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इस साल नए कड़े क्रैश टेस्ट नियमों के कारण कई कारों में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे या ये हमेशा के लिए बंद हो जाएंगी? सभी मौजूदा कार मॉडलों को अक्टूबर 2019 तक नए क्रैश टेस्ट के मानदंडों को पूरा करना होगा, साथ ही अन्य सभी सेफ्टी फीचर्स को अप्रैल 2019 से चरणबद्ध तरीके से पेश करना होगा. इसके बाद आएगा सबसे बड़ा बदलाव.
भारत में वर्तमान समय में लागू बीएस-IV उत्सर्जन मानकों को अप्रैल 2020 से हटाते हुए सीधे भारत स्टेज-VI के मानदंड लागू कर दिए जाएंगे. इससे भारत इस मामले में दुनिया के अधिकांश विकसित देशों के साथ खड़ा हो जाएगा. साथ ही भारत कई देशों से आगे भी हो जाएगा.
इसका सीधा मतलब यह है कि कुछ इंजन लाइनों में बदलाव नहीं किए जा सकेंगे, जिसके कारण वह बंद कर दिए जाएंगे.
तो कौन सी कारें हैं, जो क्रैश टेस्ट मानदंडों या नए उत्सर्जन मानकों को पूरा नहीं कर पाएंगी?
यहां कुछ पुराने समय की पसंदीदा कारों की एक सूची दी गई है, जो या तो बंद हो जाएंगी या एक नए अवतार में वापस आएंगी.
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मारुती ओमनी 1984 के दौरान लॉन्च हुई थी. यह कार अपनी एक ही डिजाइन के साथ 35 वर्षों तक चलती रही. इन वर्षों के दौरान इसमें मामूली बदलाव किए गए, लेकिन सुरक्षा के मामले में कोई बदलाव नहीं किया गया. इसमें बूस्टर असिस्ट के साथ फ्रंट डिस्क ब्रेक लगाए गए और कार्बोरेटर तकनीक से एमपीएफआई तकनीक तक अपग्रेड किया गया. इसके अलावा इसके फ्रंट-एंड और डैशबोर्ड डिजाइन में मामूली बदलाव किए गए. हालांकि इसके कोई भी क्रैश टेस्ट पास करने की संभावना न के बराबर है.
तो मारुती ओमनी की जगह कौन लेगा? ऐसी संभावना है कि मारुती सुजुकी इको इसकी जगह लेगी. हालांकि इसकी कीमत अधिक होगी, क्योंकि इसमें ड्राइवर एयरबैग, रिइनफोर्स्ड फ्रंटल प्रोटेक्शन, एबीएस और पार्किंग सेंसर मानक सुविधाओं के रूप में होंगे.
टाटा नैनो को मार्च 2009 में काफी धूमधाम के साथ लॉन्च किया गया था. बेस मॉडल के लिए 1,12,000 रुपये के लॉन्च प्राइस टैग के साथ इसे दुनिया की सबसे सस्ती कार माना गया. हालांकि इस कार को भारत के "लोगों की कार" बनाने के प्रयास किए गए लेकिन फिर भी यह लोगों को पसंद नहीं आई.
अफसोस कि टाटा नैनो की जगह कोई कार नहीं ले सकती. कार मौजूदा रूप में नए क्रैश-टेस्ट नियमों को पूरा नहीं करेगी और निराशाजनक बिक्री के कारण टाटा कंपनी इसमें निवेश नहीं करना चाहती है. जनवरी 2019 से टाटा नैनो का उत्पादन रोक दिया गया है.
एक महीने में करीब 20,000 कारें बेचते हुए मारुति कंपनी के लिए मारुति सुजुकी ऑल्टो सबसे अधिक कमाई करने वाली कारों में से एक रही है. एक बार इसने 30,000 कारों का आंकड़ा भी छुआ है. यह कार लॉन्च होने के बाद से लगातार टॉप-थ्री कारों की सूची में रही है. इसमें कई स्टाइलिंग अपडेट और इंजन अपडेट हुई हैं, जो 800 सीसी और 1 लीटर विकल्पों में उपलब्ध हैं. ऑल्टो अपने वर्तमान स्वरूप में आगामी क्रैश टेस्ट पास नहीं करेगी, लेकिन इसे एक अपडेट मिलेगा.
