Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Tech and auto  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019नये IT नियम: OTT प्लेटफॉर्म कर रहे न्यूज चैनलों की स्ट्रीमिंग बंद

नये IT नियम: OTT प्लेटफॉर्म कर रहे न्यूज चैनलों की स्ट्रीमिंग बंद

SonyLIV ने की न्यूज चैनलों की स्ट्रीमिंग बंद

क्विंट हिंदी
टेक और ऑटो
Published:
<div class="paragraphs"><p>OTT प्लैटफॉर्म कर रहे न्यूज चैनलों की स्ट्रीमिंग बंद</p></div>
i

OTT प्लैटफॉर्म कर रहे न्यूज चैनलों की स्ट्रीमिंग बंद

(फोटो-अलटर्ड बाई द क्विंट)

advertisement

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी नए IT नियमों, 2021 में 'ओवर द टॉप' (OTT) प्लेटफॉर्मों के लिए न्यूज स्ट्रीमिंग के मुद्दे पर सफाई की कमी के चलते OTT प्लेटफॉर्मों ने अब न्यूज स्ट्रीम को हटाने की कवायद शुरू कर दी है.सूचना एवं दूरसंचार मंत्रालय द्वारा नए IT नियमों का पालन करने के लिए दी गई 15 दिन की डेडलाइन 10 जून को समाप्त हो गई है.

SonyLIV ने अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ चैनलों की स्ट्रीमिंग बंद कर दी है जबकि Disney+Hotstar, zee5 और Voot ने न्यूज चैनलों के साथ अपने डील को रिन्यू ना करने का निर्णय लिया है.इसका प्रभाव OTT प्लेटफॉर्मों के रेवेन्यू पर पड़ेगा. दूसरी तरफ इसका नकारात्मक प्रभाव न्यूज चैनलों के डिजिटल प्रसार और उनके कमाई पर भी पड़ना तय है.

इसके अलावा IT नियमों को लागू करते हुए गुरुवार को 14 OTT प्लेटफॉर्मों के समूह ने अपने शिकायत निवारण बोर्ड की अध्यक्षता के लिए पूर्व SC जज अर्जन कुमार सीकरी के नाम की घोषणा की है.

नए IT नियम और OTT की पहेली

26 मई को सूचना एवं दूरसंचार मंत्रालय ने पब्लिक नोटिस जारी करके न्यूज़ एवं करेंट अफेयर प्रकाशकों एंव OTT प्लेटफॉर्मों को नये IT नियमों का पालन करने और संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए 15 दिन की डेडलाइन दी थी जो 10 जून को समाप्त हो गई.

IT नियमों, 2021 में OTT प्लेटफॉर्म (जिन्हें उसमे 'ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट' का प्रकाशक कहा गया है) के लिए अपने कंटेंट को उम्र आधारित पांच कैटेगरी में बांटना अनिवार्य कर दिया गया है:

  • U (यूनिवर्सल)

  • U/A 7+

  • U/A 13+

  • U/A 16+

  • A (एडल्ट)

OTT प्लेटफॉर्म के लिए असमंजस की स्थिति यह है कि उसकी परिभाषा में तो 'न्यूज और करंट अफेयर' को शामिल नहीं किया गया है लेकिन आगे यह भी लिखा है कि उनके लिए हर कंटेंट को कैटेगरी में बांटना जरूरी है, जबकि OTT प्लेटफॉर्म के लिए न्यूजों को उम्र आधारित रेटिंग देना असंभव है.

