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फेक न्यूज का पता लगाने के लिए वॉट्सऐप ने हाल ही में 'टिपलाइन' नाम से एक सर्विस लॉन्च की थी. वॉट्सऐप ने अब सफाई देते हुए कहा कि ये सर्विस हेल्पलाइन नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल रिसर्च के लिए किया जाएगा.
टिपलाइन सर्विस में एक नंबर दिया गया है, जिसपर मैसेज भेजकर यूजर फेक न्यूज का पता लगा सकते हैं. वॉट्सऐप ने एक मीडिया स्किल स्टार्ट-अप प्रोटो के साथ इस सर्विस को लॉन्च किया था.
वॉट्सऐप के एक प्रवक्ता ने कहा कि घोषणा का उद्देश्य ये बताना नहीं था कि सभी यूजर्स को चुनाव के दौरान गलत सूचना के बारे में सुझावों का जवाब मिलेगा.
इस सर्विस में यूजर्स गलत सूचना या अफवाहों को WhatsApp पर Checkpoint Tipline (+91-9643-000-888) भेज सकते हैं. यूजर के टिपलाइन के साथ मैसेज शेयर करने के बाद, प्रोटो का वेरिफिकेशन सेंटर मैसेज की सत्यता की जांच करने के बाद यूजर को बताएगा कि मैसेज में किया गया दावा सच है झूठ.
इस सर्विस को लॉन्च करते समय वॉट्सऐप ने कहा था कि ये प्रयास चुनावों की सुरक्षा में योगदान करेगा. वहीं अब प्रोटो ने कहा,
प्रोटो के बयान के बाद ये बात साफ हो गई है कि आने वाले लोकसभा चुनावों में ये सर्विस किसी काम की नहीं होगी.
भारत में बढ़ती फेक न्यूज की समस्या वॉट्सऐप के लिए बड़ी मुश्किल बनती जा रही है. पिछले साल इस प्लेटफॉर्म पर वायरल फेक न्यूज के चलते कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. इसके बाद केंद्र सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए वॉट्सऐप को इसपर लगाम लगाने के लिए कहा था.
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