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भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के बीच केंद्र सरकार ने चीन की 59 मोबाइल एप्लीकेशन को बैन कर दिया. इसे चीन को दिए गए एक संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है.
इनमें से कई ऐप्स पर यूजर डेटा इकट्ठा करने और जासूसी करने का आरोप लग चुका है. मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने TikTok, ShareIt, और UC Browser जैसे कई ऐप को बैन कर दिया है.
हालांकि बैन के बाद से ये साफ नहीं हो पाया है कि उन ऐप्स का क्या होगा जो पहले से इंस्टॉल हैं. क्या इन ऐप्स को फोन से डिलीट करना होगा? या इन ऐप्स को यूज कर पाएंगे? ऐसे ही कुछ जरूरी सवालों के जवाब जानने की हमने कोशिश की है.
बैन किस तरह लागू किया जाएगा?
इस बैन के लागू होने और इन ऐप्स को हटाने के लिए मिनिस्ट्री को गूगल और एपल को एक लीगल नोटिस भेजकर ऐप स्टोर से इन्हें हटाने को कहना होगा.
दूसरा कदम ये होगा कि सरकार टेलीकॉम ऑपरेटर और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISP) से इन ऐप के डेटा ट्रैफिक को रोकने को कहे. इन ऐप्स के चलने के लिए डेटा ही जरूरी होता है.
ये पता नहीं है कि ये ऐप्स कितने दिन बाद काम करना बंद करेंगे.
इस बैन का प्रभाव क्या है?
जो ऐप्स बैन किए गए हैं, उनमें से कई का भारत में बड़ा यूजरबेस है. पिछले साल TikTok के देश में 120 मिलियन एक्टिव यूजर थे. अप्रैल के अंत में प्लेटफॉर्म के 2 बिलियन डाउनलोड हो गए थे.
इस बैन का मतलब है कि ऐसे ऐप्स के यूजर को किसी और विकल्प की तलाश करनी पड़ेगी. ऐसी संभावना है कि इन ऐप्स के कंटेंट क्रिएटर इंस्टाग्राम, YouTube जैसे प्लेटफॉर्म्स पर जा सकते हैं.
क्या बैन स्थायी है?
इस बारे में अभी पता नहीं है.
पिछले साल अप्रैल में मद्रास हाई कोर्ट ने TikTok को भारत में बैन किया था. आरोप था कि प्लेटफॉर्म 'पोर्नोग्राफिक' और 'घटिया' कंटेंट को मंजूरी देता है. हालांकि ऐप को प्लेस्टोर पर कुछ चेक्स के बाद दोबारा लाया गया था.
फिलहाल TikTok और Helo ऐप ने सरकारी अधिकारियों से मिलने की इजाजत मांगी है.
पहले से डाउनलोड किए जा चुके ऐप्स का क्या होगा?
जिन लोगों ने ये ऐप्स पहले से डाउनलोड किए हुए हैं, उन्हें कोई भी डेवलपर सपोर्ट, ऐप डाउनलोड और अपडेट नहीं मिलेगा.
हालांकि लोग इन ऐप्स को इस्तेमाल करना जारी रख सकते हैं लेकिन उन्हें कोई सिक्योरिटी अपडेट नहीं मिलेगा. वो कोई कंटेंट पोस्ट नहीं कर सकेंगे क्योंकि भारत के टेलीकॉम नेटवर्क पर वो सर्वर एक्सेस नहीं कर पाएंगे.
जो ऐप्स ऑफलाइन काम करते हैं, वो करते रहेंगे. जो स्मार्टफोन इन ऐप्स के साथ प्री-इंस्टॉल आते हैं, उनके साथ भी यही होगा.
क्या ऐप्स फोन से अपने-आप डिलीट हो जाएंगे?
ऐप्स अपने-आप डिलीट नहीं होंगे. अगर आप अनइंस्टॉल करना चाहें तो खुद से कर सकते हैं.
बैन किए गए ऐप्स को खुद ही हटाने की सलाह दी जाती है क्योंकि पुराना वर्जन चलाने से साइबर अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
क्या मुझे ऐप डिलीट करने होंगे? अगर मैं इन्हें इस्तेमाल करता हूं तो पेनाल्टी लगेगी?
सरकार के आदेश में इससे जुड़ी जानकारी नहीं है.
सरकार ने सिर्फ ऐप्स को बैन किया है और इस आदेश का पालन नहीं करने पर ISPs, गूगल और एपल पर कार्रवाई हो सकती है. अगर कानून के हिसाब से देखें तो यूजर पर ऐप डिलीट करने की जिम्मेदारी नहीं है.
क्या TikTok से मेरा कंटेंट चला जाएगा?
हमें नहीं पता कि कंटेंट डिलीट कर दिया जाएगा या नहीं, लेकिन यूजर के पास कंटेंट सेव करने का ऑप्शन है.
PUBG बैन क्यों नहीं हुआ? क्या वो चाइनीज ऐप नहीं है?
PUBG चाइनीज एप्लीकेशन नहीं है. ये साउथ कोरियाई वीडियो गेम कंपनी Bluehole की सब्सिडियरी है.
गेम का चाइनीज कनेक्शन इसके पब्लिशर Tencent Holding की वजह से है, ये कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी गेम पब्लिशर में से एक है.
क्या Shein और Club Factory जैसे ऐप्स का डेस्कटॉप वर्जन इस्तेमाल कर सकेंगे?
Counterpoint Research की पवेल नैया से बात करने पर हमें पता चला कि इनकी डेस्कटॉप वेबसाइट चलती रहेंगी क्योंकि ये सीधे तौर पर यूजर डेटा को टारगेट नहीं करती हैं.
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