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25 मार्च से लॉकडाउन शुरू होने के बाद से, देश में लोगों को राशन समेत जरूरी चीजें खरीदने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहां अधिकतर किराने की दुकानों में सामान खत्म हो रहा है, तो वहीं ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोरी अभी तक पुराने ऑर्डर ही पूरे कर रहे हैं. ऐसे मुश्किल समय में, टेक्नोलॉजी लोगों की मदद के लिए आगे आ रही है. CovidMaps.in नाम के एक ऐप के जरिए आप आसपास के स्टोर और उसमें मिलने वाले सामान की जानकारी पा सकते हैं.
इस ऐप को डेस्कटॉप और मोबाइल पर एक्सेस किया जा सकता है. ये सर्विस अभी बेंगलुरू और कनाडा के वैंकुवर में शुरू हुई है. 30 मार्च को डेब्यू के बाद से इस प्लेटफॉर्म पर 2,000 लोग आ चुके हैं. CovidMaps.in को कुछ वॉलिंटियर्स ने बनाया है जो इसे अब दूसरे शहरों और देशों में बढ़ाने को सोच रहे हैं.
प्लेटफॉर्म के बारे में बात करते हुए, CovidMaps.in के को-फाउंडर संजीव राव ने क्विंट को बताया कि अभी इस प्लेटफॉर्म पर 350 स्टोर हैं और हर मिनट एक नया ऐड हो रहा है.
इस प्लेटफॉर्म के पीछे संजीव राव और फाणी किशन का दिमाग है. दोनों एक-दूसरे को कॉलेज के दिनों से जानते हैं और साथ में दोनों ने स्विगी में काम भी किया है. राव ने कहा, "हमने लॉकडाउन में लोगों की मदद करने के बारे में सोचा."
इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स अपने आसपास के स्टोर के बारे में जानकारी डाल सकते हैं. इसकी प्रक्रिया गूगल मैप्स की तरह ही है. क्योंकि ये वेब-बेस्ड ऐप है, तो कंपनी की तरफ से कोई लोकेशन या यूजर की जानकारी नहीं स्टोर की जाएगी, जिससे प्राइवेसी का खतरा नहीं है.
जहां आजकल ज्यादातर लोग बिग बास्केट और ग्रॉफर्स जैसे ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोरी से सामान ऑर्डर करना पसंद करते हैं, इस ऐप से लोग अपने पास के स्टोर से जा कर सामान खरीद सकते हैं.
क्राउडसोर्स से जानकारी लेने वाले प्लेटफॉर्म में कंटेंट हाईजीन जैसे मुद्दे देखने को मिलते हैं. राव का कहना है कि CovidMaps इन सभी का मुकाबला करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, "लोग विकीपीडिया पर भी गलत जानकारी डाल सकते हैं. इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि जानकारी सही हो."
इस काम के लिए ग्रुप ने 100 लोगों की एक मॉडरेशन टीम बनाई है, जो इस बात का ध्यान रखेगी कि प्लेटफॉर्म से सभी गलत जानकारी और भाषा डेटाबेस से हटा दिया जाए.
इसके अलावा, राव ने कहा कि प्लेटफॉर्म जल्द ही लोगों को स्टोर ढूंढने के आसान तरीका ऑफर करेगा. इसके लिए, बैकेंड में प्रोडक्ट टैग ऐड किए जाएंगे, जिससे लोग अपनी जरूरत के हिसाब से फिल्टर कर पाएंगे. तो जैसे अगर कोई सैनेटाइजर खरीदने जा रहा है, तो वो ये कीवर्ड/टैग सर्च कर सकता है.
राव का मानना है कि क्राउडसोर्स्ड मॉडल से, आप डिमांड को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक के साथ खुले एक स्टोर को लेकर आश्वस्त हो सकते हैं. इसके साथ ही, ये सर्विस स्विगी गो और Dunzo जैसी हाइपर-लोकल डिलीवरी सर्विस की मदद कर सकता है.
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