्ट्राइक अपने पास रख ली. अब कंगारुओं को जीत के लिए 12 गेंद पर 20 रन चाहिए थे.

आपको बताते हैं कि स्टॉयनिश ने इतना बड़ा जुआ क्यों खेला?

एक ओवर का फायदा उठाने की फिराक में थे स्टॉयनिस

दरअसल ओवरों का गणित कुछ ऐसा था कि 48वां ओवर खत्म होने के बाद विराट कोहली के पास एक ओवर के लिए गेंदबाज चुनने की किल्लत थी. ऐसा इसलिए, क्योंकि मोहम्मद शमी के एक ओवर फेंकने के बाद नियमित गेंदबाजों का कोटा खत्म हो चुका था. जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा अपने 10-10 ओवर फेंक चुके थे. ये ग्राफिक्स देखिए

विराट कोहली ने 49वां ओवर शमी से कराया. उस ओवर में कंगारुओं ने 9 रन बनाए. अब आखिरी ओवर में जीत के लिए 6 गेंद पर 11 रन चाहिए थे. स्टॉयनिस अब भी क्रीज पर थे. विराट ने गेंद विजय शंकर को सौंपी.

कॉमेंट्री टीम में ज्यादातर लोगों ने विराट ने इस फैसले को सही ठहराया. ऐसा इसलिए, क्योंकि केदार जाधव के ओवर में अगर एक भी बड़ा शॉट लग जाता, तो मैच फिसल सकता था. 50वें ओवर की पहली ही गेंद पर स्टॉयनिस आउट हो गए.

एक गेंद बाद ही एडम जैंपा को भी आउट करके विजय शंकर ने करिश्माई जीत दिला दी. अब जरा ये भी जान लेते हैं कि 48वें ओवर में स्टॉयनिश ने जिस नैथन लाएन की बल्लेबाजी पर भरोसा नहीं किया, वो क्या वाकई स्ट्राइक रोटेट करने के लायक भी नहीं हैं.

वैसे भी क्रिकेट में ये परिभाषा चलती है कि अगर किसी खिलाड़ी ने टेस्ट क्रिकेट खेला है, तो उसे क्रीज पर ‘स्ट्राइक रोटेट’ करने भर की समझ होती है. लेकिन अपने से कहीं ज्यादा सीनियर खिलाड़ी पर भरोसा न करने की गलती मार्कस स्टॉयनिस और उनकी टीम को भारी पड़ी.

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खुलकर सामने आई कंगारुओं की कमजोरी

ये सोचकर भी ताज्जुब होता है कि कंगारुओं की टीम 251 रनों के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई. पिछले मैच में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम सिर्फ 236 रन बना पाई थी. भारत के दौरे पर ये लगातार दूसरा मैच है, जब भारतीय गेंदबाजों ने उसे ढाई सौ रनों के भीतर समेटा है. ऑस्ट्रेलिया के हालिया आंकड़े बताते हैं कि टीम पटरी पर नहीं है.

हाल ही में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में वनडे और टेस्ट सीरीज में हराया. ऑस्ट्रेलियाई फैंस के लिए हार का ये सिलसिला इसलिए और परेशान करने वाला है, क्योंकि कुछ हफ्ते बाद विश्व कप खेला जाना है. ये वही ऑस्ट्रेलियाई टीम है, जिसने विश्व क्रिकेट पर राज किया है, जो वनडे क्रिकेट में मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन है, जिसके खाते में 5 विश्व कप खिताब हैं. लेकिन वक्त अब बदल गया है.

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