advertisement
ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए साल 2019 ऐसा रहा जिसे वह फिर दोबारा याद नहीं करना चाहेगा. ऑटोमोबाइल सेक्टर को 2019 में जबरदस्त सुस्ती का सामना करना पड़ा है. ऐसे में ऑटोमोबाइल उद्योग को आने वाले साल 2020 से काफी उम्मीदें हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि नए मॉडलों और अपग्रेड मॉडलों के सहारे 2020 में बाजार में अच्छी पकड़ होगी.
ऑटोमोबाइल कंपनियों के सामने BS-4 से सीधे BS-6 मानक की ओर जाने की सबसे बड़ी चुनौती है. इसके अलावा सुरक्षा नियमों की भी चुनौती है. इससे वाहनों के दाम में भी बढ़ोत्तरी होगी, यह भी बाजार के लिए चुनौती है.
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा का कहना है ,
वढेरा ने कहा कि, अतिरिक्त लागत के इस दबाव से उबरने के लिए सियाम ने सरकार से वाहनों पर GST की दर को 28 से घटकर 18 प्रतिशत करने की मांग की है. साथ ही वाहनों के लिए एक प्रोत्साहन वाली कबाड़ नीति लाने की भी मांग की है.
ऑटोमोबाइल सेक्टर में साल 2019 ब्रिकी की भारी गिरावट की वजह से मोटर कंपनियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कम बिक्री की वजह से कंपनियों को अपने उत्पादन में कटौती करनी पड़ी. बिक्री की गिरावट का आलम ऐसा रहा कि, डीलरशिप से लेकर मोटर पार्ट्स तक करीब 3.5 लाख लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी.
तमाम परेशानियों के बावजूद ऑटोमोबाइल कंपनियों ने उम्मीद नहीं छोड़ी है. दो साल में एक बार होनेवाला ऑटो एक्सपो नजदीक है. ऑटोमोबाइल कंपनियों को उम्मीद है कि ऑटो एक्सपो के जरिए वह अपने उपभोक्ताओं को आकर्षित कर पाएगा.
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी केनिची आयुकावा ने कहा कि, हमें उम्मीद है कि 2020 उद्योग के लिए बेहतर वर्ष साबित होगा. आयुकावा ने कहा कि यह अनुमान लगाना कठित है कि वाहन उद्योग की स्थिति कब तक सुधरेगी लेकिन हमारा मानना है कि यह उद्योग तेजी से आगे बढ़ता रहेगा.
हुंदै मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस एस किम ने कहा,
साल 2019 में ऑटो उद्योग पहले ही अपने निचले स्तर को छू चुका है. सुधार की रफ्तार का अनुमान नहीं है लेकिन कंपनियों का मानना है कि निश्चित रूप से अगले वित्त वर्ष से स्थिति सुधरेगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)