OTT प्लेटफॉर्मों का मत है कि सरकार को IT नियमों में स्पष्ट रूप से लिखना चाहिए था कि OTT प्लेटफॉर्म को न्यूज की रेटिंग नहीं करनी है. लेकिन इसके अभाव में उनके लिए वैधानिक रूप से सबसे सुरक्षित रास्ता अपने प्लेटफॉर्म से न्यूज स्ट्रीम बंद करना ही है. SonyLIV ने अपने ऐप से न्यूज चैनलों की लाइव स्ट्रीमिंग अब बंद कर दी है जबकि अन्य OTT प्लेटफॉर्म जैसे Disney+Hotstar, zee5 और Voot ने न्यूज चैनलों से अपने लाइसेंस डील को रिन्यू करने से इंकार कर दिया है. इसका प्रभाव OTT प्लैटफॉर्म के साथ-साथ न्यूज चैनलों पर भी पड़ेगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

FDI पर नकेल: OTT पर न्यूज स्ट्रीम बंद होने का दूसरा कारण

नये नियमों को लाने के पहले 2019 में केंद्रीय सरकार ने डिजिटल न्यूज़ के लिए अधिकतम 26% FDI की सीमा तय कर दी थी. इसके अलावा सरकार ने CEO का भारतीय होना और 60 दिनों की अवधि से ज्यादा समय से कार्यरत विदेशी कर्मचारियों का सिक्योरिटी क्लीयरेंस करवाना अनिवार्य कर दिया था.

इस स्थिति में नए IT नियम आने के बाद OTT प्लेटफॉर्मों के लिए सबसे सुरक्षित लीगल विकल्प न्यूज स्ट्रीम बंद करने का ही था क्योंकि अधिकतर OTT का स्वामित्व विदेशी हाथों में है. ऐसे में डर है कि न्यूज प्रसारित करने पर कहीं उन पर 26% की सीमा लागू न होने लगे.

न्यूज चैनलों पर प्रभाव

मीडिया इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के अनुसार लीडिंग न्यूज चैनलों का एक OTT प्लेटफॉर्म से सलाना लाइसेंस डील कम से कम 5 करोड़ का होता है, यानी अगर एक न्यूज चैनल ने चार या पांच OTT प्लेटफॉर्म को अपना राइट बेचा है तो उसे अब लगभग 20 से 25 करोड़ का सालाना घाटा उठाना पड़ेगा.

न्यूज चैनलों के लिए घाटा सिर्फ रेवेन्यू का नहीं है बल्कि डिजिटल पहुंच का भी है.दर्शकों के 'सेटेलाइट बेस्ड टीवी' से 'इंटरनेट बेस्ड टीवी' की ओर मुड़ने के कारण न्यूज चैनलों के लिये उनके डिजिटल रिच का एक प्रमुख स्रोत OTT प्लेटफॉर्म थें. लेकिन नए IT नियमों के बाद की अस्पष्टता से उनके डिजिटल पहुंच के कम होने का खतरा है.

पूर्व SC जज होंगे शिकायत निवारण बॉडी के अध्यक्ष

गुरुवार को OTT इंडस्ट्री बॉडी IAMAT ने कहा कि पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज अर्जन कुमार सीकरी हाल ही में बने डिजिटल पब्लिशर कंटेंट ग्रीवेंस काउंसिल (DPCGC) के शिकायत निवारण बोर्ड (GRB) के अध्यक्ष होंगे. वर्तमान में DPCGC में 14 OTT प्लेटफार्म शामिल हैं-

Amazon Prime Video, Alt Balaji, Apple, BookMyShow Stream, Eros Now, Firework TV, Hoichoi, Hungama, Lionsgate Play, MX Player, Netflix, Reeldrama, Shemaroo और Ullu.

नए IT नियमों के मुताबिक तीन स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र बनना है और GRB उसके दूसरे स्तर की स्वतंत्र बॉडी होगी.

12 जून सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि जब किसी डिजिटल न्यूज प्रकाशक की कोई भी खबर OTT प्लेटफॉर्म पर प्रसारित की जाती है तो ऐसे कंटेंट उस प्लेटफॉर्म की नियामक की जिम्मेदारी से बाहर होंगे. अगर किसी OTT प्लेटफॉर्म को इस तरह की खबरों या कंटेंट को लेकर कोई शिकायत मिलती है तो वह इस मामले को उस खबर से संबंधित प्रकाशक को ट्रांसफर कर सकता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT