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दुनियाभर में एक अरब से ज्यादा लोग वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं. भारत में भी ये सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला मैसेजिंग एेप है. जाहिर है वॉट्सऐप के जरिए फैलाई गई कोई भी चीज ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचती है चाहे वो खबर हो या अफवाह. लेकिन वॉट्सऐप पर फेक न्यूज जितना बड़ा सर दर्द बना हुआ है, उससे भी बड़ा खतरा है यहां भेजे जा रहे फेक कूपन और डिस्काउंट ऑफर.
बिना चेक किए लगातार फॉरवर्ड करने की लोगों की आदत का फायदा उठा रही हैं कुछ धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां.
किसी कंपनी में चल रहे 50 फीसदी से ज्यादा के डिस्काउंट की जानकारी या 10 लोगों को भेजने पर मिलने वाला कोई बड़ा ऑफर, ऐसे मैसेज वॉट्सऐप पर रोज मिलते हैं. ये देखने में तो किसी भी कंपनी के प्रमोशनल मैसेज की तरह ही लगते हैं, लेकिन होते स्कैम हैं.
ऐसे मैसेज से लोगों को कई तरह के खतरे हैं, लेकिन पहले समझिए कि इस तरह के स्कैम मैसेज भेजे क्यों जाते हैं.
ज्यादातर मैसेज देखने से ऐसे लगते हैं, जैसे खुद कंपनी ने भेजा हो, लेकिन जब आप इन लिंक्स पर क्लिक करेंगे, तो ये आपको कई दूसरी वेबसाइट पर ले जाते हैं.
इन फेक वायरल मैसेज से इन कारणों से फैलाए जाते हैं:
इन साइट्स के लगातार बढ़ने का कारण है लोगों के डेटा की बढ़ती डिमांड. ये कंपनियां अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों का नाम इस्तेमाल करती हैं, जिससे लोग इन पर आसानी से क्लिक कर लें. लोग डिस्काउंट और फ्री साामन के झांसे में आकर इ-मेल और फोन नंबर जैसी जानकारियां दे देते हैं, जिससे ये कंपनियां अपना डेटाबेस बनाकर बेच सकती है.
‘फिशिंग’ और ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं.
वैसे तो कोई भी नामी कंपनी किसी भी सेल या कूपन की जानकारी देने के लिए वॉट्सऐप का इस्तेमाल नहीं करती. लेकिन अगर किसी भी मैसेज की सच्चाई का परखना चाहते हैं, तो इन बातों पर गौर करें.
URL को ध्यान से देखें
फेक लिंक देखने में किसी नामी कंपनी के लिंक की कॉपी लगेंगे, लेकिन उनमें कोई न कोई चीज कंपनी के असली URL से अलग होती है. कई बार ये फर्क इतना छोटा होता है कि आपको देखने से पता भी नहीं चलेगा.
जैसे इस मेसेज में जो URL है, उसे देखने से लगेगा कि ये Dmart की वेबसाइट का है, लेकिन अगर अप स्पेलिंग पर नजर डालें, तो DmartIndia में जो पहला i है दरअसल स्मॉल L (l) है.
उसी तरह से कई धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां अपने URL में कंपनी का नाम तो ठीक लिखती हैं, लेकिन ये लिंक .com या .in की जगह किसी अलग तरह के डोमेन पर खुलते हैं. इसलिए ध्यान दें कि असली साइट का लिंक कैसा है, ताकि आप असली और नकली में फर्क कर सकें.
दूसरा तरीका है कि ऐसी किसी भी ऑफर की जानकारी के लिए गूगल सर्च करें या फिर जिस कंपनी के नाम से जानकारी भेजी गई है, उस कंपनी की ऑफिशियल साइट पर चेक करें. कोई भी ऑफर होने पर कंपनियां जानकारी अपने साइट के होम पेज या अपने वेरिफायड फेसबुक या ट्विटर प्रोफाइल पर देती हैं.
साथ ही अनजान नंबरों से आने वाले मैसेज से सतर्क रहें. कई बार ऐसे मैसेज अनजान नंबरों से वॉट्सऐप ग्रुप्स में सिर्फ फैलाने के लिए भेजे जाते हैं. अगर मैसेज भेजने वाले को आप नहीं जानते, तो किसी भी लिंक पर क्लिक न करें.
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