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AAP की ऋचा मिश्रा ने की सरकार के एंटी-स्टॉकिंग बिल प्रस्ताव पर बात

AAP की महिला विंग ने क्विंट की मुहिम को दिल्ली के हजारों घरों तक पहुंचाया

गर्विता खैबरी
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AAP की महिला विंग ने क्विंट की मुहिम को दिल्ली के हजारों घरों तक पहुंचाया
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AAP की महिला विंग ने क्विंट की मुहिम को दिल्ली के हजारों घरों तक पहुंचाया
(फोटो: क्विंट)

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स्टॉकिंग को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में एक बिल प्रस्ताव पेश किया. क्विंट की पहल #TalkingStalking से प्रेरणा लेकर इस बिल प्रस्ताव को तैयार किया गया जिसमें स्टॉकिंग को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखने की वकालत की गई है.

क्विंट के इस अभियान को जबर्दस्त जनसमर्थन मिला. स्टॉकिंग का सामना करने वाले कई लोगों ने अपनी आपबीती हमारी खास सीरीज- Talking Stalking चुप्पी तोड़ो के जरिए साझा कीं.

फिलहाल, स्टॉकिंग आईपीसी कानून के तहत जमानती अपराध है. जिसका नतीजा ये होता है कि स्टॉकिंग जैसे गंभीर अपराध में शामिल अपराधी को आसानी से बेल मिल जाती है. ऐसा होने से स्टॉकिंग सर्वाइवर को एसिड अटैक, रेप या कत्ल तक का सामना करना पड़ सकता है.

आम आदमी पार्टी की दिल्ली महिला विंग की अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता ऋचा पांडे मिश्रा ने सरकार के भीतर और बाहर अभियान के लिए जरूरी समर्थन जुटाया. जमीनी स्तर तक स्टॉकिंग से जुड़े मुद्दे पहुंचाए. महिला कार्यकर्ताओं के जरिए, ऋचा ने घर-घर जाकर 15 हजार से ज्यादा दस्तखत इकट्ठे किए.

हमारा समाज लैंगिक आतंकवाद से जूझ रहा है. सूरज डूबने के बाद महिलाएं घर से बाहर निकलने तक से डरती हैं. हमें देश की सोच बदलने के साथ-साथ कानून में भी बदलाव लाने होंगे.
ऋचा पांडे मिश्रा
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डॉ. शशि थरूर और कामिनी जायसवाल का साथ

क्विंट को इस मिशन में डॉ. शशि थरूर और कामिनी जायसवाल का साथ भी मिला है. वरिष्ठ वकील कामिनी जायसवाल के साथ मिलकर क्विंट ने एक ड्राफ्ट तैयार किया है जिसमें स्टॉकिंग को गैर-जमानती अपराध बनाने का प्रस्ताव है. इसमें उन दलीलों को शामिल किया गया है जो स्टॉकिंग जैसे गंभीर अपराध को जमानती अपराध की श्रेणी से बाहर निकालने की वकालत करते हैं. क्विंट ने डॉ. शशि थरूर के दफ्तर के साथ मिलकर इस संबंध में एक प्राइवेट मेंबर बिल तैयार किया जिसे संसद में दाखिल कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- स्टॉकिंग पर गृहमंत्री से मिले थरूर, राजनाथ ने दिया बदलाव का भरोसा

स्टॉकिंग बने गैर-जमानती अपराध

स्टॉकिंग एक जमानती अपराध है. जिसकी वजह से स्टॉकर, बिना किसी गहरी जांच-पड़ताल के जमानत पर छूट जाते हैं. इसका एक असर ये भी होता है कि स्टॉकिंग का सामना करने वाले लोगों के लिए बड़ा खतरा पैदा हो जाता है जैसे एसिड अटैक, रेप या हत्या तक.

यही वजह है कि क्विंट ने वर्णिका कुंडू के साथ मिलकर change.org पर एक पिटीशन जारी की है जिसे 1 लाख 70 हजार लोग साइन कर चुके हैं. क्विंट इस पिटीशन के जरिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अपील करता है कि स्टॉकिंग को एक गैर-जमानती अपराध बनाने संबंधित कानून जल्द से जल्द लाया जाए.

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