नई मारुति ऑल्टो अक्टूबर 2019 तक आएगी और संभवतः नए हार्टेक्ट प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी. 800 सीसी इंजन को बंद किया जा सकता है, लेकिन K-Series 1-लीटर इंजन को BS-VI मानदंडों में अपग्रेड किए जाने की संभावना है. हां, ऑल्टो के नाम में बदलाव नहीं होगा.
फिएट पुंटो को भारत में 2008 में लॉन्च किया गया था और तब से 2014 में एक नया रूप मिलने तक इसे उसी रूप में बेचा गया. परफॉरमेंस एडिशन अबार्थ पुंटो के साथ-साथ एवेन्चुरा जैसी कार लॉन्च करने के बावजूद कंपनी को इस कार के साथ अधिक सफलता नहीं मिली. फिएट लीनिया (सेडान संस्करण) कार ने भी बिक्री के मामले में ब्रांड के लिए बहुत कुछ नहीं किया है. इसी वजह से कंपनी इस ब्रांड को बंद कर रही है.
फिएट अपने प्रमुख कारोबार, मारुति सुजुकी और टाटा जैसे ब्रांडों को 1.3 लीटर मल्टीजेट डीजल इंजन की आपूर्ति को भी बंद कर देगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि 1.3 लीटर मल्टीजेट डीजल इंजन को BS-VI उत्सर्जन मानकों में अपग्रेड नहीं किया जा सकता है. टाटा और मारुति अपने-अपने स्वयं के डीजल इंजनों पर काम कर रहे हैं.
यह कहना पूरी तरह से सही नहीं होगा कि महिंद्रा थार को 2010 में लॉन्च किया गया था. एक ब्रांड के रूप में महिंद्रा थार 2010 के अंत में पेश तो जरूर हुई थी, लेकिन इसे पहले उसी बॉडी शेल में महिंद्रा MM540/550 सीरीज के रूप में बेचा गया है, जिसे CJ5 बॉडी पर आधारित जीप से लाइसेंस के अंतर्गत बनाया गया था. थार एक लोकप्रिय बेहतरीन ऑफ-रोड वाहन है लेकिन यह आगामी क्रैश-टेस्ट और उत्सर्जन मानकों पर खरी नहीं उतरेगी. लेकिन यह संभावनाओं का अंत नहीं है.
महिंद्रा के तरकश में कुछ छुपे हुए तीर हैं. इस साल के अंत में नई महिंद्रा थार पेश की जाएगी, जो सभी सेफ्टी किट के साथ न्यू-जनरेशन स्कार्पियो के प्लेटफार्म पर बनाई जाएगी. हालांकि बॉडी शेल उसी आइकॉनिक जीप CJ5 डिजाइन (जीप रैंगलर की तरह) पर आधारित होगा. इंजन को भी अपग्रेड किया जाएगा.
टाटा सूमो लंबे समय से भारतीय सड़कों पर बनी रही है. हालांकि महिंद्रा बोलेरो, शेवरले टवेरा और टोयोटा इनोवा जैसी गाड़ियों के बाजार में उतरने के बाद टाटा सूमो की बिक्री में गिरावट आई है और प्रति माह केवल 600 वाहनों की बिक्री ही दर्ज हो रही है.
टाटा सूमो को किस गाड़ी से रिप्लेस किया जायेगा? टाटा कंपनी पिछले साल तक एक “रैप्टर” प्लेटफॉर्म पर काम कर रही थी, लेकिन नवीनतम रिपोर्टों के मुताबिक, प्रोजेक्ट को रोक दिया गया है. फिलहाल अभी इसके रिप्लेसमेंट की कोई संभावना नहीं है.
मारुति सुजुकी जिप्सी भारतीय सशत्र बलों के मुख्य वाहनों में से एक रही है और साथ ही यह रैलियों इत्यादि के लिए एक पसंदीदा वाहन है. उत्सर्जन मानकों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए कुछ हल्के अपग्रेड के साथ इसके लॉन्च के बाद से इसकी डिजाइन में बहुत मामूली बदलाव हुए हैं. लेकिन अफसोस कि यह मारुति सुजुकी जिप्सी का आखिरी समय है.
अटकलें लगाई गईं हैं कि मारुति सुजुकी जिप्सी को सुजुकी जिम्नी से रिप्लेस किया जा सकता है. हालांकि मारुति सुजुकी के अधिकारियों ने इस अफवाह का खंडन किया है क्योंकि उन्होंने सुजुकी जिम्नी की पर्याप्त बिक्री दर्ज नहीं की है.
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