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देश अब स्पेस में सुपरपावर की कैटेगरी में शामिल हो गया है. दरअसल अब भारत ने अंतरिक्ष से ही मिसाइल दागने की ताकत हासिल कर ली है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बताया कि हमारे वैज्ञानिकों ने 'मिशन शक्ति' के तहत अंतरिक्ष में मौजूद एक घूमते हुए सैटेलाइट को मार गिराया.
खास बात ये है कि ऐसी तकनीकी महारत भारत से पहले सिर्फ तीन देशों, रूस, चीन और अमेरिका के पास थी. इस उपलब्धि के साथ ही भारत ने स्पेस पावर के क्षेत्र में और ऊंची छलांग लगाई है.
'मिशन शक्ति' की कामयाबी के बाद मोदी ने डीआरडीओ और इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि हमें उन पर गर्व है.
धरती से करीब होने के कारण ऐसे सैटेलाइट पर ग्रैविटी का ज्यादा जोर होता है. लिहाजा इन्हें धरती पर गिरने से बचाने के लिए ज्यादा ईंधन और खर्च की जरूरत होती है. ऐसे में एक विकल्प ये है कि इन्हें नष्ट ही कर दिया जाए.
''हमने जो नई क्षमता प्राप्त की है, ये किसी के खिलाफ नहीं है, ये अपनी सुरक्षा के लिए है. भारत हमेशा से अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के खिलाफ रहा है, मिशन शक्ति से इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. मिशन शक्ति किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून या संधि-समझौतों का उल्लघंन नहीं करता है. हम आधुनिक तकनीक का उपयोग देश के 130 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए करना चाहते हैं. विश्व में स्पेस और सैटेलाइट का महत्व बढ़ता जाएगा. शायद जीवन इसके बिना अधूरा हो जाएगा. ऐसी स्थिति में इन सभी उपकरणों की सुरक्षा भी उतना ही अहम है. मिशन शक्ति की कामयाबी से हर हिन्दुस्तानी के लिए बड़े गर्व का मौका है.''
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