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ये बात वाकई चौंकाती है. इस सीजन में कामयाब गेंदबाजों की फेहरिस्त में तमाम स्पिनर्स हैं. ऐसे स्पिनर्स भी हैं, जिन्होंने काफी समय से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है. लेकिन वो ‘टच’ में हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके स्पिनर्स में कुलदीप यादव इकलौते ऐसे स्पिनर हैं, जो इस सीजन में अब तक बिल्कुल बेरंग हैं. इस सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स के औसत प्रदर्शन की तमाम वजहों में से एक वजह कुलदीप यादव का ना चलना भी है.
कोलकाता ने इस सीजन में अब तक खेले गए 10 मैचों में से सिर्फ 4 में जीत हासिल की है. प्वाइंट टेबल में वो छठे नंबर की टीम है. प्लेऑफ की रेस में बने रहने के लिए अब उसे बाकि सभी मैच जीतने होंगे, जो मुश्किल लगता है. कोलकाता के कप्तान दिनेश कार्तिक भी फ़ॉर्म से बुरी तरह जूझ रहे हैं. लेकिन कुलदीप की फ़ॉर्म को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए है क्योंकि आईपीएल के तुरंत बाद विश्व कप खेला जाना है. विश्वकप में कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल की जोड़ी को विराट कोहली के ‘ट्रंपकार्ड’ की तरह देखा जा रहा था. पिछले डेढ़ दो साल में भारतीय टीम की लिमिटेड ओवर की कामयाबी में इन दोनों गेंदबाजों का बड़ा रोल रहा है.
चहल की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर भले ही इस सीजन में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई, लेकिन उनका अपना प्रदर्शन अच्छा है. चहल अब तक खेले गए 11 मैचों में 14 विकेट ले चुके हैं. वो सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप पांच गेंदबाजों की फेहरिस्त में चौथे नंबर पर हैं. जबकि कुलदीप यादव इस लिस्ट के पहले तीस गेंदबाजों में भी नहीं आते. इस सीजन में कुलदीप यादव के प्रदर्शन का आंकड़ा देख लेते हैं फिर उनकी कमियों पर बात करेंगे.
कुलदीप यादव ने अगर किफायती गेंदबाजी की होती तो भी बात बनती. लेकिन विकेट ना लेने के साथ साथ वो महंगे भी साबित हुए हैं. कुलदीप यादव के मुकाबले बाकि स्पिनर्स के प्रदर्शन के आंकड़े भी जान लेते हैं.
ये सभी स्पिनर्स इस सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में टॉप 15 में शामिल हैं. इनकी इकॉनमी रेट पर भी नजर डालिएगा, जिससे ये बात साफ होगी कि इन्होंने ना सिर्फ विकेट लिए हैं बल्कि किफायती गेंदबाजी भी की है. फिर सवाल ये है कि आखिर कुलदीप यादव से गलती कहां हो रही है.
कुलदीप यादव की गेंदबाजी में बिल्कुल भी ‘वेरिएशन’ नहीं है. वो आईपीएल में भी परंपरागत ढंग से धीमी रफ्तार की स्पिन गेंदें फेंक रहे हैं. वो अपने ओवर में 6 की 6 गेंद धीमी रफ्तार से फेंकते हैं. अगर आप कुलदीप यादव की गेंदों की औसत रफ्तार देखेंगे तो वो 80 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. इससे उलट अगर आप युजवेंद्र चहल को देखें तो वो औसत रफ्तार 90 से ऊपर की रखते हैं. लिहाजा बल्लेबाजों के लिए कुलदीप यादव की गेंद को ‘गेस’ करना बहुत आसान है. इसीलिए बल्लेबाज उनकी गेंद पर क्रीज से बाहर निकलकर खेलते हैं.
आप नोटिस करेंगे कि कुलदीप यादव की गेंदों पर बल्लेबाज ज्यादातर लॉन्ग ऑन या लॉन्ग ऑफ पर छक्के लगाते हैं. उनकी गेंदों पर ज्यादातर बल्लेबाज आड़ा शॉट या ‘एक्रॉस द लाइन’ नहीं खेलता क्योंकि ऐसा करने पर गेंद के हवा में चले जाने का खतरा है. इस बुनियादी बात को दिमाग में रखकर बल्लेबाज कुलदीप यादव के खिलाफ बल्लेबाजी करते हैं. विश्व कप के लिहाज से बात करें तो पचास ओवर का मैच निसंदेह टी-20 फ़ॉर्मेट से अलग होता है, लेकिन तब तक आत्मविश्वास बनाए रखने के लिए कुलदीप यादव का फॉर्म में आना जरूरी है.
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