advertisement
ISRO| वर्ष 2023 को देश की अंतरिक्ष एजेंसी - भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए अंतरग्रहीय मिशन का साल कहा जा सकता है. चंद्रयान की शुक्रवार को लॉन्चिंग के बाद इसरो का अगला मिशन सौर यान का है.
इसरो अगस्त के अंत में सौर वातावरण का अध्ययन करने के लिए ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)/रॉकेट पर अपना कोरोनोग्राफी उपग्रह आदित्य एल1 भेजेगा.
इसरो के अनुसार, अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के पहले लैग्रेंज बिंदु (एल1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा.
L1 बिंदु के आसपास उपग्रह बिना किसी बाधा के लगातार सूर्य को देखने देख सकेगा. इसरो द्वारा चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान द्वारा ले जाए जा रहे अपने लैंडर को चंद्रमा की धरती पर उतारने के प्रयास के कुछ दिनों बाद आदियता एल1 मिशन होने की उम्मीद है.
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने कहा है कि वह इसरो के अगले इंटरप्लेनेटरी मिशन - सौर मिशन आदित्य एल1 के लिए ट्रैकिंग सहायता प्रदान करेगी.
आदित्य-एल1 का नाम हिंदू सूर्य देवता और अंतरिक्ष यान के भविष्य के घर के नाम पर रखा गया है. वहीं एल1 - पृथ्वी-सूर्य प्रणाली का पहला लैग्रेंज बिंदु है. ईएसए ने कहा, यह कई गुणों का अध्ययन करेगा, जैसे कि कोरोनल मास इजेक्शन की गतिशीलता और उत्पत्ति.
इसरो ने 2024 में शुक्र के लिए एक उड़ान - वीनस मिशन - भी निर्धारित किया है. क्या यह 'शुक्र के लिए रात्रि उड़ान' होगी, यह बाद में पता चलेगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)