advertisement
टी20 वर्ल्डकप 2021 (T20 World Cup 2021) में भारत (India) पाकिस्तान (Pakistan) एक बार फिर आमने सामने होंगे. क्रिकेट ये महाकुंभ ऐसा है जिसका हर क्रिकेट प्रेमी को बेसब्री से इंतजार होता है. 24 अक्टूबर को जब भारत-पाकिस्तान की टीमें आमने-सामने होंगी तो खिलाड़ियों और फैंस के मन में कई पुरानी यादें भी ताजा होंगी. जो पाकिस्तान के लिए खुशगवार तो बिल्कुल भी नहीं, क्योंकि क्रिकेट इतिहास में पाकिस्तान कभी भारत से जीत ही नहीं पाया है और टीम इंडिया ने हमेशा देशवासियों को खुश होने का मौका दिया है.
इन्हीं खुशियों में से एक लम्हा हम आपको दोबारा याद करवा रहे हैं, दरअसल ये कहानी है 2007 के 20 वर्ल्डकप की. 20-20 क्रिकेट इतिहास का ये पहला वर्ल्ड कप था. जिसे भारत ने जीता था, इस एक वर्ल्ड कप में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को दो बार हराया था. फाइनल के किस्से तो लोगों ने बहुत सुने हैं और याद भी हैं, लेकिन लीग मैच में मिली जीत भारतीय फैंस के लिए किसी से कम नहीं थी. इस मैच में ही धोनी (MS Dhoni) ने साबित कर दिया था कि जितना उनका बल्ला चलता है उतना ही दिमाग भी.
बॉल आउट में दोनों टीमों के गेंबाजों को फेंकने के लिए 6 बॉल दी जाती थी, जो सबसे ज्यादा बार विकेट में मार दे वो जीत जाता. इसमें कप्तान किसी से भी बॉल करवा सकता था.
यहां धोनी का वो दिमाग पहली बार दुनिया ने देखा जिसका लोहा क्रिकेट के तमाम दिगग्जों ने माना. धोनी ने सारी बॉल अपने स्पिन गेंदबाजों से करवाई, क्योंकि वो आसानी से विकेट पर बॉल मार सकते थे. यहां तक कि धोनी रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) और वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) से भी बॉल करवाई और सबने सीधे विकेट पर निशाना लगाया. दूसरी तरफ पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक ने तेज गेंदबाजों से शुरुआत की और कोई भी खिलाड़ी विकेट पर बॉल नहीं मार सका.
इस तरह महेंद्र सिंह धोनी का दिमाग पहली बार टीवी स्क्रीन पर दिखा जो सालों साल तक बार-बार भारतीय टीम को जीत दिलाने में एहम भूमिका निभाता रहा. वही महेंद्र सिंह धोनी इस बार टीम विराट (Virat Kohli) के मेंटोर बनकर गए हैं तो आप किसी कारनामे की उम्मीद कर सकते हैं.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)