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देश में टू व्हीलर चलाने वालों की सेफ्टी के लिए आईआईटी, रुड़की के तीन छात्रों ने एक 'एयरबैग हेलमेट' विकसित किया है. ये हेलमेट कॉलर की तरह गले के चारों ओर लिपटा होगा. दुर्घटना को भांप कर ये गर्दन और सिर को कवर कर लेगा.
इसका असली कॉन्सेप्ट स्वीडन में अन्ना हॉपट और टेरेसे अल्स्टिन ने बनाया था. उनके हेलमेट की कीमत 335$ यानी 22976 रुपये है. हालांकि आईआईटी के छात्र कह रहे हैं कि उनकी डिजाइन से ये हेलमेट सस्ता हो जाएगा और कीमत करीब 2,000 रुपये होगी. इस हेलमेट से सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं में काफी हद तक बचाव होगा.
देश की सड़कें दुनिया की खतरनाक सड़कों में से हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 27% मौतें रोड एक्सीडेंट की वजह से होती हैं. इनमें टू व्हीलर से होने वाली मौतें भी शामिल हैं, जिनमें सबसे ज्यादा सिर में चोट आती है.
ये हेलमेट केवलर नाम के मजबूत सिंथेटिक फाइबर से बना हुआ है, जो कि बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने के काम आता है. जैसे ही टकराव की स्थिति होगी या झटका महसूस होगा, ये कॉलर जैसा एयरबैग हेलमेट खुल जाएगा और सिर को सभी ओर से घेर लेगा. हालांकि इससे चेहरा कवर नहीं होगा, जबकि साधारण हेलमेट में चेहरा भी कवर होता है.
देश में बहुत सारे लोग बिना हेलमेट के टू व्हीलर चलाते हैं. जो हेलमेट पहनते हैं, उनमें भी ज्यादातर लोग ISI के स्टैंडर्ड वाला हेलमेट नहीं पहनते, जबकि ये हेलमेट इतने भी मंहगे नहीं आते.
एयरबैग हेलमेट एक कॉलर की तरह ही है. इससे आपको भारी हेलमेट से छुटकारा तो मिल जाएगा, लेकिन क्या भारत में कारगर हो पाएगा?
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