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इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2019 की शुरुआत हो चुकी है. टेलीकॉम और मोबाइल की दुनिया के लोग बेसब्री से इस मेले का इंतजार करते हैं. इस बार मोबाइल कांग्रेस में 5जी एप्लीकेशन पर खास फोकस है. टेलीकॉम इंडस्ट्री के इस मेगा इवेंट को टेक्नॉलॉजी और कई तरह के इनोवेटिव प्रोडक्ट्स के लिए जाना जाता है. इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2019 में कई बड़ी और स्टार्टअप कंपनियां हिस्सा ले रही हैं.
क्विंट हिंदी भी इस मेगा इवेंट को कवर करने दिल्ली के ऐरोसिटी पहुंचा है. टेक और टेलीकॉम से जुड़ी हर LIVE अपडेट के लिए इस ब्लॉग के साथ जुड़े रहिए.
एयरटेल ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वो इंडियन मोबाइल कांग्रेस में अपने 5जी नेटवर्क को प्रदर्शित करेगा. इसके अलावा एयरटेल इस इवेंट में बिजनेस और स्मार्ट सिटी के लिए भी कई तरह के डिजिटल समाधान बताएगा.
टेक्नोलॉजी का यह मेला 14 अक्टूबर से लेकर 16 अक्टूबर तक राजधानी दिल्ली में चलेगा. इस मेगा इवेंट के उद्घाटन के मौके पर कई बड़ी कंपनियों के सीईओ भी मौजूद रहेंगे. इस इवेंट का उद्घाटन गृहमंत्री अमित शाह करेंगे. उनके साथ सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद भी होंगे.
पिछले साल की तरह इस साल भी 5जी प्रोडक्ट की भरमार देखने को मिलेगी. उम्मीद की जा रही है कि मोबाइल कांग्रेस में 5जी प्रोडक्ट की भरमार रहेगी. कई लोगों को उम्मीद थी कि 2019 में भारत में 5जी की नीलामी देखने को मिलेगी, जिससे भारत में 5जी युग की शुरुआत होगी. लेकिन टेलीकॉम कंपनियां 5जी ऑक्शन को लेकर खासी उत्साहित नहीं दिख रही हैं.
इंडियन मोबाइल कांग्रेस में क्विंट भी जानने पहुंचा है कि टेक्नोलॉजी के इस मेले में क्या कुछ खास होने जा रहा है. एयरटेल, वोडाफोन और जियो इंटरनेट और ब्रॉडबैंड को लेकर अपने कई प्रोडक्ट लॉन्च करने वाले हैं.
रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों के लिए एक नई सुविधा दी है. अगर ग्राहक को किसी भी चीज के बारे में कस्टमर केयर में कॉल करना है तो उसे वीडियो कॉल की तरह सुविधा मिलेगी. स्क्रीन पर एक आदमी दिखाई देगा, जो असल में कोई शख्स नहीं बल्कि एप्लीकेशन से चलने वाली टेक्नोलॉजी होगी.
जियो ने अपना एक सीसीटीवी और सर्विलांस सिस्टम भी लॉन्च किया है. जिसमें किसी भी कार का नंबर खुद ही पहचान लिया जाएगा. वहीं यह एक ऐसा सर्विलांस सिस्टम होगा, जिसे किसी भी ऐप से हैंडल किया जा सकेगा. किसी भी सोसाइटी के लोग इस सिस्टम को इस्तेमाल कर सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मोबाइल कांग्रेस में कहा कि 2014 में जहां सिर्फ दो मैन्युफेक्चर कंपनियां थीं, वहीं अब भारत में 268 मोबाइल कंपनियां चल रही हैं. इनमें से कुछ दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक हैं. यह दर्शाता है कि कैसे देश में मैन्युफेक्चरिंग टेक्नोलॉजी बढ़ी है.
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