Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Sports Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019IPL में क्यों बहुत कठिन है कप्तानी की डगर

IPL में क्यों बहुत कठिन है कप्तानी की डगर

क्रिकेट के इतिहास में कुछ कप्तानों को हमेशा महानतम की श्रेणी में रखा गया है.

शिवेंद्र कुमार सिंह
स्पोर्ट्स
Published:
जिस टीम का कप्तान ‘फ्रंट’ से लीड करता है उसकी टीम बेहतर प्रदर्शन करती है.
i
जिस टीम का कप्तान ‘फ्रंट’ से लीड करता है उसकी टीम बेहतर प्रदर्शन करती है.
(फोटो: IPL)

advertisement

क्रिकेट में आपने ये बात अक्सर सुनी होगी कि फलां टीम का कप्तान ‘फ्रंट’ से लीड करता है. फ्रंट से लीड करने का मतलब बड़ा सीधा है, ऐसा कप्तान जो अपने प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाए और बाकि खिलाड़ियों को भी अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रेरित करे. इसीलिए क्रिकेट के इतिहास में कुछ कप्तानों को हमेशा महानतम की श्रेणी में रखा गया है. आईपीएल में भी ये ट्रेंड साफ नजर आता है. जिस टीम का कप्तान ‘फ्रंट’ से लीड करता है उसकी टीम बेहतर प्रदर्शन करती है.

इस सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब इकलौती टीम है जिसकी कमान एक गेंदबाज के हाथ में है. आर अश्विन टीम की कमान संभाल रहे हैं. उनकी टीम इस समय प्वाइंट टेबल में पहले पायदान पर है. पंजाब के अलावा बाकी सभी टीमों के कप्तान बल्लेबाज हैं.

दिलचस्प बात ये है कि प्वाइंट टेबल में पंजाब के बाद जो अगली तीन टीमें हैं, उन सभी के कप्तानों का प्रदर्शन अभी तक शानदार रहा है. चेन्नई सुपरकिंग्स, सनराइजर्स हैदराबाद और कोलकाता नाइट राइडर्स इन तीनों ही टीमों के कप्तान यानी महेंद्र सिंह धोनी, केन विलियमसन और दिनेश कार्तिक की इस सीजन की बल्लेबाजी का औसत 45 से ज्यादा का है. जो आईपीएल में एक अच्छा औसत माना जाता है.

आइए आपको आंकड़े के जरिए सभी टीमों के कप्तानों का प्रदर्शन दिखाते हैं. आप खुद ब खुद अंदाजा लगा लेंगे कि क्यों कुछ टीमों की हालत अच्छी है और कुछ की बुरी है. सबसे पहले प्वाइंट टेबल में पहले नंबर की टीम के कप्तान आर अश्विन का रिकॉर्ड अलग से देख लेते हैं.

इकलौते गेंदबाज जो हैं टीम के कप्तान

(फोटो: क्विंट हिंदी/तरुण अग्रवाल)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आर अश्विन की प्रभावशाली कप्तानी का आंकलन इस बात से करना चाहिए कि उन्होंने जब भी गेंदबाजी की है तो हर ओवर में 8 से कम रन दिए हैं. साथ ही जब भी उन्हें बल्लेबाजी करने की जरूरत पड़ी है, उन्होंने 135 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की है.

अब बात करते हैं बाकी टीमों के कप्तानों की

(फोटो: क्विंट हिंदी/तरुण अग्रवाल)

ये आंकड़े उसी क्रम में दिए गए हैं जिस क्रम में इस सीजन में अब तक प्वाइंट टेबल है. अब आपके लिए ये अंदाजा लगाना बिल्कुल मुश्किल नहीं होगा कि दिल्ली की टीम की हालत इतनी खराब क्यों है. दिल्ली के कप्तान गौतम गंभीर की फॉर्म इस बात का अंदाजा लगाने के लिए काफी है. औसत के मामले में भले ही रोहित शर्मा भी अच्छे नहीं है लेकिन स्ट्राइक रेट तो सभी कप्तानों का गौतम गंभीर से बहुत बेहतर है. जो ये दिखाता है कि गंभीर कप्तानी के कितने दबाव में हैं. इन आंकड़ों से बड़ी आसानी से इस सीजन में अभी तक के तीन सुपर कप्तान भी निकाले जा सकते हैं.

(फोटो: क्विंट हिंदी/तरुण अग्रवाल)

IPL में क्यों कठिन है कप्तानी

यूं तो कप्तानी किसी भी टीम की कठिन ही होती है. आईपीएल में कप्तानी के कठिन होने की एक बड़ी वजह ऐसे खिलाड़ियों को लीड करना होता है जो अलग-अलग टीमों से आए होते हैं. जरूरी नहीं है कि एक खिलाड़ी जो रोल अपनी नेशनल टीम में निभाता हो वही आईपीएल टीम में भी निभाए.

आईपीएल में सभी टीमों में भारतीय खिलाड़ी शामिल रहते हैं, जो साल के दस महीने एक ही ड्रेसिंग रूम का हिस्सा होते हैं. हर कोई एक दूसरे की ताकत कमजोरी से परिचित होता है. ऐसे में कोई नई रणनीति बनाना चुनौती भरा काम है.

आईपीएल में प्रदर्शन का सीधा असर खिलाड़ियों की बोली से जुड़ा हुआ है. यहां मालिकों का ढेर सारा पैसा दांव पर लगा रहता है. इस बात का दबाव भी कप्तानों पर रहता है. ऐसी परिस्थिति में कामयाब वो है जो कप्तानी को सीधा और आसान रखे. जिसके लिए उसका खुद के फॉर्म में होना और विश्वास से भरे रहना जरूरी है. वरना ये टूर्नामेंट पैसे का खेल है यहां खिलाड़ियों को तो छोड़िए टीमों के मालिक सीजन बदलने पर कप्तान तक ‘रीटेन’ नहीं करते.

ये भी पढ़ें- IPL 2018: अब अपने ही घर में बेगाने हुए गौतम गंभीर

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT